
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हाल ही में आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमले करने वाले व्यक्ति की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की है। इस व्यक्ति का नाम रोहित सेहरावत बताया गया है, जिसके नाम के साथ बीजेपी का लेबल लगा हुआ है। सीएम आतिशी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “जिस आदमी ने आज अरविंद केजरीवाल पर हमला किया, वह बीजेपी का गुंडा है।”
हमले की पृष्ठभूमि
दिल्ली में पदयात्रा के दौरान केजरीवाल पर हुए इस हमले ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इस घटना की निंदा की और बीजेपी को घेरने का प्रयास किया। इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा, “दिल्ली में केजरीवाल जी पर हमले का समाचार निंदनीय और चिंतनीय है। यह स्पष्ट है कि हिंसा और नफरत की राजनीति किसकी है।”
बीजेपी की प्रतिक्रिया
इस घटना पर बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर जनता सवाल पूछती है तो केजरीवाल को परेशानी क्यों होती है? आज विकासपुरी में स्थानीय लोग गंदे पानी की शिकायत कर रहे थे, जिस पर केजरीवाल बौखला गए। जब जनता सवाल पूछती है, तो वह उसे बीजेपी का हमला बताने लगते हैं।” सचदेवा का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि वे केजरीवाल को अपनी विफलताओं के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं।
राजनीतिक विश्लेषण
इस हमले के पीछे की राजनीति को समझना आवश्यक है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच की तल्खी अब खुलकर सामने आ चुकी है। केजरीवाल का लगातार बीजेपी पर आरोप लगाना और दूसरी तरफ बीजेपी का जवाब देना इस बात का संकेत है कि दोनों पार्टियों के बीच टकराव बढ़ रहा है।
हिंसा की राजनीति
आकर्षक यह है कि अखिलेश यादव ने इस घटना को राजनीतिक हिंसा के रूप में देखा। उनका यह कहना कि “हिंसक होना हारने की निशानी है” यह दर्शाता है कि वे इस घटना को एक गंभीर राजनीतिक संकट के रूप में देख रहे हैं। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर बीजेपी इस तरह की हिंसा में शामिल है, तो इसका राजनीतिक लाभ उन्हें नहीं मिलेगा।
आम आदमी पार्टी का आरोप
आम आदमी पार्टी ने इस हमले के पीछे बीजेपी की साजिश का आरोप लगाया है। सीएम आतिशी ने स्पष्ट किया कि “बीजेपी अरविंद केजरीवाल को हरा नहीं सकती, इसलिए उनकी जान लेना चाहती है।” इस प्रकार के आरोप राजनीतिक रुख को और भी उग्र बनाते हैं, जिससे चुनावी माहौल और गर्म होता है।