
पुंछ और पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अपने शासकीय आवास पर एक उच्चस्तरीय आपात बैठक की। बैठक में प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा, विशेष रूप से चारधाम यात्रा मार्ग की सुरक्षा, और राज्य में रह रहे अवैध पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान को लेकर अहम निर्णय लिए गए।
मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश में रह रहे अवैध पाकिस्तानी नागरिकों की त्वरित पहचान की जाए और उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में कहा, “राज्य की शांति और सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। जो भी व्यक्ति कूटनीतिक, प्रशासनिक या विधिक प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए राज्य में अवैध रूप से रह रहा है, उसके खिलाफ तत्काल और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।”
कूटरचित दस्तावेज़ों के माध्यम से हो रही गड़बड़ी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विशेष रूप से उन मामलों पर ध्यान देने को कहा जहां अवैध तरीके से दस्तावेज बनवाकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी नहीं है, बल्कि राज्य की सुरक्षा से भी जुड़ा गंभीर मुद्दा है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों की गहराई से जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी सजा दिलाई जाए।
सत्यापन अभियान को मिलेगी गति
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किरायेदारों, बाहरी श्रमिकों और संदिग्ध नागरिकों का सत्यापन अभियान और अधिक तेज किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि स्थानीय स्तर पर पुलिस एवं प्रशासन इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाए और सत्यापन में कोताही बरतने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
विशेष रूप से मकान मालिकों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे किरायेदारों का पुलिस सत्यापन नहीं कराते हैं, तो उनके विरुद्ध अर्थदंड लगाया जाएगा। यह निर्णय राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
चारधाम यात्रा मार्ग पर विशेष सतर्कता
बैठक में आगामी 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा को लेकर भी व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाए और सुरक्षा तंत्र को हाई अलर्ट पर रखा जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि यात्रा मार्ग पर कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दे, तो उसे तत्काल हिरासत में लिया जाए। साथ ही, स्थानीय जनता को सतर्क रहने के लिए जागरूक किया जाए। इस उद्देश्य से सरकार एक टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी जिस पर आम लोग किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दे सकेंगे।
आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए कि वे राज्य की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाएं, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो पड़ोसी राज्यों से लगते हैं।
केंद्र से समन्वय बढ़ाने के निर्देश
बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार और खुफिया एजेंसियों के साथ लगातार समन्वय बनाए रखा जाए ताकि आतंकी गतिविधियों से जुड़ी किसी भी जानकारी को तुरंत साझा किया जा सके।
टोलफ्री नंबर और नागरिकों की भूमिका
राज्य सरकार द्वारा एक टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर जारी करने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। इस नंबर के माध्यम से आम नागरिक संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दे सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सुरक्षा केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें प्रत्येक नागरिक की भागीदारी भी ज़रूरी है। उन्होंने अपील की कि आम लोग सतर्क रहें और यदि किसी को भी कोई संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि नजर आती है, तो तुरंत पुलिस या प्रशासन को सूचित करें।