
विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को गांधी पार्क में आयोजित एक समारोह में भारतीय सैनिकों की वीरता को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने 1971 के युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों को याद करते हुए कहा, “हमारे वीर सैनिकों ने 1971 के युद्ध में न केवल भारत की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा की, बल्कि दुश्मन को रणभूमि में पराजित कर यह साबित कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह युद्ध स्वतंत्र भारत के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है जिसने दुनिया को दिखा दिया कि भारत न केवल अपनी संप्रभुता की रक्षा कर सकता है, बल्कि मानवता और न्याय की रक्षा के लिए भी खड़ा हो सकता है। 13 दिनों में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर देने वाली भारतीय सेना ने इस युद्ध में लगभग एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था।
शहीदों का सम्मान और उत्तराखंड के वीर सैनिकों की बहादुरी
मुख्यमंत्री ने युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह भी कहा कि उत्तराखंड के 255 वीर सपूत इस युद्ध में शहीद हुए थे। इन शहीदों को युद्ध के बाद विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीदों के परिजनों को उनके बलिदान के लिए धन्यवाद देते हुए राज्य सरकार की तरफ से सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवारों को नौकरियों में वरीयता देने का निर्णय लिया है साथ ही शहीदों के परिजनों को मिलने वाली अनुदान राशि में वृद्धि की गई है। इसके अतिरिक्त वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को मिलने वाली अनुदान राशि में भी बढ़ोतरी की गई है।
सेना का मनोबल
मुख्यमंत्री ने 2014 से पूर्व की सेना की स्थिति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “2014 से पहले सेना के शौर्य को राजनीतिक चश्मे से देखा जाता था। दुश्मन के हमले का जवाब देने के लिए सेना को आदेश लेना पड़ता था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब भारतीय सेना को बिना आदेश के दुश्मन का जवाब देने की स्वतंत्रता मिली है। अब सेना हर क्षेत्र में पराक्रमी बनकर गोलियों का जवाब गोलों से दे रही है।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना को सम्मान मिल रहा है और अब भारतीय रक्षा उद्योग आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब केवल अपनी रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भर नहीं है बल्कि विभिन्न देशों को रक्षा सामग्री निर्यात करने में भी सफल हो रहा है।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की निंदा करते हुए कहा, “जिस बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने के लिए हमारे सैनिक शहीद हुए वही बांग्लादेश अब सांप्रदायिक ताकतों के बहकावे में आकर हमारे खिलाफ अपशब्द बोल रहा है।” उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार और हिंसा ने मानवता के मूल्यों पर गहरा आघात किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को इस संबंध में अवगत करा दिया है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा, “भारत हमेशा शांति और सहिष्णुता का पक्षधर रहा है, लेकिन हमारी सद्भावना को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। हम अगर ‘धूल से फूल’ बनाना जानते हैं, तो ‘धूल में मिलाना’ भी जानते हैं।”
उत्तराखंड के विकास पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास की दिशा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की धरती से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा और राज्य सरकार इसी संकल्प को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बेरोजगारी घट रही है और नीति आयोग के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है।
वीरांगनाओं और वीर माताओं के लिए परिवहन सुविधा
मुख्यमंत्री ने राज्य के शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर माताओं को भी निःशुल्क बस यात्रा की सुविधा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार परिवहन निगम की बसों में शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर माताओं को निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी।”
सैनिक कल्याण मंत्री और अन्य नेताओं की उपस्थिति
समारोह में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक खजान दास, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, एसएसपी देहरादून अजय सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब एक प्रमुख सैनिक शक्ति बन गया है और 70 से अधिक देशों को रक्षा सामग्री निर्यात की जा रही है।