
पंजाब के जालंधर शहर में बीते 24 घंटे से हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर के कई हिस्सों में जलभराव ने तबाही मचा दी है। दमोरिया पुल पूरी तरह पानी में डूब चुका है, जबकि सेंट्रल टाउन, मॉडल टाउन, किशनपुरा और चिट्टी बेई जैसे प्रमुख इलाके जलमग्न हो गए हैं। पानी के तेज बहाव में एक निजी बस भी फंस गई, गनीमत रही कि उसमें कोई सवारी मौजूद नहीं थी।
बारिश के चलते रेलवे सेवा पर भी गहरा असर पड़ा है। शताब्दी सहित कई प्रमुख ट्रेनें दो से तीन घंटे की देरी से चल रही हैं। इसी बीच एक दुखद हादसे में रेलवे कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान करंट लगने से मौत हो गई। प्रशासन हालात पर नियंत्रण पाने की कोशिश में जुटा है, लेकिन जनता में आक्रोश और चिंता का माहौल व्याप्त है।
दमोरिया पुल बना जलसमाधि, बस फंसी पानी में
बारिश के कारण शहर का प्रमुख दमोरिया पुल पूरी तरह से पानी में डूब चुका है। पुल के नीचे एक प्राइवेट बस पानी में फंस गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पानी का स्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि बस कुछ ही मिनटों में पूरी तरह जलमग्न हो गई। हालांकि राहत की बात यह रही कि बस में कोई यात्री मौजूद नहीं था। बस मालिक लगातार उसे बाहर निकालने के प्रयास कर रहे हैं। आसपास के इलाकों में भी सड़कों पर घुटनों से ऊपर पानी भर चुका है, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मॉडल टाउन और सेंट्रल टाउन में व्यापारिक नुकसान
शहर का पॉश इलाका मॉडल टाउन जलभराव से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां स्थित कई कॉमर्शियल बिल्डिंग्स, दुकानों और रेसिडेंशियल सोसाइटीज़ में पानी घुस गया है। दुकानदारों का कहना है कि लाखों रुपये का सामान बारिश और जलभराव की वजह से नष्ट हो गया है।
सेंट्रल टाउन के अली पुली चौक में नाराज़ स्थानीय लोगों ने सड़क पर कुर्सियां डालकर प्रदर्शन किया। पानी से भरे इस इलाके में ही नेताओं के प्रतीक रूप में कुर्सियां रख दी गईं और प्रशासन के प्रति नाराज़गी जाहिर की गई। एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “हम हर साल यह परेशानी झेलते हैं, लेकिन प्रशासन जागता तब है जब सब कुछ डूब जाता है।”
रेलवे सेवाएं बाधित, यात्री बेहाल
भारी बारिश और जलभराव का असर रेलवे संचालन पर भी पड़ा है। कई महत्वपूर्ण ट्रेनें, जिनमें शताब्दी एक्सप्रेस भी शामिल है, 2 से 3 घंटे की देरी से चल रही हैं। स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। प्लेटफॉर्म और ट्रैक के बीच पानी जमा होने से यात्रियों को ट्रेनों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेनों के समय में परिवर्तन किया गया है और लगातार अनाउंसमेंट के जरिए यात्रियों को जानकारी दी जा रही है।
रेल कर्मचारी की करंट लगने से मौत
सबसे दुखद समाचार यह है कि रेलवे कर्मचारी पुरुषोत्तम कुमार, जो कि बीते 23 वर्षों से रेलवे सेवा में थे, की ड्यूटी के दौरान करंट लगने से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, वह प्लेटफॉर्म नंबर 2 और 3 के बीच जलभराव में काम कर रहे थे, जब पानी में शॉर्ट सर्किट हुआ और वे उसकी चपेट में आ गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रेलवे कर्मचारियों में इस घटना के बाद गहरा शोक है। सुरक्षा उपायों की कमी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
रिहायशी इलाकों में रात भर जागते रहे लोग
शहर के कई इलाकों — किशनपुरा, चिट्टी बेई, गुरु नानक पुरा और बलराज नगर — में पानी घरों के अंदर तक घुस चुका है। लोगों को अपनी पूरी रात जागकर बितानी पड़ी, ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक सामान, फर्नीचर और राशन का भारी नुकसान हुआ है। कई मकानों के बेसमेंट पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं।