दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं और इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 21 नवंबर को अपनी पहली उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में 11 उम्मीदवारों के नाम हैं जिनमें से 6 उम्मीदवारों का सीधा संबंध बीजेपी और कांग्रेस से रहा है। इस रणनीतिक कदम के साथ अरविंद केजरीवाल ने एक ओर साबित किया कि उनकी पार्टी दिल्ली में एक मजबूत उम्मीदवार लाइनअप के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। साथ ही इस लिस्ट को जारी कर केजरीवाल ने यह संदेश भी दिया कि वे दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन करने की कोई योजना नहीं बना रहे और अकेले ही चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस की जरूरत नहीं, बीजेपी को चुनौती
अरविंद केजरीवाल की इस पहली लिस्ट के साथ उनका संदेश बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए स्पष्ट था। पहली बात तो यह कि कांग्रेस से गठबंधन का सवाल खत्म हो गया, क्योंकि केजरीवाल ने यह साफ कर दिया कि उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही बीजेपी खुद को एक चुनावी मशीन मानती हो, दिल्ली में अब चुनावी फलक पर पहली चाल उनका ही होगा।
केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों के नेताओं को पार्टी में शामिल करके एक तरह से इन दोनों दलों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। इस कदम ने दिल्ली चुनाव के सन्दर्भ में मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने में मदद की, क्योंकि दोनों ही दलों के लिए ये उम्मीदवार कहीं न कहीं महत्व रखते हैं, जो पहले उनके पक्ष में रहे थे।
बदलाव की ओर एक और कदम
आम आदमी पार्टी की इस पहली सूची में बीजेपी से जुड़े तीन नेताओं के नाम शामिल हैं, जिनमें से ब्रह्म सिंह तंवर, बीबी त्यागी और अनिल झा को टिकट दिया गया है। इन तीनों नेताओं का बीजेपी में महत्वपूर्ण स्थान था।
- ब्रह्म सिंह तंवर: ब्रह्म सिंह तंवर दक्षिण दिल्ली और दिल्ली देहात में बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार थे और तीन बार विधायक रहे थे। हालांकि अब वह छतरपुर से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरेंगे। उनके इस निर्णय से साफ जाहिर होता है कि वे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की लहर के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा को नया मोड़ देना चाहते हैं।
- बीबी त्यागी: पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर रहे बीबी त्यागी को आम आदमी पार्टी ने लक्ष्मीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी में रहते हुए उन्होंने लक्ष्मीनगर सीट से विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब अपनी किस्मत आम आदमी पार्टी के साथ आजमाई है।
- अनिल झा: अनिल झा भी बीजेपी के टिकट पर दो बार किराड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे थे। अब वह उसी सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी समर में उतरेंगे।
यह बदलाव बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है क्योंकि ये तीनों नेता न केवल पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर थे बल्कि उनकी राजनीतिक समझ और अनुभव से आम आदमी पार्टी को फायदा हो सकता है।
कांग्रेस के पुराने कद्दावर नेता अब AAP का हिस्सा
बीजेपी के अलावा, कांग्रेस के भी तीन कद्दावर नेताओं को आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में शामिल किया है। ये नेता पहले कांग्रेस के महत्वपूर्ण सदस्य रहे हैं और अब वे AAP के उम्मीदवार बनकर चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं।
- जुबैर चौधरी: जुबैर चौधरी कांग्रेस के दिग्गज नेता मतीन चौधरी के बेटे हैं, जिन्होंने सीलमपुर सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव जीते थे। अब जुबैर चौधरी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर सीलमपुर से चुनाव लड़ेंगे।
- सुमेश शौकीन: कांग्रेस के नेता रहे सुमेश शौकीन दिल्ली देहात से दो बार के विधायक थे। अब वह मटियाला से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं।
- वीर सिंह धींगान: कांग्रेस के एक और कद्दावर नेता वीर सिंह धींगान सीमापुरी से तीन बार विधायक रहे हैं। अब वे आम आदमी पार्टी में शामिल होकर सीमापुरी से फिर से चुनाव लड़ेंगे।
इन नेताओं का आम आदमी पार्टी में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि यह दिखाता है कि पार्टी के भीतर एक असंतोष है जिससे केजरीवाल की पार्टी को फायदा हो सकता है।
AAP की बाकी सूची और संभावनाएं
अरविंद केजरीवाल ने अपनी पहली लिस्ट में जिन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, उनमें और भी कई नेता शामिल हैं जो 2020 में चुनाव हार चुके थे, जैसे दीपक सिंगला, सरिता सिंह और राम सिंह नेताजी। इसके अलावा गौरव शर्मा और मनोज त्यागी को भी घोंडा और करावल नगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
हालांकि यह केवल आम आदमी पार्टी की पहली लिस्ट है और पार्टी की ओर से 59 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान अभी बाकी है। यह देखा जाएगा कि आने वाले समय में कौन-कौन से नाम पार्टी की सूची में शामिल होते हैं और किस प्रकार की रणनीतियां अपनाई जाती हैं।