
हरियाणा बोर्ड परीक्षा में पेपर लीक के मामले ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस गंभीर मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए न केवल दोषियों को सजा देने की बात की, बल्कि कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज भी गिराई है। गुरुवार और शुक्रवार को हुई पेपर लीक की घटनाओं ने हरियाणा सरकार के नकल मुक्त परीक्षा के दावे को सवालों के घेरे में डाल दिया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “यह पेपर लीक का मामला नहीं है, बल्कि पेपर आउट हुआ है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह घटना व्हाट्सएप के माध्यम से बाहर गई और इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद 25 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, जिनमें 4 डीएसपी और 3 एसएचओ भी शामिल हैं।
पेपर लीक नहीं, बल्कि ‘पेपर आउट’ मामला
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मीडिया से कहा, “यह पेपर लीक नहीं बल्कि पेपर आउट का मामला है।” उन्होंने इस बारे में और जानकारी देते हुए बताया कि पेपर व्हाट्सएप के माध्यम से बाहर चला गया था और इस घटना से जुड़े 4 बाहरी व्यक्तियों और 8 विद्यार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही, सरकारी स्कूलों के चार और प्राइवेट स्कूल के एक इनविजिलेटर पर भी कार्रवाई की गई है। इस मामले में दो सेंटर सुपरवाइजर, संजीव कुमार और सत्यनारायण को भी निलंबित किया गया है।
यह कदम मुख्यमंत्री द्वारा हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस प्रकार की घटनाओं से किसी भी कीमत पर अपनी विश्वसनीयता को खतरे में नहीं डालने दिया जाएगा।
सख्त निर्देश और कार्रवाई का अल्टीमेटम
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह भी कहा कि सभी जिला कलेक्टर (डीसी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा केंद्रों के आसपास कोई भी व्यक्ति 500 मीटर की दूरी से अधिक न हो। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और नकल या पेपर आउट की घटनाएं ना दोहराई जाएं।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच जारी रहेगी और यदि कहीं भी ऐसी कोई घटना सामने आती है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रारंभिक जांच में लापरवाही बरतने वाले 25 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए, जिनको तत्काल सस्पेंड किया गया।
शिक्षा विभाग की नकल मुक्त परीक्षा की साख पर सवाल
गुरुवार को 12वीं की अंग्रेजी का पेपर लीक होने के बाद शुक्रवार को 10वीं की गणित का पेपर लीक होने की घटना ने हरियाणा शिक्षा विभाग के नकल मुक्त परीक्षा के दावों को तार-तार कर दिया है। राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में नकल की घटनाओं को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए थे, लेकिन इन घटनाओं ने उसकी व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया।
पिछले कुछ सालों में परीक्षा प्रणाली को और कड़ा बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई तकनीकी उपायों की शुरुआत की थी, जैसे कि मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पाबंदी, और सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती। फिर भी, इन पेपर लीक की घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि परीक्षा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में अभी भी खामियां हैं, जिनका फायदा लोग उठाते हैं।
हरियाणा बोर्ड की परीक्षा में पेपर लीक की घटनाओं से न केवल छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़ा हुआ है, बल्कि यह पूरे शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी संदेह उत्पन्न करता है। अब यह देखना होगा कि सरकार इन घटनाओं के बाद अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए कौन से और कदम उठाती है।
पेपर लीक का प्रभाव और छात्रों की परेशानियां
पिछले कुछ दिनों में हुई पेपर लीक की घटनाओं से छात्रों और अभिभावकों में असंतोष और भय का माहौल है। कई छात्रों का कहना है कि पेपर लीक होने से उनके भविष्य पर असर पड़ेगा, क्योंकि यह पूरी परीक्षा प्रक्रिया पर संदेह का कारण बनता है।
वहीं, अभिभावकों का कहना है कि वे अपनी मेहनत और बच्चों की परीक्षा की तैयारी के लिए चिंतित हैं, और इस तरह की घटनाओं से बच्चों को मानसिक तनाव होता है। इसके अलावा, जिन छात्रों ने सही तरीके से परीक्षा दी, उन्हें भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि अब यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया है कि पेपर लीक का असर परीक्षा परिणामों पर न पड़े।
मुख्यमंत्री ने दी भरोसा, कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त किया है कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए छात्रों का भविष्य और राज्य की शिक्षा प्रणाली की साख सबसे महत्वपूर्ण है। कोई भी दोषी बचने नहीं पाएगा, चाहे वह कोई भी हो।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे को पूरी पारदर्शिता के साथ निपटाएगी और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे।