पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके योगदान, नेतृत्व, और निस्वार्थ सेवा ने उन्हें भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उनके निधन के साथ ही भारत ने एक ऐसे नेता को खो दिया है, जिसने न केवल भारत की आर्थिक धारा को नया मोड़ दिया, बल्कि देश की राजनीति और समाज में भी गहरी छाप छोड़ी।
सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, और देश भर में उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह के निवास जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। इस दुखद मौके पर पीएम मोदी ने शोक संदेश जारी कर मनमोहन सिंह के जीवन को एक प्रेरणा और उदाहरण बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शोक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हम सभी बेहद दुखी हैं। उनका जाना देश के लिए एक बड़ा झटका है। उनका जीवन उन सभी चुनौतियों से जूझने और उन्हें पार करने का उदाहरण है, जो हमारे समाज और देश के समक्ष आईं। डॉ. सिंह ने न केवल खुद को, बल्कि भारत को भी ऊंचाइयों पर पहुंचाया।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “वह हमेशा एक ईमानदार नेता, एक महान अर्थशास्त्री और एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर याद किए जाएंगे जिन्होंने सुधारों को समर्पित किया और देश की अर्थव्यवस्था को नया रूप दिया। एक अर्थशास्त्री के रूप में, विशेषकर चुनौतीपूर्ण समय में, उन्होंने देश की बड़ी सेवा की। वह विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं देने वाले ऐसे नेता रहे, जिन्होंने भारतीय विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।”
उन्होंने मनमोहन सिंह के योगदान को और विस्तार से बताते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह ने रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं और बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत में आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी। यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने वाले साबित हुए।”
ईमानदारी, सादगी और समर्पण का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह की व्यक्तिगत विशेषताओं को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “मनमोहन सिंह का जीवन ईमानदारी और सादगी का प्रतीक था। उनकी सौम्यता, बौद्धिकता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता उनके जीवन की पहचान रही।”
प्रधानमंत्री मोदी ने एक खास घटनाक्रम का भी जिक्र किया, जब डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल राज्यसभा में समाप्त हुआ था। मोदी ने कहा, “मुझे याद है, जब राज्यसभा में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था, तो मैंने कहा था कि उनका समर्पण और उनका कार्य हमें सीखने लायक है। वह सांसद के रूप में हमेशा देश के विकास और जनहित में प्रतिबद्ध रहे।”
मनमोहन सिंह की जड़ों से जुड़ी सादगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि मनमोहन सिंह उच्च पदों पर रहते हुए भी अपनी जड़ों को कभी नहीं भूले। “उन्होंने कभी भी अपनी सादगी और सरलता को नहीं छोड़ा। वह हमेशा आम जनता के लिए सहज उपलब्ध रहे। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनके साथ कई बार खुले मन से चर्चा करता था। दिल्ली आने के बाद भी उनसे समय-समय पर चर्चा होती रही, और वह हमेशा अपने अनुभवों और बुद्धिमत्ता से मार्गदर्शन करते थे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि “मनमोहन सिंह के साथ बिताए गए वे पल और चर्चाएं मुझे हमेशा याद रहेंगी। उनके साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, और उनका दृष्टिकोण देश के लिए बेहद मूल्यवान था।”
भारतीय राजनीति में योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय राजनीति में सिर्फ एक प्रधानमंत्री के रूप में ही नहीं, बल्कि एक सशक्त अर्थशास्त्री, सक्षम प्रशासनिक नेता और वैश्विक मंच पर भारत की आवाज के रूप में भी अत्यंत महत्वपूर्ण था। उन्होंने जब 2004 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तो उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए। उनके कार्यकाल में भारत ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई और भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंच पर एक नई दिशा दी।
आर्थिक सुधारों का सूत्रधार
मनमोहन सिंह का सबसे बड़ा योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में था। 1991 में जब उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, तो भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था। उस समय डॉ. मनमोहन सिंह ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिनमें विदेशी निवेश को बढ़ावा देना, निजीकरण की दिशा में कदम उठाना और व्यापार पर निर्भरता को कम करने के लिए आर्थिक नीति में बदलाव शामिल थे। इन सुधारों ने भारत को वैश्विक आर्थिक जगत में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया।
वैश्विक राजनीति में प्रभाव
मनमोहन सिंह की कूटनीतिक क्षमताओं को भी उनके कार्यकाल में बड़े महत्व से पहचाना गया। उन्होंने भारत की विदेश नीति को मजबूती दी और कई वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्थिति को सुदृढ़ किया। उन्होंने अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु समझौते को लेकर किए गए प्रयासों से भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक नई दिशा दी।
उनके निधन पर संवेदनाएं
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद, देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। विपक्षी नेता, समाजसेवी, और जनता सभी इस महान नेता को याद कर रहे हैं। उनके निधन को लेकर कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने गहरा शोक व्यक्त किया है और उनके योगदान को सराहा है। साथ ही, उनके परिवार के प्रति भी संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने देश के लिए अपने समर्पण और नेतृत्व से कई महत्वपूर्ण कार्य किए। वह एक महान अर्थशास्त्री थे जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।”