दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी सरकारी सुविधाओं को छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि वह अपने सरकारी आवास को कुछ हफ्तों में खाली कर देंगे, जो कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें प्रदान किया गया था।
केजरीवाल का इस्तीफा
अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, “मैंने दिल्ली की जनता की सेवा करने की पूरी कोशिश की है और अब मुझे लगता है कि यह समय कुछ नए दिशा में जाने का है।” उनके इस्तीफे के बाद, पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी पुष्टि की कि केजरीवाल सरकारी आवास को जल्द ही खाली कर देंगे। मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल को कई सरकारी सुविधाएं मिली हुई थीं, जिनमें एक विशाल सरकारी आवास, सरकारी वाहन और अन्य विशेषाधिकार शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इन सुविधाओं का उपयोग नहीं करेंगे और आम नागरिक की तरह जीवन जीने का निर्णय लिया है।
दिल्ली की राजनीति में बदलाव
केजरीवाल का यह कदम दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है। उनके इस्तीफे और सरकारी सुविधाओं को छोड़ने के निर्णय से उनकी पार्टी, आम आदमी पार्टी (AAP), में नए नेतृत्व की संभावनाएं खुल सकती हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा, “यह समय है कि हम एक नई दिशा में बढ़ें और जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहें।”
आप पार्टी की स्थिति
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, जो कि 2013 में स्थापित हुई थी, और दिल्ली में कई चुनावी जीत हासिल की हैं। हालांकि, हाल के दिनों में पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें विपक्षी दलों द्वारा किए गए हमले और राजनीतिक विवाद शामिल हैं।
अब जब केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने नए जीवन में क्या कदम उठाते हैं। उनके समर्थक उम्मीद करते हैं कि वह राजनीति से दूर नहीं होंगे और अपनी आवाज़ को आम लोगों के मुद्दों के लिए उठाते रहेंगे।