
उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज ‘फिट उत्तराखंड’ अभियान की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को राज्य में स्वास्थ्य, खेल, आयुष, शिक्षा, और खाद्य विभागों द्वारा 15 दिनों के भीतर एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने इस अभियान को राज्य के हर स्तर पर व्यापक रूप से फैलाने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही। ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ के तहत आयोजित इस समीक्षा बैठक में राज्य के विभिन्न विभागों को मिलकर अभियान को सफल बनाने का कार्य सौंपा गया। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से ‘ईट राइट बी फिट’ अभियान पर जोर देते हुए आम जनता को चीनी, नमक और तेल के सेवन को नियंत्रित करने का संदेश देने की आवश्यकता जताई। उनका कहना था कि खानपान की आदतों में सुधार करके लोग बेहतर स्वास्थ्य की ओर बढ़ सकते हैं, और यही ‘फिट उत्तराखंड’ अभियान का मुख्य उद्देश्य है। राज्य और जिला स्तर पर प्रतिमाह वृहद स्तर पर यह अभियान चलाने की बात भी मुख्यमंत्री ने बैठक में की।
उन्होंने कहा कि यह अभियान सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी शामिल करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। उनके अनुसार, “स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मस्तिष्क का होना जरूरी है। इसलिए हम मानसिक स्वास्थ्य को भी इस अभियान का हिस्सा बनाएंगे।”
मुख्यमंत्री धामी ने फिट उत्तराखंड अभियान को स्कूल, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों तक ही सीमित नहीं रखने की बात कही। उन्होंने ग्राम स्तर तक इस अभियान को ले जाने की योजना बनाई है, जिससे राज्य के हर कोने में लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों और महाविद्यालयों में नियमित स्वास्थ्य कैंप लगाए जाएं, ताकि बच्चों और युवाओं में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़े। इसके साथ ही, ग्राम स्तर तक युवा और महिला मंगल दलों को इस अभियान से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार फिट उत्तराखंड अभियान को राज्य के रजतोत्सव कैलेंडर में भी शामिल करेगी, ताकि इस अभियान का महत्व और व्यापक हो सके। उन्होंने कहा, “राज्य के रजतोत्सव कैलेंडर में फिट उत्तराखंड अभियान को शामिल करने से यह अभियान एक राष्ट्रीय पहचान प्राप्त करेगा और लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा।”
फिट उत्तराखंड अभियान के साथ-साथ, मुख्यमंत्री ने राज्य में खेल अवसंरचना के विकास पर भी जोर दिया। खेल विभाग की लीगेसी प्लान की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निर्मित खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का नियमित उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली खेल प्रतियोगिताओं के लिए राज्य से प्रतिभावान खिलाड़ी तैयार किए जाएं। इसके लिए जरूरी है कि हम खेलों की आधारभूत संरचना को मजबूत करें और युवाओं को प्रोत्साहित करें।”
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सतत् स्पोर्ट्स ईको सिस्टम विकसित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा, “हम युवाओं में खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगे। इसको लेकर हम नए प्रशिक्षण केंद्र और खेल सुविधाएं तैयार कर रहे हैं।”
बैठक में राज्य के खेल अवसंरचना के बारे में भी जानकारी दी गई। बताया गया कि उत्तराखंड में खेल सुविधाओं के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में 28 बहुउद्देशीय हॉल, 52 छोटे और बड़े स्टेडियम, 155 प्लेग्राउंड और हॉल, 1 शूटिंग रेंज, 5 एथलेटिक ट्रैक, 1 माउंटेनियरिंग सेंटर, 1 लॉन बॉल ग्राउंड, 5 एस्ट्रो टर्फ्स, 1 वेलोड्रोम और 1 एडवेंचर ट्रेनिंग संस्थान जैसे प्रमुख खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इन सुविधाओं को लेकर एक लीगेसी प्लान तैयार किया जा रहा है, ताकि इनका नियमित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा, “उत्तराखंड में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से राज्य के युवा प्रतिभाओं को एक मंच मिलेगा और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी पहचान बना सकेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के खिलाड़ी हर स्तर पर बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करें।”
इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, रंजीत सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार और निदेशक खेल प्रशांत आर्य जैसे उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को राज्य में खेल और स्वास्थ्य के क्षेत्र में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी और आगामी योजनाओं पर चर्चा की।