
बांग्लादेश के सतखीरा स्थित मां काली के जेशोरेश्वरी मंदिर से एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है। पीएम मोदी द्वारा 2021 में भेंट किए गए मां काली के मुकुट की चोरी हो गई है। यह मुकुट गुरुवार दोपहर मंदिर से चोरी हुआ, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
चोरी की जानकारी और कार्रवाई
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे चोर की पहचान करने के लिए मंदिर के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि चोरी की घटना बहुत गंभीर है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
पीएम मोदी का जेशोरेश्वरी मंदिर दौरा
पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 मार्च, 2021 को अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान जेशोरेश्वरी मंदिर का दौरा किया था। इस मौके पर उन्होंने मां काली का एक चांदी का मुकुट, जिस पर सोने की परत चढ़ी हुई थी, देवी के सिर की मूर्ति पर रखा था। इस कार्य को एक प्रतीकात्मक संकेत के रूप में देखा गया था, जो भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक था।
जेशोरेश्वरी मंदिर का महत्व
जेशोरेश्वरी मंदिर को हिंदू पौराणिक कथाओं में 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। ‘जेशोरेश्वरी’ का अर्थ ‘जेशोर की देवी’ है। यह मंदिर सदियों से भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है।सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
मंदिर की देखभाल करने वाले परिवार के सदस्य ज्योति चट्टोपाध्याय ने बताया कि चोरी हुआ मुकुट भक्तों के लिए अत्यधिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है। यह मुकुट न केवल एक धार्मिक प्रतीक है, बल्कि यह श्रद्धा और भक्ति का भी प्रतीक है।
भक्तों का मानना है कि जेशोरेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना करने से उन्हें मां काली का आशीर्वाद मिलता है। मंदिर की सुंदरता और इसकी पौराणिक कहानियाँ श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं। यह स्थान न केवल पूजा का स्थान है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर भी है, जो कई पीढ़ियों से भक्तों को जोड़ती आ रही है।
चोरी की घटनाओं में वृद्धि
यह पहली बार नहीं है जब धार्मिक स्थलों से महत्वपूर्ण वस्तुओं की चोरी हुई है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत और पड़ोसी देशों में कई मंदिरों से पूजा सामग्री और अन्य कीमती वस्तुएं चोरी हुई हैं। यह घटनाएँ न केवल धार्मिक स्थलों के प्रति असम्मान दर्शाती हैं, बल्कि इससे समाज में असुरक्षा की भावना भी बढ़ती है।
सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता
जेशोरेश्वरी मंदिर की चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता को उजागर किया है। धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वे मंदिरों के आसपास सुरक्षा बढ़ाएं, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।