
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते स्थिति गंभीर होती जा रही है। ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को उत्तराखंड राज्य आपदा परिचालन केंद्र (SEOC) पहुंचकर वर्षा जनित आपदा की आपात समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने जिलाधिकारियों, आपदा प्रबंधन अधिकारियों और विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों से आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस आकस्मिक दौरे ने सरकार की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की प्रतिबद्धता को दर्शाया। मुख्यमंत्री का यह दौरा ऐसे समय हुआ जब पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़क अवरोधन, जलभराव और जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
तीन बैठकों के बाद मुख्यमंत्री का अचानक आपदा केंद्र पहुंचना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार सुबह सचिवालय में तीन महत्वपूर्ण प्रशासनिक बैठकें की थीं। इसके बाद उन्होंने अचानक निर्णय लिया और बिना किसी पूर्व सूचना के सीधे राज्य आपदा परिचालन केंद्र, देहरादून पहुंच गए। यह दौरा न केवल प्रशासन के लिए सतर्कता का संकेत था, बल्कि यह भी स्पष्ट कर गया कि सरकार इस आपदा को गंभीरता से ले रही है। मुख्यमंत्री ने SEOC में वास्तविक समय में जुटाए जा रहे डेटा, सैटेलाइट इमेज, मौसम विभाग की रिपोर्ट और जिला प्रशासन से मिल रही जानकारी का अवलोकन किया।
सीएम धामी ने दिए यह प्रमुख निर्देश
सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील और अति-संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखने को कहा गया है। जहां आवश्यक हो, वहां स्थानीय प्रशासन को तुरंत राहत कार्य शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। राहत शिविरों, सुरक्षित स्थानों और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए गए। भूस्खलन प्रभावित मार्गों की रीयल-टाइम निगरानी और पुनर्स्थापन में तेजी लाने को कहा गया। आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में संचार माध्यमों को सुदृढ़ बनाए रखने और जन जागरूकता अभियान चलाने के भी आदेश दिए गए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, “जनता सर्वोपरि है और किसी भी स्थिति में त्वरित राहत पहुंचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।”
उत्तराखंड में हालात गंभीर, कई जिलों में अलर्ट
उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से जारी मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी और बागेश्वर जैसे पहाड़ी जिलों में कई मार्ग बंद हो चुके हैं। कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें बाधित हैं, वहीं नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 24 से ज्यादा मार्ग बाधित हैं, दर्जनों गांवों में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप है और कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट भी प्रभावित हुआ है।
SEOC की 24×7 मॉनिटरिंग व्यवस्था
राज्य आपदा परिचालन केंद्र में 24 घंटे की निगरानी प्रणाली कार्यरत है, जहां सेटेलाइट इमेजरी, मौसम अलर्ट, और जिला स्तरीय जानकारी को एकत्र कर तुरंत निर्णय लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस व्यवस्था की सराहना करते हुए इसे और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने का सुझाव भी दिया। SEOC में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और स्थानीय पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
स्थानीय प्रशासन की तत्परता की समीक्षा
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। उन्होंने प्रत्येक जिले से यह जानकारी ली कि किस क्षेत्र में स्थिति सबसे अधिक संवेदनशील है? कितने राहत शिविर तैयार हैं और उनमें कितने लोग शरण लिए हुए हैं? मेडिकल सपोर्ट, रेस्क्यू टीम, और खाद्य सामग्री की उपलब्धता क्या है?
चमोली, उत्तरकाशी और नैनीताल जिलों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, वहां भारी भूस्खलन के कारण कई गांवों का संपर्क टूट चुका है। मुख्यमंत्री ने इन क्षेत्रों में विशेष हेलीकॉप्टर सेवा तैनात करने पर विचार करने को कहा।
जनता से की संयम और सतर्कता की अपील
मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश की जनता से भी अपील की कि वे बिना आवश्यकता घर से बाहर न निकलें, नदी किनारे और संवेदनशील ढलानों से दूर रहें और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा: “हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। संकट की इस घड़ी में हमें धैर्य और सहयोग की आवश्यकता है। किसी भी अफवाह या गलत सूचना से बचें और अधिकृत सूचना स्रोतों पर ही विश्वास करें।”
आपदा राहत कोष और बजट की स्थिति
मुख्यमंत्री ने इस बात की भी समीक्षा की कि आपदा राहत कोष (SDRF और NDRF मद) से किस जिले को कितनी धनराशि अब तक जारी की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां ज़रूरत हो, वहां अतिरिक्त बजट और आपूर्ति उपलब्ध कराई जाए। राज्य सरकार ने केंद्र से भी संपर्क साधा है और आवश्यक संसाधनों के लिए मदद मांगी गई है।