
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी क्षेत्र में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार पूरी तरह से जनता के साथ खड़ी है और पीड़ितों को राहत पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने ज़िला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि जलभराव और मलबा आने से हुए नुकसान का तत्काल प्रभाव से आकलन किया जाए और इसकी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र तैयार कर राज्य सरकार को भेजी जाए।
कुपड़ा खड्ड से मलबा आने से यमुना नदी में बनी अस्थायी झील
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्यानाचट्टी के पास यमुना नदी में कुपड़ा खड्ड गदेरे से आए मलबे के कारण बनी अस्थायी झील का भी जायज़ा लिया। इस झील का निर्माण नदी के प्रवाह में मलबे के जमाव के चलते हुआ है, जिससे यमुना नदी का बहाव रुक गया है और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
सीएम धामी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि झील के मुहाने को चौड़ा किया जाए ताकि जल निकासी शीघ्र संभव हो सके। साथ ही नदी मार्ग में जमा गाद और मलबा को जल्द से जल्द हटाया जाए ताकि किसी भी प्रकार की संभावित आपदा से बचा जा सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेताया कि झील के फटने या अधिक जलभराव की स्थिति में downstream क्षेत्रों में गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए सतर्कता और त्वरित कार्रवाई जरूरी है।
कुपड़ा-कुंशाला पुल का निरीक्षण और वैकल्पिक रास्ते का निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुए कुपड़ा-कुंशाला पुल का भी स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पुल के पुनर्निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था की तत्काल नियुक्ति की जाए और निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की देरी न हो।
जब तक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होता, तब तक वैकल्पिक पैदल मार्ग को व्यवस्थित किया जाए ताकि स्थानीय निवासियों और यात्रियों को आवाजाही में असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि किसी भी आपात स्थिति के दौरान वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है और इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यमुनोत्री मार्ग को शीघ्र बहाल करने के निर्देश
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते यमुनोत्री यात्रा मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है, जिससे न केवल स्थानीय निवासियों को बल्कि तीर्थयात्रियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यमुनोत्री मार्ग धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे यथाशीघ्र सुचारू रूप से बहाल किया जाए।
उन्होंने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित मार्गों की मरम्मत और चौड़ीकरण का कार्य तेजी से शुरू किया जाए और जहां आवश्यक हो, वहां वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि भारी मशीनरी और आवश्यक संसाधनों की तैनाती तत्काल की जाए ताकि मार्ग जल्द खोला जा सके।
आलू किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा के निर्देश
आपदा के चलते क्षेत्र में किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है, विशेषकर आलू की फसल को। आवाजाही बाधित होने के कारण किसान अपनी फसल को बाज़ार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री धामी ने आलू की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि आलू उत्पादकों की फसल का आंकलन कर एक यथोचित MSP घोषित किया जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।
संकट की घड़ी में सरकार हर पीड़ित के साथ: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावित हर परिवार के साथ खड़ी है। प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित परिवारों का समुचित आंकलन कर उन्हें राहत सामग्री, मुआवज़ा और पुनर्वास सहायता शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह समय सरकार और जनता के बीच विश्वास को और मजबूत करने का है। हम सभी प्रभावित लोगों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।”
जिला प्रशासन को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने जिला अधिकारी (DM) को राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह प्रभावित लोगों तक तत्काल राहत सामग्री पहुंचाए और उनके पुनर्वास के लिए उचित इंतजाम करे।
उन्होंने जलभराव और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त घरों, फसलों और सार्वजनिक संपत्तियों का आंकलन शीघ्र पूरा कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपने को कहा ताकि क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके।