
उत्तराखंड में जून की शुरुआत ने लोगों को सर्दी की याद दिला दी है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में जारी तेज बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बर्फबारी से अचानक मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। इस असामान्य मौसम ने जहां लोगों को गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया है, वहीं हेमकुंड साहिब जैसे पवित्र स्थलों पर श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने पहाड़ों में तेज बारिश और हवाओं को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में भी भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।
बारिश से ठंड का कहर, गर्म कपड़े लौटे अलमारियों से
पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण तापमान में अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गई है। खासकर गढ़वाल मंडल के श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली, और पौड़ी जैसे क्षेत्रों में तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया है। श्रीनगर गढ़वाल के स्थानीय निवासियों ने बताया कि “जून के महीने में पहली बार ऐसी ठंड महसूस हो रही है। दिनभर बारिश होने से घरों के अंदर भी ठंडक बनी हुई है।”
बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह मौसम खासा चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। सुबह-शाम की ठिठुरन ने गर्म कपड़े, जैकेट और रजाइयों को फिर से घरों में जगह दिला दी है। कई लोग घरों में हीटर और ब्लोअर इस्तेमाल करने लगे हैं, जो इस समय सामान्यतः उपयोग में नहीं लाए जाते।
हेमकुंड साहिब में हल्की बर्फबारी, आस्था में नहीं आई कमी
उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम और भी अधिक कड़ाके का हो गया है। हेमकुंड साहिब, जो समुद्र तल से लगभग 4,329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, वहां हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है। बर्फबारी और ठंडी हवाओं के बीच श्रद्धालुओं का जोश देखने लायक है।
तेज बर्फीली हवाओं और ठंड के बावजूद श्रद्धालु हिम सरोवर में डुबकी लगाकर गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंच रहे हैं। हेमकुंड साहिब यात्रा पर आए एक श्रद्धालु ने कहा, “ठंड तो है, लेकिन यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा हमें हर कठिनाई को पार करने की शक्ति देती है।’’
प्रशासन ने हेमकुंड यात्रा मार्ग पर विशेष सुरक्षा और सहायता की व्यवस्था की है। चिकित्सा टीमों को भी तैनात किया गया है ताकि अधिक ऊंचाई और ठंड से प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता मिल सके।
जनजीवन पर असर, कई स्थानों पर अव्यवस्था
तेज बारिश ने उत्तराखंड के कई जिलों में सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया है। स्थानीय बाजारों में भीड़ कम हो गई है और खुले में काम करने वाले मजदूरों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। पर्वतीय क्षेत्रों की सड़कों पर फिसलन और मलबा आने की घटनाएं भी दर्ज की गई हैं, जिससे यातायात बाधित हुआ है।
कुछ जगहों पर बिजली आपूर्ति में भी व्यवधान आया है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लाइनें बारिश और तेज हवाओं से क्षतिग्रस्त हुई हैं। किसानों को भी नुकसान की आशंका है क्योंकि समय से पहले अधिक नमी फसलों को प्रभावित कर सकती है।
येलो अलर्ट: प्रशासन सतर्क, लोगों को सतर्क रहने की अपील
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से जारी ताजा बुलेटिन में राज्य के पर्वतीय जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। यह अलर्ट 6 जून तक प्रभावी रहेगा, जिसमें तेज बारिश, गरज के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है।
मैदानी जिलों जैसे हरिद्वार, उधमसिंह नगर और देहरादून में भी तेज बारिश और बिजली चमकने की संभावना है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे बेहद जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें, विशेषकर ऊंचाई वाले और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में।
प्रशासन ने सभी जिला अधिकारियों को आवश्यक तैयारियां करने और आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं।
मौसम का पूर्वानुमान: कब तक रहेगा असर?
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में 6 जून तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में जहां-तहां हल्की से मध्यम बारिश के दौर रहेंगे, वहीं कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।
7 जून और 9 जून को मौसम कुछ हद तक शुष्क रहने का अनुमान जताया गया है, हालांकि स्थानीय बादल और हल्की बौछारें पूरी तरह से समाप्त नहीं होंगी। इसके बाद मौसम सामान्य हो सकता है, लेकिन जून के पहले सप्ताह में ऐसी ठंडक पहले कभी देखने को नहीं मिली थी, यह बात विशेषज्ञ भी मानते हैं।
बदलता मौसम और जलवायु संकेत
उत्तराखंड में जून महीने में ऐसी ठंड और बर्फबारी असामान्य मानी जा रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह परिवर्तन जलवायु परिवर्तन (climate change) के प्रभाव का भी संकेत हो सकता है।
भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते अब ऋतुओं का समय और स्वरूप तेजी से बदल रहा है। अप्रैल-मई में लू का प्रकोप न होना और जून में सर्द हवाएं चलना इसी का उदाहरण है।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने मौसम को देखते हुए सभी संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से अपील की है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से बचें। राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF), पुलिस और मेडिकल टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए मोबाइल यूनिट्स भी तैनात की गई हैं।