
नई दिल्ली, 8 मई 2025 – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से शिष्टाचार भेंट कर राज्य की सड़कों और अधोसंरचना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियों में हाल के वर्षों में तेज़ी से हुई वृद्धि के चलते उत्तराखंड की सड़कें यातायात के अत्यधिक दबाव में आ गई हैं। ऐसी स्थिति में राज्य की विकास प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए इन परियोजनाओं का शीघ्र क्रियान्वयन अति आवश्यक हो गया है।
मुख्यमंत्री ने गडकरी से मुलाकात के दौरान कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां विषम हैं, और वहां की सड़कें न केवल स्थानीय लोगों के लिए जीवनरेखा हैं, बल्कि पर्यटन और धार्मिक यात्रा के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान करोड़ों श्रद्धालु राज्य में आते हैं, जिससे यातायात व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ता है। इसलिए राज्य में सड़क अवसंरचना को मजबूत करना न केवल राज्य की विकास यात्रा के लिए आवश्यक है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए भी जरूरी है।
₹367.69 करोड़ की प्रतिपूर्ति की मांग
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) के अंतर्गत शेष ₹367.69 करोड़ की प्रतिपूर्ति शीघ्र राज्य सरकार को करने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में इस निधि से संबंधित परियोजनाओं में कार्य किया है, जिसकी शेष राशि का भुगतान केंद्र सरकार से अपेक्षित है।
राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश बाईपास परियोजना को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह करते हुए बिहारीगढ़ से रोशनाबाद तक के 33 किलोमीटर लंबे राज्य मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस मार्ग को एनएच घोषित करने से न केवल यातायात बेहतर होगा, बल्कि औद्योगिक और पर्यटक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। इसके साथ ही, काठगोदाम से पंचेश्वर तक 189 किलोमीटर लंबे मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग में शामिल करने की मांग की गई।
देहरादून की ट्रैफिक समस्या के समाधान हेतु एलिवेटेड रोड
देहरादून शहर की प्रमुख समस्याओं में से एक ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए मुख्यमंत्री ने बिंदाल और रिस्पना नदियों के ऊपर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड को एनएच-07 के लूप के रूप में स्वीकृति देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह योजना देहरादून की ट्रैफिक प्रणाली को नया जीवन देगी और शहरवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।
मानसखण्ड परियोजना के तहत मंदिरों से जुड़ी सड़कें
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने मानसखण्ड परियोजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इस योजना के तहत पौराणिक मंदिरों से जुड़ी कुल 508 किलोमीटर लंबी 20 सड़कों को अपग्रेड किया जाना है। इस परियोजना की कुल लागत ₹8,000 करोड़ अनुमानित की गई है। उन्होंने परियोजना के प्रथम चरण के लिए ₹1,000 करोड़ की धनराशि शीघ्र स्वीकृत करने का अनुरोध किया।
खटीमा रिंग रोड और पंतनगर एयरपोर्ट के पुनः संरेखण से जुड़ी मांगें
मुख्यमंत्री धामी ने खटीमा में रिंग रोड निर्माण के साथ-साथ पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से प्रभावित एनएच-109 के पुनः संरेखण के बाद प्रस्तावित बाईपास सड़क निर्माण हेतु संशोधित लागत ₹371.84 करोड़ की राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षेत्र कृषि, उद्योग और शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, और सुदृढ़ सड़क कनेक्टिविटी से इन क्षेत्रों को व्यापक लाभ मिलेगा।
मेट्रो कॉरिडोर और अन्य चौड़ीकरण परियोजनाएं
देहरादून में प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर को लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्र से ₹110 करोड़ की अतिरिक्त सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। साथ ही एनएच 507 पर बाड़वाला से लखवाड़ बैंड तक (28 किमी) और एनएच 534 पर दुगड्डा से गुमखाल तक (18.10 किमी) सड़कों के चौड़ीकरण की परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति देने का भी आग्रह किया।
केंद्र का सकारात्मक रुख
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को ध्यानपूर्वक सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार उत्तराखंड की आवश्यकताओं को समझती है और सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए सुदृढ़ सड़क अवसंरचना अत्यंत आवश्यक है, और केंद्र सरकार इस दिशा में राज्य के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बैठक में अन्य अधिकारी भी रहे मौजूद
इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा भी उपस्थित रहे। राज्य की ओर से प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय और स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा भी बैठक में मौजूद थे। इन वरिष्ठ अधिकारियों ने परियोजनाओं से जुड़े तकनीकी और वित्तीय पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी।