
कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाया है कि भारत का सौर ऊर्जा निगम (SECI) उद्योगपति गौतम अदाणी की कंपनी, अदाणी ग्रीन एनर्जी, का पक्ष ले रहा है, और इसके खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अमेरिका में अदाणी के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद आंध्र प्रदेश में समय पर बिजली आपूर्ति न कर पाने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।
जयराम रमेश का आरोप: रिश्वत लेकर बिजली सप्लाई में देरी
कांग्रेस जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि अदाणी ग्रीन कंपनी ने आंध्र प्रदेश सरकार से अनुबंध के तहत तीन गीगावाट बिजली की आपूर्ति करने का वादा किया था, लेकिन कंपनी ने इस अनुबंध को निभाने में पूरी तरह से विफल रही है। रमेश ने कहा कि हालांकि, अदाणी ग्रीन को यह अनुबंध हासिल करने के लिए कथित तौर पर 1400 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी, इसके बावजूद वह राज्य को एक यूनिट भी बिजली की आपूर्ति नहीं कर सकी।
रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि अदाणी ग्रीन ने सात महीने की देरी के बाद तय वादे के मुकाबले केवल एक तिहाई बिजली की आपूर्ति करने का प्रयास किया। इसके बावजूद, भारत के सौर ऊर्जा निगम ने इस दौरान बिजली को 40 प्रतिशत ज्यादा कीमत पर बिजली एक्सचेंज को बेचने की अनुमति दे दी, जिससे न केवल आंध्र प्रदेश को बिजली नहीं मिल रही, बल्कि अदाणी ग्रीन को लाभ हो रहा है। रमेश ने तंज करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का इस मामले में चुप रहना हैरान करने वाला है, और इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
अदाणी पर अमेरिका में भ्रष्टाचार के आरोप
जयराम रमेश ने कांग्रेस की ओर से यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका के न्याय विभाग ने गौतम अदाणी और उनकी कंपनी के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और अदाणी ग्रीन के कई शीर्ष अधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने भारत में सौर ऊर्जा के ठेके प्राप्त करने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी थी।
आरोपों के अनुसार, अदाणी ने भारतीय अधिकारियों को 26 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी थी, जिसके बदले में उन्हें सौर ऊर्जा के बड़े ठेके मिले। इस सौदे से अदाणी को अनुमानित 20 सालों में दो अरब डॉलर का फायदा होने की बात कही जा रही है। हालांकि, अदाणी और उनकी कंपनी ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए उन्हें आधारहीन करार दिया है। अदाणी समूह ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक और आर्थिक रूप से प्रेरित आरोप बताया है और इन आरोपों का खंडन किया है।
भारत के सौर ऊर्जा निगम का अदाणी ग्रीन के पक्ष में झुकाव
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बावजूद, भारत का सौर ऊर्जा निगम अदाणी ग्रीन का खुले तौर पर समर्थन कर रहा है। रमेश ने कहा कि यह एक ऐसी स्थिति है जहां भारत के सौर ऊर्जा निगम ने एक तरफ तो आंध्र प्रदेश के लोगों को समय पर बिजली नहीं पहुंचने दी, जबकि दूसरी तरफ अदाणी ग्रीन को इस पूरी प्रक्रिया से फायदा हुआ।
कांग्रेस ने सवाल उठाया कि जब अमेरिका में अदाणी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं, तो भारतीय सरकार और उसके संस्थान इस मामले में चुप क्यों हैं। इसका उद्देश्य क्या है, क्या यह अदाणी के प्रभाव में आकर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना है, या फिर यह सरकार की कार्यशैली का हिस्सा है?
अदाणी का खंडन: आरोपों को निराधार बताया
गौतम अदाणी और उनके समूह ने इस मामले में खुलकर प्रतिक्रिया दी है और सभी आरोपों को निराधार बताया है। अदाणी समूह ने अपनी सफाई में कहा कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है और यह पूरी तरह से साजिश के तहत किए गए हमले हैं। समूह ने यह भी कहा कि उनकी कंपनियां हमेशा कानूनी और नैतिक तरीके से काम करती हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं।
अदाणी समूह ने कहा कि वे हर प्रकार के जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं और इस प्रकार के आरोपों से उनका काम नहीं रुकने वाला। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य देश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना और इस क्षेत्र को और भी मजबूत करना है, जिससे भारत में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़े और पर्यावरण संरक्षण में योगदान हो सके।
कांग्रेस का रुख: भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ संघर्ष
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह पूरी घटना एक ओर उदाहरण है कि कैसे बड़े उद्योगपति और कारोबारी भारत में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सरकार से विशेष लाभ प्राप्त करते हैं। कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया कि जब उनके पास सबूत हैं और आरोप इतने गंभीर हैं, तो फिर अदाणी ग्रीन के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
कांग्रेस ने सरकार से यह भी पूछा कि यदि सरकारी एजेंसियां अपने ही देश के उद्योगपतियों को बचाने में लगी हुई हैं, तो इससे यह साबित होता है कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने यह भी कहा कि सरकार की यह चुप्पी भ्रष्टाचार और असमानता को बढ़ावा देने का काम कर रही है, और यह स्थिति देश के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।