
उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ शनिवार, 3 मई को होगा, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुबह 10 बजे ट्रांजिट कैंप से बसों को हरी झंडी दिखाकर यात्रा की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर उनके साथ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, वन मंत्री सुबोध उनियाल, और विधायक प्रेमचंद अग्रवाल भी उपस्थित रहेंगे।
यह यात्रा केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन को मजबूती देने वाला प्रमुख आयोजन है। इस वर्ष यात्रा को और अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और पारंपरिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
शुभ मुहूर्त में होगी यात्रा की शुरुआत
चारधाम यात्रा संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में अध्यक्ष भूपाल सिंह नेगी ने जानकारी दी कि चारधाम यात्रा का शुभ मुहूर्त 3 मई को निर्धारित किया गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चारधाम बस सेवा का औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा।
नेगी ने बताया कि यह कार्यक्रम देहरादून के ट्रांजिट कैंप में आयोजित होगा, जहाँ से बसें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होंगी। उत्तराखंड सरकार की ओर से ट्रांजिट कैंप को विशेष रूप से सजाया गया है और इसे आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान से जोड़ने की कोशिश की गई है।
यात्रियों के लिए विशेष भोजन व्यवस्था
इस बार की यात्रा में प्रशासन ने श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत से भी जोड़ने का प्रयास किया है। ट्रांजिट कैंप में यात्रियों को उत्तराखंड का पारंपरिक व्यंजन “भड्डू की दाल” और भात परोसे जाएंगे। खास बात यह है कि यह भोजन श्रद्धालु पत्तल (पत्ते की थाली) में जमीन पर बैठकर ग्रहण करेंगे — जो राज्य की पारंपरिक खानपान संस्कृति को दर्शाता है। यह पहल न केवल यात्रियों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तराखंड की स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को भी बढ़ावा देने का प्रयास है।
चारधाम और लोकल रूट पर संतुलन
भूपाल सिंह नेगी ने यह भी स्पष्ट किया कि चारधाम यात्रा के कारण स्थानीय रूटों पर बस सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि बसों का आवंटन चारधाम यात्रा और लोकल रूटों के बीच 60:40 के अनुपात में किया गया है। इससे सुनिश्चित किया गया है कि स्थानीय यात्रियों को असुविधा न हो और चारधाम यात्रीगण भी निर्बाध यात्रा कर सकें।
यह प्रबंधन खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चारधाम यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में बसें चारधाम मार्गों पर लगाई जाती हैं, जिससे कभी-कभी स्थानीय रूट प्रभावित हो जाते थे।
चेक पोस्ट विवाद और समाधान
प्रेसवार्ता में रोटेशन समिति के पूर्व अध्यक्ष संजय शास्त्री ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि सत्यनारायण में परिवहन विभाग की एक चेक पोस्ट स्थापित की गई है, जो यात्रा नियंत्रण के लिए आवश्यक है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि ऋषिकेश आने वाली बसों को धर्मशाला की पर्ची जांच के नाम पर रोका जा रहा है, जिससे स्थानीय व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा: “धर्मशालाओं में रुकने की पर्ची दिखाना अनिवार्य नहीं होना चाहिए। इससे न केवल यात्रियों को असुविधा होती है, बल्कि ऋषिकेश के होटल और व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं।”
इस संबंध में परिवहन विभाग से समन्वय और लचीलापन की अपील की गई है।
आयोजन में प्रमुख लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर यातायात कंपनी के निवर्तमान अध्यक्ष मनोज ध्यानी, वरिष्ठ सदस्य दिनेश बहुगुणा, नवीन तिवाड़ी और अन्य कई पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी ने यात्रा की तैयारी, व्यवस्था और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।