
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर अपनी सादगीपूर्ण शैली से लोगों का दिल जीत लिया। रविवार को उन्होंने मोगा जिले के एक गांव में पेड़ की छांव में बैठकर ग्रामीणों के साथ खुलकर संवाद किया। न तो मंच सजा था, न ही सोफे या सरकारी तामझाम। सीएम ने ग्रामीणों से आमने-सामने बात की और उनसे ‘रंगला पंजाब’ के निर्माण के लिए सुझाव मांगे। इस अनौपचारिक बैठक में किसानों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने अपनी बात खुलकर मुख्यमंत्री के सामने रखी।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि आजादी के बाद पहली बार कोई मुख्यमंत्री गांव की ज़मीन पर बैठकर उनकी बात सुन रहा है। बैठक में न केवल कृषि और जल संकट जैसे मुद्दे उठाए गए, बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं पर भी सीधी चर्चा हुई।
सिंचाई में क्रांतिकारी बदलाव
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बातचीत के दौरान बताया कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला था, उस वक्त पंजाब में केवल 21 प्रतिशत नहर का पानी ही सिंचाई के लिए इस्तेमाल हो रहा था। लेकिन उनकी सरकार के प्रयासों से यह आंकड़ा अब 63 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि, “आज हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि नदियों और नहरों का पानी गांवों के अंतिम छोर तक पहुंचे। यह पंजाब के सूखते खेतों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है।” मान ने कहा कि कृषि के लिए भूजल पर निर्भरता कम करना सरकार की प्राथमिकता है। “हम जल संरक्षण और सतही जल के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि भावी पीढ़ियों को भी पर्याप्त पानी मिल सके।”
धान की खेती में बदलाव से किसानों को राहत
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार राज्य सरकार ने धान की खेती के सीजन में बदलाव किया है ताकि अक्टूबर में अधिक नमी के कारण किसानों को फसल बेचने में परेशानी न हो। “हमने क्षेत्रवार धान की खेती को नियंत्रित किया है और इसकी सूचना पहले ही किसानों तक पहुंचाई जा चुकी है। अब किसान समय से फसल काट सकेंगे और इसे बेहतर कीमत पर बेच भी सकेंगे,”। इसके साथ ही मान ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय खाद्य मंत्री से संपर्क कर 15 सितंबर से धान की खरीद शुरू करने का अनुरोध किया है। इससे किसानों को समय पर फसल बेचने और बेहतर भुगतान मिलने में सहायता मिलेगी।
मादक पदार्थों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
पंजाब में लंबे समय से गंभीर समस्या बने मादक पदार्थों के खिलाफ मुख्यमंत्री ने सरकार के रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि, “ड्रग माफिया को पहले की सरकारों ने संरक्षण दिया था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमारी सरकार ने नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।” उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि अब तक हजारों नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और राज्यभर में एंटी ड्रग टास्क फोर्स सक्रिय है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए अंतरराज्यीय एजेंसियों से भी सहयोग लिया जा रहा है।
जल संकट पर गहरी चिंता
पंजाब में जल संकट को लेकर मुख्यमंत्री मान ने गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य के 153 ब्लॉकों में से 117 ब्लॉक अब ‘ब्लैक डार्क जोन’ में आ चुके हैं। “यह खतरे की घंटी है। हमें अब सतही जल के उपयोग की ओर बढ़ना होगा और भूजल का अत्यधिक दोहन रोकना होगा,” उन्होंने कहा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे ड्रिप इरिगेशन और माइक्रो सिंचाई तकनीकों को अपनाएं ताकि जल की बचत हो सके।
भव्य शादियों पर मुख्यमंत्री की सलाह: “सादगी अपनाएं, कर्ज से बचें”
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ग्रामीणों से भव्य और खर्चीली शादियों को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि आजकल विवाह समारोहों में फिजूलखर्ची की होड़ आम हो गई है, जो सीधे तौर पर गरीब और मध्यमवर्गीय किसानों पर भारी पड़ती है। “हमारे गांवों में लोग समाज के डर से कर्ज लेकर शादियां करते हैं और फिर कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं। यह परंपरा बदलनी होगी,” उन्होंने कहा। सीएम मान ने सादगीपूर्ण विवाह को समय की मांग बताया और ग्रामीणों से अपील की कि वे समाज में इस दिशा में पहल करें।
बिना सुरक्षा घेरे के मुख्यमंत्री से मुलाकात
इस पूरे आयोजन में किसी प्रकार की वीआईपी व्यवस्था नहीं थी। मुख्यमंत्री मान न तो किसी मंच पर बैठे, न ही उनके चारों ओर सुरक्षा का घेरा था। वह आम ग्रामीणों के बीच जाकर बैठ गए और उन्हें नाम से पुकारते हुए बातचीत की।
गांव के एक बुजुर्ग बलवंत सिंह ने कहा, “मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार देखा है कि कोई मुख्यमंत्री बिना किसी तामझाम के हमारे खेतों में आकर हमसे बात कर रहा है।” एक महिला किसान ने बताया कि मान साहब ने उनकी बेटी की शिक्षा के बारे में पूछा और आश्वासन दिया कि यदि किसी सरकारी योजना में परेशानी हो तो वह सीधे सीएम हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
‘रंगला पंजाब’ की रूपरेखा में ग्रामीणों की भागीदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें नीचे तक लागू करना है, आम जनता की भागीदारी से। ‘रंगला पंजाब’ अभियान के तहत वह स्वयं गांव-गांव जाकर लोगों की राय ले रहे हैं। इस अभियान का लक्ष्य राज्य को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से समृद्ध बनाना है। उन्होंने कहा, “आपके सुझाव हमारे लिए नीति निर्धारण का आधार बनेंगे। अगर हम पंजाब को रंगला बनाना चाहते हैं तो इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।”