पंजाब राज्य परिवहन निगम (पीआरटीसी) और पनबस कॉन्ट्रेक्ट यूनियन की हड़ताल मंगलवार को समाप्त हो गई है। यूनियन और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच सकारात्मक बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया कि 15 जनवरी, 2025 को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक की जाएगी, जिसमें यूनियन की प्रमुख मांगों पर चर्चा की जाएगी।
हड़ताल का असर और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
पंजाब के पीआरटीसी और पनबस कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों की हड़ताल ने राज्य में यातायात सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया था। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश भर में बस सेवाएं ठप पड़ी हुई थीं, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। खासकर दूरदराज के इलाकों में लोग अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए भारी दिक्कतों का सामना कर रहे थे। यूनियन ने अपनी हड़ताल में यह प्रमुख मांग उठाई थी कि सरकार पीआरटीसी और पनबस के कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारी के रूप में पक्का करे। यह कर्मचारी लंबे समय से अस्थाई नियुक्ति पर काम कर रहे थे और उन्हें स्थायित्व की आवश्यकता थी। इसके साथ ही, यूनियन ने अपनी मांगों के समर्थन में अन्य लाभों की भी मांग की थी, जैसे बेहतर वेतन और कामकाजी परिस्थितियों में सुधार।
हालाँकि, राज्य सरकार के अधिकारियों ने मंगलवार दोपहर को बैठक के बाद स्थिति का समाधान निकालने की दिशा में कदम उठाया और 15 जनवरी को मुख्यमंत्री के साथ बैठक की घोषणा की। इसके बाद हड़ताल को समाप्त करने का फैसला लिया गया।
मुख्यमंत्री के साथ बैठक: मांगों पर विचार
यूनियन नेताओं ने बताया कि 15 जनवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ होने वाली बैठक में उनके द्वारा उठाई गई मांगों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। यूनियन का मुख्य ध्यान पीआरटीसी और पनबस के अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने पर है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती, तो वे आगे की रणनीति बनाने के लिए फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं।
यूनियन के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि वे मुख्यमंत्री से न केवल स्थाई कर्मचारियों के मुद्दे पर, बल्कि कर्मचारियों की कार्यकुशलता, रोजगार सुरक्षा और वेतनमान में सुधार पर भी बातचीत करेंगे। यूनियन ने राज्य सरकार से यह वादा करने की मांग की है कि कर्मचारियों के लिए एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित किया जाएगा।