
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरेली में सोमवार को आयोजित स्वागत और अभिनन्दन समारोह के दौरान समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की सफलता पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह कानून संविधान का मूल है, और इसे उत्तराखंड में लागू करके राज्य ने संविधान निर्माताओं को एक सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।
समान नागरिक संहिता (UCC) का उद्देश्य पूरे देश में एक समान कानून की व्यवस्था को लागू करना है, जिससे समाज में व्याप्त भेदभाव, असमानता और कुरीतियों को समाप्त किया जा सके। मुख्यमंत्री धामी ने इस कानून को लागू करने के पीछे अपने प्रेरणास्त्रोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों को बताया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम एक सशक्त भारत की ओर बढ़ रहे हैं।
धामी ने अपने संबोधन में कहा कि UCC लागू होने के बाद कई सामाजिक कुरीतियों पर कड़ा अंकुश लगेगा। उन्होंने विशेष रूप से तीन तलाक, हलाला जैसी घटनाओं और श्रद्धा जैसे हत्याकांडों पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद जताई। उनका कहना था, “अब कोई आफताब श्रद्धा जैसी निर्दोष महिला को जाल में फंसा कर उसके साथ ऐसा जघन्य अपराध नहीं कर सकेगा। लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि जब भी उत्तराखंड की मुस्लिम महिलाएं उनसे मिलती हैं, तो वे इस कानून के लागू होने पर आभार व्यक्त करती हैं। उनका कहना है कि इस कानून के कारण एक धर्म विशेष में व्याप्त कुरीतियों से निजात मिल रही है। इसके अलावा, मामूली कारणों पर तीन बार तलाक देकर घर से बाहर किए जाने का सिलसिला भी अब खत्म हो जाएगा।
धामी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, और उत्तराखंड ने भी उसी दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा, “हमने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इससे राज्य में सभी के लिए समान व्यवस्था सुनिश्चित होगी। यह एक बड़ा कदम है जो समानता और न्याय की ओर बढ़ने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का बरेली में इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में भव्य स्वागत किया गया। इस समारोह में धामी के विचारों को न केवल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों बल्कि स्थानीय समाज के विभिन्न वर्गों ने भी सराहा। समारोह में बरेली मेयर और इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति उमेश गौतम ने मुख्यमंत्री धामी की जमकर तारीफ की और कहा कि धामी ने उत्तराखंड में कुछ असंभव सा प्रतीत होने वाला कार्य कर दिखाया है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री धामी ने जो कदम उठाए हैं, वे अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणा साबित होंगे।”
गौतम ने बताया कि धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड के देवस्थलों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। उन्होंने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं बनाई हैं, और आदि कैलाश जैसे महत्वपूर्ण स्थलों की महत्ता को उजागर किया है।
कानूनविद् प्रोफेसर हरिवंश दीक्षित ने समान नागरिक संहिता के लागू होने को एक ऐतिहासिक घटना बताते हुए कहा कि यह कानून संविधान निर्माता के सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने कहा कि जब संविधान तैयार हो रहा था, तब समान नागरिक संहिता को लागू करने का संकल्प लिया गया था ताकि देश में समानता का भाव स्थापित हो सके, लेकिन अब तक इसकी कोई गंभीरता से योजना नहीं बनाई गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह निश्चित ही एक उदाहरण बनेगा। इसके तहत देश में समानता का पालन किया जा सकेगा और इसके जरिए समाज में व्याप्त असमानता को दूर किया जा सकेगा।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य ने भी समान नागरिक संहिता के लागू होने पर मुख्यमंत्री धामी की तारीफ की। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड सरकार ने जिस तरह से समान नागरिक संहिता लागू करने का साहस दिखाया, वह अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण है। जहां वोट बैंक की राजनीति ने देश के अन्य हिस्सों में इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया, वहीं उत्तराखंड सरकार ने इसे लागू करके यह साबित कर दिया कि राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक समानता की दिशा में काम किया जा सकता है।”