उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को टिहरी गढ़वाल के कोटी कॉलोनी में आयोजित 35वीं सीनियर राष्ट्रीय कैनो-स्प्रिंट चैम्पियनशिप के तहत टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2024 के समापन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं और खेलों के क्षेत्र में प्रदेश के विकास को लेकर अपने विचार साझा किए।
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम के माध्यम से राज्य में खेल, पर्यटन और आर्थिक विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को पुनः स्पष्ट किया। उन्होंने इस मौके पर विभिन्न विकास परियोजनाओं की घोषणा की, जिनमें मेडिकल कॉलेज नई टिहरी की सड़कों का हॉट मिक्सिंग, नई टिहरी में मल्टी पार्किंग निर्माण, जिला मुख्यालय में खेल मैदान का निर्माण, और टिहरी-चंबा क्षेत्र में 50 साल के दृष्टिकोण से पेयजल पंपिंग योजना शामिल हैं।
खेल प्रतियोगिता में विजेताओं का सम्मान
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने केनोइंग प्रतियोगिता के ओवरऑल चैम्पियनशिप में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को ट्रॉफी और मेडल पहनाकर सम्मानित किया। इसके अलावा, पुरुष और महिला वर्ग में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को राज्य के लिए गर्व का विषय बताया और कहा कि टिहरी बांध जलाशय में तीसरे टिहरी वॉटर स्पोर्ट्स कप का सफल आयोजन किया जा रहा है, जो राज्य के पर्यटन और साहसिक खेलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
पर्यटन और आर्थिक विकास का मुख्य केंद्र बनेगा टिहरी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि टिहरी झील न केवल ऊर्जा उत्पादन और जल प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यटन और साहसिक खेलों के क्षेत्र में भी प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मददगार है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि इस प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाएं, जिससे साहसिक खेलों के साथ-साथ पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल सके। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “आने वाले समय में, यदि टिहरी क्षेत्र में 12 महीने इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं, तो यह क्षेत्र विकास के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।”
खेलों का मानसिक और शारीरिक विकास में योगदान
मुख्यमंत्री ने खेलों के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि खेल न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक विकास में भी सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि खेलों के माध्यम से खिलाड़ियों में अनुशासन, संघर्षशीलता और टीम भावना जैसे गुण विकसित होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘फिट इंडिया’ और ‘खेलो इंडिया’ जैसी योजनाओं के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत अब खेल के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।
राज्य सरकार की खेल नीतियों का उल्लेख
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई खेल नीति का भी उल्लेख किया, जिसके तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी दी जा रही है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री खेल विकास नीति, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना और खेल किट योजना जैसी योजनाओं के तहत खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। राज्य सरकार ने राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत का खेल कोटा भी पुनः शुरू किया है ताकि खिलाड़ियों को उनकी मेहनत का उचित अवसर मिल सके।
खेल विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य में जल्द ही एक खेल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा, जिससे प्रदेश के खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और खेल सुविधाएं मिल सकेंगी। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी का गौरव प्राप्त हुआ है, और इस आयोजन के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है।” मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 38वें राष्ट्रीय खेल ग्रीन गेम्स की थीम पर आधारित होंगे, जो राज्य के लिए ऐतिहासिक होने के साथ-साथ विश्व स्तर पर उत्तराखंड को एक नई पहचान दिलाएंगे।
टिहरी में जी-20 बैठकों की सफलता
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर टिहरी में आयोजित जी-20 की तीन सफल बैठकों का भी उल्लेख किया, जिनमें से दो बैठकें टिहरी में ही संपन्न हुईं। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रतिष्ठा बढ़ाने में इन बैठकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और यह उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाने में सहायक होंगी।
समारोह में विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, जिला अध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, सीएमडी टीएचडीसी आर.के. विश्नोई, अध्यक्ष ओबीसी आयोग संजय नेगी, जिला पंचायत प्रशासक सोना सजवाण, सचिव ओलम्पिक एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड डी.के. सिंह, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल, निदेशक तकनीकी टीएचडीसी भूपेंद्र गुप्ता और अन्य महत्वपूर्ण लोग मौजूद थे।