
Lucknow, Feb 02 (ANI): Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath addresses a press conference regarding the Union Budget 2023-24 and other issues, at his official residence, in Lucknow on Thursday. (ANI Photo)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज रविवार को लखनऊ में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए होली से पहले शराब की दुकानों और सड़क सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश दिए। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने शराब की दुकानों के संचालन से लेकर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर शराब की दुकानों पर पाबंदी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शराब की दुकानों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य के एक्सप्रेस-वे और हाईवे के किनारे शराब की दुकानों का संचालन बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। उनका यह कदम शराब की दुकानों की वजह से सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए है।
सीएम योगी ने इसके साथ ही शराब की दुकानों के साइनेज (साइन बोर्ड) को छोटा करने की भी बात कही। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शराब की दुकानें सड़क पर अधिक ध्यान आकर्षित न करें और लोग रास्ते में गाड़ी चलाते समय इन दुकानों से विचलित न हों।
सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए एकीकृत प्रयास
सीएम योगी ने प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों को आपसी समन्वय में काम करना चाहिए ताकि सड़क दुर्घटनाओं को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी मार्गों पर ब्लैक स्पॉट (दुर्घटनाओं के मुख्य स्थल) को चिन्हित करने का निर्देश दिया और कहा कि इन स्थानों पर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। यह कदम सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
बिना परमिट की बसों और डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई
सीएम योगी ने सड़कों पर बिना परमिट के चलने वाली बसों को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने निर्देश दिया कि बिना परमिट वाली बसों को सड़कों पर चलने की अनुमति बिल्कुल न दी जाए। इसके अलावा, डग्गामार वाहनों और ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले बिना परमिट के वाहनों को प्रदेश की सीमा पर ही रोका जाए। उन्होंने ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और व्हीकल एसोसिएशन से बातचीत करने की बात भी की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लंबी दूरी के वाहनों पर दो ड्राइवर हों, जिससे थकान और दुर्घटनाओं के जोखिम को कम किया जा सके।
सड़क पर पेट्रोलिंग वाहन और एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर पेट्रोलिंग वाहन और एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है। इसके अलावा, उन्होंने एनएचएआई (National Highways Authority of India) की सड़कों पर कैमरे लगाने का भी निर्देश दिया ताकि ट्रैफिक का सही तरीके से निरीक्षण किया जा सके और सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाया जा सके।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए प्रमुख स्थानों पर फुट ओवरब्रिज (Foot Over Bridge) का निर्माण कराया जाए और साथ ही सड़क सुरक्षा से संबंधित साइनेज भी हर प्रमुख मार्ग पर स्थापित किया जाए।
ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए मैनपावर और प्रशिक्षण
सीएम योगी ने यह सुनिश्चित किया कि प्रदेश में ट्रैफिक के संचालन के लिए पर्याप्त मैनपावर उपलब्ध है। इसके बावजूद, उन्होंने सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड्स के जवानों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता जताई ताकि वे ट्रैफिक प्रबंधन में और भी बेहतर तरीके से कार्य कर सकें।
साथ ही, अस्पतालों, स्कूलों और प्रमुख बाजारों के बाहर टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनाने की बात भी की, जिससे वाहन की गति को नियंत्रित किया जा सके और दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
सड़क सुरक्षा समितियों की बैठक अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जनपद स्तर पर हर महीने और मंडल स्तर पर त्रैमासिक सड़क सुरक्षा समितियों की बैठक अनिवार्य रूप से की जाए। इन बैठकों के माध्यम से सड़क सुरक्षा को लेकर आने वाली समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा और अधिकारियों को समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
सड़क दुर्घटनाओं के कारणों पर ध्यान
सीएम योगी ने सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ओवरस्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइविंग, गलत साइड पर गाड़ी चलाना, जम्पिंग रेड लाइट और मोबाइल फोन का उपयोग सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं। इन कारणों को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज के लिए त्वरित कदम
सीएम योगी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के इलाज के लिए एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अस्पतालों की व्यवस्था की जाए, जैसा कि फूड प्लाजा की तरह अस्पताल की व्यवस्था हो। साथ ही, प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस और प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि घायल व्यक्तियों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके।