
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 21 फरवरी को आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि दोनों दलों ने दिल्ली की जनता की समस्याओं का समाधान करने की बजाय केवल नारेबाजी की है। उनका कहना था कि उनकी सरकार ने अपने पहले ही दिन आयुष्मान भारत योजना को पारित किया, जिससे यह साबित होता है कि उनकी सरकार त्वरित निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध है।
रेखा गुप्ता, जो 20 फरवरी को 6 अन्य मंत्रियों के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थीं, ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सत्ता में लौटने को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और AAP ने दिल्ली में शासन करते हुए जनता के अधिकारों की रक्षा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की पहली प्रतिक्रिया
रेखा गुप्ता ने कहा, “हमने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को पारित किया। यह वही योजना थी जिसे AAP ने वर्षों तक रोककर रखा था। लेकिन हमने शपथ लेते ही इसे मंजूरी दे दी।” उनका दावा था कि उनकी सरकार निर्णय लेने में तेजी दिखा रही है, जबकि विपक्षी दल केवल प्रचार के माध्यम से जनता को गुमराह करते हैं।
रेखा गुप्ता ने अपनी सरकार के फैसलों को तीव्र और पारदर्शी बताया। उन्होंने कहा, “हमने पहले सत्र में वह रिपोर्ट पेश की, जो पहले कभी नहीं दी गई थी। यह हमारी सरकार की पारदर्शिता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।” उनका यह बयान विपक्षी दलों को लेकर था, जिनकी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पारदर्शी तरीके से वे डर गए हैं।
AAP पर योजनाओं को रोकने का आरोप
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विपक्षी पार्टी AAP पर एक गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “AAP ने आयुष्मान भारत योजना को वर्षों तक रोककर रखा। लेकिन हमारी सरकार ने शपथ लेने के तुरंत बाद इसे मंजूरी दे दी। यह साबित करता है कि हम त्वरित निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उनका आरोप था कि AAP ने जनता के कल्याण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए और सिर्फ राजनीति की।
रेखा गुप्ता ने AAP के शासन के दौरान दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य सरकारी योजनाओं की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने यह कहा कि दिल्ली सरकार ने योजनाओं को लागू करने में जितना समय बर्बाद किया, उससे यह साबित होता है कि उनकी प्राथमिकताएं केवल प्रचार और राजनीति में थी, न कि जनता के वास्तविक मुद्दों पर।
कांग्रेस और AAP को सलाह
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कांग्रेस और AAP को आंतरिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। उन्होंने दावा किया कि दोनों दलों के अंदर इतनी समस्याएं हैं कि उनके कई सदस्य अपनी पार्टियां छोड़ने के लिए तैयार हैं। रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि दोनों दलों को पहले अपनी पार्टी के भीतर सुधार लाने चाहिए और फिर जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा, “BJP दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए पूरी तरह से समर्पित है। हम पारदर्शिता और सटीकता के साथ काम करेंगे।” उनके अनुसार, उनकी सरकार के पास दिल्लीवासियों के लिए कुछ ठोस योजनाएं हैं, जो पिछले शासन में पूरी तरह से नज़रअंदाज की गईं।
दिल्लीवासियों से किए गए वादे
रेखा गुप्ता ने दिल्लीवासियों से यह वादा किया कि उनकी सरकार ने जो भी वादे किए हैं, उन्हें वह पूरी तरह से पूरा करेगी। उन्होंने पहले ही दिन यमुना घाट का दौरा करके सफाई अभियान शुरू किया और यह भी सुनिश्चित किया कि उनके 100% वादे पूरे हों। उनका मानना है कि किसी भी सरकार का असली मूल्य इसके कार्यों में निहित होता है, न कि सिर्फ भाषणों और नारेबाजी में।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के आगामी कार्यों की योजना के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली को साफ, सुरक्षित और समृद्ध बनाया जाए। हम हर क्षेत्र में सुधार लाने के लिए काम करेंगे, चाहे वह स्वास्थ्य हो, शिक्षा हो या बुनियादी सुविधाएं हों।”
पारदर्शिता और निर्णय लेने की तत्परता
रेखा गुप्ता ने अपनी सरकार की विशेषताओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी सरकार की सबसे बड़ी ताकत पारदर्शिता और निर्णय लेने की तत्परता है। उन्होंने कहा, “हमने पहले ही दिन कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, और आने वाले समय में हम ऐसे कई और कदम उठाएंगे जो दिल्ली के विकास में सहायक साबित होंगे।”
उनका यह भी कहना था कि उनकी सरकार को लेकर विपक्षी दलों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि उनके द्वारा उठाए गए फैसले जनता में लोकप्रिय हो रहे हैं और इससे उनका राजनीतिक एजेंडा कमजोर हो रहा है।
विपक्षी दलों की आलोचना
रेखा गुप्ता ने विपक्षी दलों, विशेषकर AAP और कांग्रेस, की आलोचना करते हुए कहा कि उनका ध्यान सिर्फ अपनी राजनीति और पदों पर केंद्रित था, न कि दिल्ली की जनता के भले पर। उनका कहना था, “दिल्ली की जनता ने हमारे ऊपर विश्वास किया है, और हम यह विश्वास कभी टूटने नहीं देंगे।”
उन्होंने यह भी कहा, “विपक्षी दलों को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास करना चाहिए और यह समझना चाहिए कि नारेबाजी से कुछ नहीं होगा। जनता को ठोस कार्यों की आवश्यकता है, न कि सिर्फ भाषणों की।”