दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव की दिशा तय करने के लिए अपनी रणनीति को गति दे दी है। पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन के लिए 43 समितियां गठित की हैं, जिनमें प्रत्येक समिति का एक संयोजक नियुक्त किया गया है। यह समितियां पार्टी के लिए दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र से सबसे मजबूत और जीतने योग्य उम्मीदवारों का चयन करने का काम करेंगी। इसके अलावा, बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है, जो स्थानीय जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं से रायशुमारी करके यह सुनिश्चित करेंगे कि कौन सा उम्मीदवार सबसे योग्य और जीतने योग्य है।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने घोषित किए उम्मीदवार
बीजेपी की रणनीति का उद्देश्य अन्य दलों की उम्मीदवारों की घोषणाओं के बाद अपनी सामाजिक और जातीय समीकरण को बेहतर ढंग से तय करना है। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 उम्मीदवारों का ऐलान पहले ही कर दिया है, जो पार्टी की चुनावी तैयारियों को स्पष्ट करता है। वहीं, कांग्रेस ने भी अपनी पहली लिस्ट में 21 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। इन दोनों दलों की उम्मीदवार सूची को देखकर बीजेपी को अपनी रणनीति बनाने में काफी मदद मिल रही है। पार्टी अब यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि उसकी सूची सामाजिक, जातीय और स्थानीय समीकरणों के अनुरूप हो।
बीजेपी के बड़े चेहरों की संभावित लिस्ट
सूत्रों की मानें तो बीजेपी इस बार कुछ बड़े और प्रभावशाली चेहरों को चुनाव मैदान में उतारने की योजना बना रही है। पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा दिल्ली विधानसभा की प्रमुख सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर विचार किया जा रहा है, और इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है।
नई दिल्ली विधानसभा में प्रवेश वर्मा की संभावना
बीजेपी इस बार नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे और पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर रही है। यह सीट अरविंद केजरीवाल के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि बीजेपी इस क्षेत्र में अपने उम्मीदवार को मजबूत बनाने के लिए पूरी तरह से जुटी हुई है। प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारकर बीजेपी स्थानीय राजनीति को मजबूत करने की कोशिश करेगी।
ग्रेटर कैलाश में मीनाक्षी लेखी की उम्मीदवारी
ग्रेटर कैलाश विधानसभा से बीजेपी के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में मीनाक्षी लेखी को उतारा जा सकता है। यह सीट दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के लिए अहम है, और मीनाक्षी लेखी को उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतारने की योजना है। मीनाक्षी लेखी दिल्ली की राजनीति में एक मजबूत चेहरा मानी जाती हैं और उनकी उम्मीदवारी पार्टी के लिए मजबूती का प्रतीक हो सकती है।
कालका जी में रमेश बिधूड़ी की संभावित उम्मीदवारी
कालका जी सीट पर मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ बीजेपी पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में है। बिधूड़ी दिल्ली की राजनीति में काफी समय से सक्रिय हैं और उनकी उम्मीदवारी बीजेपी के लिए एक मजबूत कदम हो सकती है।
पटपड़गंज से वीरेंद्र सचदेवा का चुनाव मैदान में उतरना
पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को उम्मीदवार बनाने की संभावना जताई जा रही है। यहां से कांग्रेस ने दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी को उम्मीदवार घोषित किया है, लेकिन बीजेपी इस सीट पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार है।
आप के पूर्व नेताओं की बीजेपी में वापसी
दिल्ली में आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं। हाल ही में, आम आदमी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत ने बीजेपी का दामन थामा है, और अब बीजेपी उन्हें नजफगढ़ से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। गहलोत का अनुभव और उनकी नजफगढ़ क्षेत्र में प्रभाव, बीजेपी के लिए एक बड़ी मदद साबित हो सकता है।
राजकुमार आनंद का बीजेपी में शामिल होना
इसके अलावा, आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर पहले बसपा और फिर बीजेपी में शामिल होने वाले दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद को पटेल नगर विधानसभा से बीजेपी चुनाव मैदान में उतार सकती है। राजकुमार आनंद पटेल नगर से ही विधायक रह चुके हैं, और उनकी उम्मीदवारी इस क्षेत्र में बीजेपी के पक्ष में माहौल बना सकती है।
बीजेपी की रणनीति और विपक्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रणनीति विपक्ष के मुकाबले अधिक परिपक्व और सुविचारित दिख रही है। पार्टी न केवल प्रमुख चेहरों को मैदान में उतारने की योजना बना रही है, बल्कि वह उम्मीदवारों के चयन में जातीय और सामाजिक समीकरणों का भी ध्यान रख रही है। इससे पार्टी को अपने पारंपरिक मतदाताओं के अलावा, नए मतदाताओं को भी आकर्षित करने का अवसर मिल सकता है।
वहीं, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी अपनी-अपनी रणनीतियों को लेकर काफी सक्रिय हैं। हालांकि, बीजेपी की मजबूत तैयारी और उम्मीदवारों के चयन में की जा रही सूझबूझ पार्टी के लिए एक मजबूत स्थिति बना सकती है।