
पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच पुराना विवाद एक बार फिर तीव्र हो गया है। इस विवाद की आंच अब भाखड़ा डैम तक जा पहुंची है, जहां रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हालात का जायजा लेते हुए स्पष्ट कहा कि वह पंजाब का पानी जबरन हरियाणा को देने की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देंगे। मान ने यह भी आरोप लगाया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के अधिकारी रोज पंजाब के पानी पर ‘डाका डालने’ की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब सीमावर्ती क्षेत्रों में पहले से ही सैन्य तनाव का माहौल है, और राज्य कई मोर्चों पर एक साथ चुनौती का सामना कर रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री ने साफ किया कि पानी के मसले पर पंजाब कोई समझौता नहीं करेगा।
नंगल डैम से सीधा संदेश: “मैं यहीं रहूंगा”
सीएम मान ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “मैं यहीं पर रहूंगा और अवैध रूप से पंजाब का पानी किसी को नहीं लेने दूंगा। ये पानी पंजाब के लोगों का है, और हम इसे यूं ही बहने नहीं देंगे।” उन्होंने बीबीएमबी के अधिकारियों पर सीधा आरोप लगाया कि वे हर सुबह डैम पर आकर पानी छोड़ने की कोशिश करते हैं, जबकि पंजाब की सहमति नहीं ली जाती।
मान ने जोर देकर कहा कि हरियाणा को जो पानी दिया जा रहा है, वह पंजाब के पीने के पानी में से कटौती कर किया जा रहा है। उन्होंने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आठ दिन में हरियाणा इस पानी से कौन सी फसल उगा लेगा, जब पंजाब खुद जरूरत के हिसाब से पानी छोड़ रहा है।”
“भाजपा संकट में भी राजनीति कर रही है”
मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि जब सीमा पर तनाव है, ऐसे समय में भाजपा पानी के मुद्दे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, “हमें इस समय दोहरी लड़ाई लड़नी पड़ रही है — एक सीमा पर और दूसरी अपने ही संसाधनों की रक्षा के लिए।” उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब हमेशा देश सेवा के लिए तैयार है, जैसा कि राजस्थान के लिए सेना को पानी देने के निर्देश देकर सिद्ध किया गया, लेकिन राज्य के अधिकारों की अनदेखी नहीं की जाएगी।
रणजीत सागर और शाहपुर कंडी डैम पर भी मंडरा रहा खतरा
सीएम मान ने एक और गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि पंजाब के अन्य बांधों — जैसे रणजीत सागर और शाहपुर कंडी डैम — पर हाल ही में ड्रोन देखे गए हैं। उन्होंने कहा, “इन घटनाओं से पता चलता है कि पंजाब के जलस्रोत केवल राजनीतिक ही नहीं, बल्कि सुरक्षा के नजरिए से भी खतरे में हैं।” मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि अगर किसी डैम पर हमला हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
इस बयान ने सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) और पंजाब पुलिस के संयुक्त प्रयास से अब डैमों की निगरानी को और कड़ा किया जा रहा है।
तीसरी बार पहुंचे नंगल डैम
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि यह तीसरी बार है जब उन्हें भाखड़ा डैम का दौरा करना पड़ा है। इससे पहले बीबीएमबी के अध्यक्ष और अन्य अधिकारी पानी छोड़ने की प्रक्रिया में तेजी दिखा रहे थे, जिससे पंजाब सरकार को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पंजाब की सहमति के बिना कोई भी जलप्रवाह स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “देश की सेवा में पंजाब कभी पीछे नहीं हटेगा, लेकिन जब राज्य के हक की बात हो, तो हमें मजबूती से खड़ा रहना होगा।”
किसान यूनियनों पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पानी के इस मुद्दे पर किसान यूनियनों की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “जो किसान नेता रोजाना सड़कों पर हाईवे जाम करते हैं, वे आज कहां हैं? जब पंजाब का पानी लूटा जा रहा है, तब उनकी आवाज क्यों नहीं उठ रही?” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कल को अगर यही नेता पानी को लेकर सरकार के पास आएंगे तो वह किस मुंह से आएंगे।
किसान संगठनों की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे राज्य की राजनीति में एक नई बहस शुरू हो गई है।