दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। आगामी 5 फरवरी को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक साथ मतदान होंगे। चुनावी रणभूमि में नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बौछार कर रहे हैं, और चुनावी प्रचार के दौरान पोस्टर वार भी तेज हो गया है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी और पोस्टरों के जरिए हमले बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम पर हमलावर रुख अपनाया है।
आम आदमी पार्टी का पोस्टर हमला: भाजपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम पर निशाना
आम आदमी पार्टी ने अपने नए चुनावी पोस्टर में भाजपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम पर हमला बोला है। पोस्टर में पार्टी ने इन तीनों दलों के प्रमुख नेताओं को एक साथ दिखाया है। भाजपा के नेताओं अमित शाह, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, कांग्रेस के संदीप दीक्षित, अजय माकन और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी को इस पोस्टर में एक साथ चित्रित किया गया है। इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल को एक ईमानदार नेता के तौर पर पेश किया गया है। आप के इस पोस्टर ने विरोधी दलों के नेताओं को घेरने के लिए उनकी छवि का इस्तेमाल किया है।
आप के नेताओं का आरोप है कि भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली की जनता के साथ हमेशा धोखा किया है, जबकि अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के लिए मुफ्त बिजली, पानी, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पार्टी के इस नए प्रचार प्रयास से एक बार फिर चुनावी माहौल गर्म हो गया है।
मुख्यमंत्री चेहरे पर सियासी खींचतान: भाजपा और आप के बीच आरोप
विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भी सियासी खींचतान शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में भाजपा पर हमला बोलते हुए दावा किया कि भाजपा अपनी पार्टी के नेता रमेश बिधूड़ी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने जा रही है। आतिशी ने आरोप लगाया कि रमेश बिधूड़ी ने न केवल अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, बल्कि उन्होंने पार्टी के पूर्वांचली नेताओं के साथ भी गलत व्यवहार किया था।
आतिशी ने आगे कहा कि भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनका मुख्यमंत्री चेहरा कौन है, जबकि आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर पहले ही घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिधूड़ी ने प्रियंका गांधी और उनके परिवार के खिलाफ भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था, और अब वह भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में दो विकल्प: अरविंद केजरीवाल और रमेश बिधूड़ी
आतिशी ने चुनावी प्रचार के दौरान दिल्ली के मतदाताओं को दो विकल्प दिए। एक ओर, अरविंद केजरीवाल हैं, जो आईआईटी खड़गपुर से पढ़े हैं, और जिन्होंने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं को सुधारने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। दूसरी ओर, भाजपा की ओर से रमेश बिधूड़ी जैसे नेता हैं, जिन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और समाज में घृणा फैलाने का काम किया। आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रही है, जबकि अरविंद केजरीवाल हमेशा दिल्लीवासियों के भले के लिए काम करते आए हैं।
भाजपा का पलटवार: केजरीवाल पर हमले
भाजपा ने आम आदमी पार्टी के आरोपों का तीखा पलटवार किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे सत्ता खोने के डर से मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल दिल्ली के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि चुनावी लाभ हासिल किया जा सके।
सचदेवा ने कहा, “केजरीवाल ने 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया। इसके अलावा, उन्होंने 21 और 22 सितंबर को महिला विरोधी बयान दिए। दिसंबर में उन्होंने बांग्लादेशी और रोहिंग्या वोटरों को जोड़ने के लिए दबाव डाला और एक जनवरी को उन्होंने झूठी खबर फैलाकर दिल्ली का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की।” सचदेवा का कहना था कि केजरीवाल के हालिया बयानों और पोस्टरों से उनकी हताशा और चरित्र का खुलासा हुआ है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव: चुनावी प्रचार में नई चालें
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक दलों ने प्रचार के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इस बार सोशल मीडिया, पोस्टर्स, टीवी विज्ञापनों, और रैलियों के जरिए जनता तक अपनी बात पहुंचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। आम आदमी पार्टी, भाजपा, कांग्रेस और अन्य दल अपने-अपने प्रचार माध्यमों से चुनावी मैदान में जोरदार तरीके से सक्रिय हैं।
दिल्लीवासियों के लिए अहम चुनावी मुद्दे
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार प्रमुख मुद्दों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और सड़कों का निर्माण शामिल हैं। आम आदमी पार्टी ने पिछले कार्यकाल में इन मुद्दों पर काफी ध्यान दिया था, और अब वह अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने प्रस्तुत कर रही है। वहीं, भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने तरीके से दिल्ली के विकास और सुधार की बातें कर रहे हैं। हालांकि, सभी पार्टियों के लिए यह चुनाव अपनी राजनीतिक भविष्यवाणियों को साबित करने का एक बड़ा मौका है।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक घमासान और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चुका है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे दिल्ली के राजनीतिक दृश्य में हलचल बढ़ती जा रही है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए अपने नए पोस्टरों के माध्यम से चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है। वहीं, भाजपा और कांग्रेस भी पूरी तरह से मैदान में उतर आई हैं और अपनी-अपनी रणनीतियां तैयार कर रही हैं। इस बार दिल्लीवासियों के सामने दो प्रमुख विकल्प हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा दल इस चुनावी संघर्ष में जीत हासिल करता है।