
बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा बिहार में चल रही एसआईआर (स्पेशल इलेक्टोरल रिव्यू) प्रक्रिया पर सवाल उठाने और आगामी विधानसभा चुनावों के बहिष्कार की धमकी देने के बाद, केंद्र सरकार में मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने तेजस्वी यादव को सीधी चुनौती देते हुए कहा है कि “अगर वाकई हिम्मत है तो बहिष्कार करके दिखाएं।”
“एक बार हिम्मत करके दिखाएं” – चिराग की सीधी चुनौती
‘आज तक’ से विशेष बातचीत में चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के बयानों को राजनीतिक नौटंकी बताया। “तेजस्वी यादव ने पहले ईवीएम का बहाना बनाया, अब वोटर लिस्ट को लेकर हल्ला कर रहे हैं। अगर व्यवस्था पर विश्वास नहीं है तो सच में बहिष्कार कर दीजिए। एक बार हिम्मत करके दिखा दें। वरना जनता को बार-बार बेवकूफ बनाने का खेल बंद करें।”
चिराग ने यह भी कहा कि जब तेजस्वी और उनकी पार्टी ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के खिलाफ मोर्चा खोला था, तब भी वे कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए। अब जब ईवीएम का मुद्दा ठंडा पड़ गया है, तो वोटर लिस्ट और एसआईआर की समीक्षा प्रक्रिया को नई बहस का मुद्दा बना रहे हैं।
“हर दो-तीन साल में नया बहाना चाहिए”
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा,“हर दो-तीन साल में इन्हें कोई नया बहाना चाहिए। जनता भी अब इन बातों से ऊब चुकी है। ईवीएम वाला मुद्दा लोग सुन-सुन कर थक चुके हैं। अब वोटर लिस्ट की बारी आ गई है। कल को कुछ और ढूंढ लेंगे।” चिराग ने विपक्ष के रवैये को “राजनीतिक सुविधावाद” करार देते हुए कहा कि जब चुनाव परिणाम उनके पक्ष में आते हैं, तो वे प्रणाली पर सवाल नहीं उठाते। लेकिन हार का डर होते ही पूरी प्रक्रिया को कठघरे में खड़ा कर देते हैं।
चिराग लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, सामान्य सीट से करेंगे शुरुआत
राज्य की सियासत में एक और बड़ा बयान देते हुए चिराग पासवान ने साफ कर दिया कि वह इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में खुद भी उम्मीदवार के रूप में उतरेंगे। उन्होंने कहा: “मैं सोच रहा था कि 2030 तक इंतजार करूं, लेकिन तब तक बहुत देर हो जाएगी। पार्टी ने मुझे सुझाव दिया है कि मैं सामान्य सीट से चुनाव लड़ूं। मैं उस पर गंभीरता से विचार कर रहा हूं और संभवतः सामान्य सीट से ही मैदान में उतरूंगा।”
यह बयान चिराग की बिहार की राजनीति में प्रत्यक्ष और निर्णायक भूमिका की ओर इशारा करता है। चिराग के इस फैसले को 2025 के चुनावों के लिए बड़ा सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है, खासकर तब जब राज्य में भाजपा और जदयू के बीच समीकरण पहले से ही संवेदनशील हैं।
“नीतीश पर व्यक्तिगत विश्वास है, गलत को गलत कहूंगा”
चिराग पासवान, जो हाल के दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करते दिखे हैं, उनसे जुड़ी चर्चाओं पर भी प्रतिक्रिया दी। एक ओर जहां वे एनडीए का हिस्सा हैं और चुनाव प्रचार में नीतीश के लिए काम करेंगे, वहीं उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की कमियों को उजागर करना उनकी जिम्मेदारी है। “देखिए, घर में भी कुछ गलत हो रहा हो तो बोलते हैं न। कानून-व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है, और अगर उसमें कमियां हैं तो उस पर बोलना ही होगा।”
चिराग ने स्पष्ट किया कि उनके नीतीश कुमार से व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री की क्षमता पर भरोसा जताया। “मेरी उनसे व्यक्तिगत मुलाकात होती रहती है। मैं मानता हूं कि वे राज्य का नेतृत्व करने के लिए पूर्णतः सक्षम हैं। लेकिन विपक्ष का काम केवल मुद्दे गढ़ना रह गया है। जब कोई असली मुद्दा नहीं होता, तो वे फर्जी मुद्दे खड़े करते हैं।”
नीतीश कुमार की तबीयत को लेकर बयानबाजी पर नसीहत
पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत को लेकर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं। इस पर चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव और विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा: “नीतीश जी आज भी बहुत सक्रिय हैं। सरकार चला रहे हैं, फैसले ले रहे हैं। उनकी तबीयत को लेकर झूठ फैलाना एक गिरा हुआ राजनीतिक हथकंडा है। जनता सब समझती है।”
राजनीति में “जनता की भावना” महत्वपूर्ण: चिराग
चिराग पासवान ने कहा कि आने वाला विधानसभा चुनाव जनता की भावना पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि आज बिहार का युवा विकास और स्थिरता चाहता है, न कि “बयानबाजी और ड्रामा”।“जनता अब वादों में नहीं, काम में विश्वास करती है। और हम उसे यही देने जा रहे हैं—विकास, स्थिरता और पारदर्शिता।” उन्होंने अपने चुनावी एजेंडे में शिक्षा, स्वास्थ्य, युवाओं के लिए रोजगार, और बेहतर कानून-व्यवस्था को मुख्य प्राथमिकताएं बताया।