
उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के संकल्प में जुटे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शुक्रवार को धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। समारोह का उद्देश्य राज्य में पारदर्शिता और सुशासन को लेकर सीएम धामी द्वारा शुरू की गई पहल की सराहना करना था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थित नागरिकों, संत समाज और समाजसेवियों को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री ने इस सम्मान को “व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राज्य की सवा करोड़ जनता की ईमानदारी का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल सम्मान समारोह नहीं, बल्कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के हमारे साझा सपने को साकार करने का उत्सव है। यह राज्य के उन नागरिकों की जीत है जो ईमानदारी, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के मूल्यों के साथ खड़े हैं।”
जनता ही अभियान की सबसे बड़ी ताकत: सीएम धामी
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि जनता की है। उन्होंने इस अभियान में जनता के सक्रिय सहयोग को सबसे बड़ी ताकत बताया। “जब नागरिक खुद ईमानदारी को जीवनशैली बना लेते हैं, तब कोई भी व्यवस्था पारदर्शिता की ओर अग्रसर हो सकती है,”। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है और इस दिशा में हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
तकनीक और पारदर्शिता के सहारे व्यवस्था में सुधार
धामी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार रोकने के लिए तकनीक का व्यापक प्रयोग किया गया है। सीएम ने बताया कि ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया, परीक्षा प्रणाली की निगरानी, जन शिकायत निवारण के लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 और भ्रष्टाचार शिकायतों के लिए हेल्पलाइन 1064 जैसे प्लेटफॉर्म इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “अब न कोई फाइल दबाई जा सकती है और न ही ट्रांसफर-पोस्टिंग में सिफारिश का स्थान है। हमने डिजिटल प्रक्रियाओं को पारदर्शिता का औजार बनाया है।”
200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारी जेल भेजे गए
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने बीते तीन वर्षों में भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं, ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और योजनाओं में कमीशनखोरी जैसे मामलों में सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल भेजा जा चुका है। साथ ही बीते चार वर्षों में 24,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी भी दी गई है, जिसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है। “पहले युवाओं की मेहनत सिफारिश और घूस के आगे हार जाती थी, अब परीक्षा मेरिट के आधार पर होती है। हमने व्यवस्था को बदला है,” उन्होंने कहा।
शासन को मजबूती देने वाले कानूनी कदम
सीएम धामी ने बताया कि उनकी सरकार ने न सिर्फ भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ी, बल्कि शासन की नींव मजबूत करने के लिए कई कड़े कानून भी लागू किए हैं। इनमें शामिल हैं, समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code), सख्त नकल विरोधी कानून, लव जिहाद और लैंड जिहाद के विरुद्ध कठोर कार्रवाई, धर्मांतरण और दंगारोधी कानूनों का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी पहलें इस बात का प्रमाण हैं कि यदि सरकार की इच्छाशक्ति दृढ़ हो, तो किसी भी समस्या से पार पाया जा सकता है।
ऑपरेशन कालनेमि: छद्म वेशधारियों की पहचान का अभियान
धामी ने “ऑपरेशन कालनेमि” का ज़िक्र करते हुए बताया कि राज्य में अवैध रूप से रह रहे और छद्म पहचान रखने वाले लोगों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 200 से अधिक संदिग्ध लोगों की पहचान और गिरफ्तारी की जा चुकी है, जिनमें बांग्लादेशी घुसपैठिए भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। “उत्तराखंड की धरती पर धोखे और फरेब की कोई जगह नहीं है। हम हर ऐसे तत्व को बेनकाब करेंगे जो शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हैं,” उन्होंने कहा।
धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने दी सराहना
समारोह में उपस्थित धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री धामी की प्रशंसा करते हुए उन्हें ईमानदारी का प्रतीक बताया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “राजनीति में अगर ईमानदारी और पारदर्शिता की लौ जलती है, तो वह समाज का मार्गदर्शन करती है। सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड नए आदर्श स्थापित कर रहा है।” गायत्री परिवार, आर्य समाज, सिख संगत, और अन्य सामाजिक संस्थाओं ने एक स्वर में धामी सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई को जन-आंदोलन का रूप देने की सराहना की।