
महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार की ओर से ठोस कदम, महिलाओं के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों, विशेष रूप से मातृशक्ति, को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस दिन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि मातृशक्ति के योगदान के बिना किसी भी समाज या राष्ट्र का संपूर्ण विकास संभव नहीं है। उन्होंने भारतीय संस्कृति में महिलाओं की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया, जिसमें महिलाओं की पूजा शक्ति के रूप में की जाती रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संदेश में कहा कि महिला समाज न केवल मार्गदर्शक है, बल्कि प्रेरणा का स्त्रोत भी है। उनका मानना है कि महिलाओं के योगदान को नज़रअंदाज किया जाना किसी भी समाज या राष्ट्र के लिए हानिकारक हो सकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके बेहतर भविष्य के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख भी किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उनका यह मानना है कि महिलाओं का उत्थान और उन्हें सशक्त बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य में महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया है, साथ ही उत्तराखंड सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। उनका यह कदम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में समान अवसर देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए ‘लखपति दीदी’ योजना का उल्लेख किया। इस योजना के तहत अब तक एक लाख महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को छोटे व्यवसायों और कृषि कार्यों में दक्ष बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष तक इस योजना के तहत लखपति दीदी की संख्या को 2.50 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह योजना महिलाओं को न केवल वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाने में मदद करती है, बल्कि यह उन्हें विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अपने कारोबार को बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत महिलाएं विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेकर खुद का व्यवसाय स्थापित कर रही हैं, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य सरकार की ओर से किए गए एक और महत्वपूर्ण कदम का उल्लेख किया, जो महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों से जुड़ा है – समान नागरिक संहिता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस कानून को लागू कर राज्य की जनता से किया गया वादा पूरा किया है। समान नागरिक संहिता महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के साथ-साथ समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत बनाता है।
समान नागरिक संहिता की मदद से महिलाएं अपने अधिकारों को बेहतर तरीके से समझ सकती हैं और उन्हें प्राप्त करने में सक्षम होंगी। यह कानून महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कौशल विकास की महत्वता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की आर्थिकी को मजबूती प्रदान करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को लागू कर रही है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को निखार सकती हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकती हैं।
कौशल विकास के तहत महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकें और खुद का कारोबार स्थापित कर सकें। इससे न केवल महिलाओं की आर्थिकी मजबूत होती है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की भूमिका को भी सशक्त करता है।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाओं को लागू कर रही है, जिनसे उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को और भी मजबूत किया जा रहा है। उनका कहना था कि महिलाओं का सशक्तिकरण राज्य की समृद्धि और विकास में अहम भूमिका निभाता है, और इसलिए उनकी सरकार इस दिशा में निरंतर काम करती रहेगी।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य की महिलाओं को प्रेरित किया कि वे अपने अधिकारों का उपयोग करें और समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं को किसी भी प्रकार के भेदभाव और शोषण से बचाने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने समाज में महिलाओं की स्थिति पर भी विचार करते हुए कहा कि महिलाएं समाज के सबसे मजबूत स्तंभ हैं। वे परिवार की संरचना को बनाए रखती हैं और समाज के विभिन्न कार्यों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाती हैं। उनका यह मानना है कि महिलाओं के बिना किसी समाज का विकास संभव नहीं है। उन्होंने भारतीय संस्कृति में महिलाओं की पूजा को उदाहरण के तौर पर पेश किया और यह बताया कि भारतीय समाज में महिलाओं को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखा गया है।
समाज में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार कई योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से उनका सम्मान बढ़ा रही है और उन्हें हर क्षेत्र में बराबरी का अवसर देने की दिशा में काम कर रही है।