
उत्तराखंड में आगामी 30 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसी क्रम में राज्य के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने शनिवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर यात्रा मार्ग, पुनर्निर्माण कार्यों और व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्य सचिव ने इस दौरान यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा, स्वच्छता और आपातकालीन सेवाओं की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। यात्रा मार्ग की संवेदनशीलता और लाखों श्रद्धालुओं की अपेक्षित भीड़ को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण होनी चाहिए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बेली ब्रिज और आस्था पथ का निरीक्षण
शनिवार को केदारनाथ धाम पहुंचे मुख्य सचिव ने सबसे पहले मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर बनाए गए बेली ब्रिज का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इन दोनों पुलों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है, जिससे यात्रियों के आवागमन में अब और अधिक सहूलियत होगी। यह पुल न केवल आवाजाही के लिए सहायक होंगे, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में राहत कार्यों के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होंगे।
इसके साथ ही उन्होंने ‘आस्था पथ’ पर बने रेन शेल्टरों का भी जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेन शेल्टरों में एलईडी साइनेज लगवाए जाएं, जिससे यात्रियों को रास्ते में शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और अन्य आवश्यक सुविधाओं की जानकारी स्पष्ट रूप से मिल सके।
यात्रियों को गर्म पानी और बेहतर स्वच्छता का निर्देश
केदारनाथ धाम की ठंडी जलवायु को देखते हुए मुख्य सचिव ने कतारों में खड़े यात्रियों को गर्म पानी की सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े श्रद्धालु ठंड से परेशान न हों, इसके लिए हर जरूरी इंतजाम किए जाएं।
स्वच्छता के मुद्दे पर मुख्य सचिव ने विशेष जोर दिया। मंदिर परिसर से लेकर आस्था पथ तक साफ-सफाई की स्थिति का निरीक्षण करते हुए उन्होंने शौचालयों की नियमित सफाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) को निर्देश दिए कि सभी कॉटेजों की समय से मरम्मत और सफाई का कार्य पूरा किया जाए।
रुद्र प्वाइंट और घोड़ा पड़ाव का निरीक्षण
मुख्य सचिव ने रुद्र प्वाइंट और घोड़ा पड़ाव जैसे यात्रियों के विश्राम और संचालन के प्रमुख स्थलों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने इन स्थानों पर भीड़ प्रबंधन, पीने के पानी की उपलब्धता, चिकित्सा सेवाएं और विश्राम सुविधाओं की समीक्षा की।
इस दौरान जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने जानकारी दी कि चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पैदल मार्गों की मरम्मत, ठहरने की जगहों की व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, संचार और आपातकालीन सेवाओं को और सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यात्रा शुरू होने से पहले शेष सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
पुलिस बल और आपदा प्रबंधन की पूरी तैयारी
यात्रा की सुरक्षा को लेकर पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि पूरे यात्रा मार्ग पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नियमित चेकिंग, भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि आपदा प्रबंधन से जुड़ी टीमें अलर्ट मोड पर रहेंगी ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जा सके। यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।
यात्रियों के लिए डिजिटल जानकारी प्रणाली
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर डिजिटल साइनेज और सूचना बोर्ड लगाए जाएं। इन बोर्डों के माध्यम से यात्रियों को मौसम की जानकारी, आपातकालीन नंबर, चिकित्सा सहायता केंद्र और अन्य आवश्यक सूचनाएं प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल नेटवर्क की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी संकट की स्थिति में तीर्थयात्री सहायता मांग सकें और प्रशासन से जुड़ सकें।
तीर्थयात्रियों के लिए विश्वास का माहौल जरूरी
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि चारधाम यात्रा केवल धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि श्रद्धालु यहां विश्वास और सुरक्षा की भावना के साथ आएं और बिना किसी असुविधा के अपनी यात्रा पूर्ण करें।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हर तीर्थयात्री को सम्मान, सुविधा और सुरक्षा का अनुभव होना चाहिए। इसके लिए हर विभाग को सक्रिय और जिम्मेदार भूमिका निभानी होगी।