उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में आज 38वें राष्ट्रीय खेलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों सहित प्रदेश के सभी जनपद प्रभारी, सेनानायक और संबंधित इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में खेलों की तैयारी, सुरक्षा प्रबंध, फोर्स व्यवस्था, यातायात योजना, पार्किंग और सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता पर विस्तृत चर्चा की गई।
उत्तराखंड में 28 जनवरी से 38वें राष्ट्रीय खेलों का आगाज हो रहा है। यह खेल राज्य के 9 जनपदों में 19 विभिन्न स्थानों पर आयोजित होंगे, जिसमें लगभग 10,000 खिलाड़ी विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेंगे। इस बार खेलों में 44 खेल स्पर्धाएं होंगी और आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी स्तरों पर कड़ी तैयारियां की जा रही हैं।
पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सजग और सतर्क रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने बताया कि यह आयोजन उत्तराखंड की क्षमताओं और सौंदर्य को देश-दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर है और इसे सुरक्षित और सफलतापूर्वक आयोजित करना राज्य पुलिस का प्रमुख कर्तव्य है। पुलिस प्रमुख ने बताया कि खेलों की सुरक्षा व्यवस्था के तहत खिलाड़ियों के आवास, उनके प्रशिक्षण स्थल और आयोजन स्थल के बीच सुरक्षित और कुशल परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता देने की बात भी कही।
खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस हर कदम पर उनके साथ रहेगी। उनकी सुरक्षा के लिए एक मजबूत योजना बनाई गई है, जिसके तहत सभी खिलाड़ियों के रूट, उनकी यात्रा और अभ्यास सत्रों की निगरानी की जाएगी। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी आयोजन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जाएगी और एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से सभी गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जाएगी।
खिलाड़ियों की सुरक्षा, उनके प्रवास स्थानों की निगरानी, यातायात व्यवस्था और पार्किंग व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए प्रदेशभर में लगभग 10,000 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। पुलिस महानिदेशक ने यह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों और इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों को निर्देशित किया कि सुरक्षा, आवास, यातायात और पार्किंग व्यवस्था समय पर पूरी की जाए और सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की जाए।
पुलिस महानिदेशक ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी आयोजनों और खिलाड़ियों के आवास स्थलों पर सुरक्षा उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसमे विशेष रूप से अग्नि सुरक्षा उपकरण जैसे मोटर फायर इंजन, फायर एक्सटिंग्यूशर और अन्य आवश्यक उपाय शामिल होंगे। इसके अलावा, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और आयोजन स्थलों की सुरक्षा भी कड़ी निगरानी में रहेगी।
खिलाड़ियों और दर्शकों के सुचारु आवागमन के लिए विशेष यातायात प्लान तैयार किया गया है। रूट यातायात, प्रवेश और निकासी मार्ग, और पार्किंग व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। निदेशक यातायात और संबंधित जनपद प्रभारी इन व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी समस्या उत्पन्न न हो।सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के बीच प्रभावी और वास्तविक समय में संवाद स्थापित किया जाएगा ताकि कोई भी समस्या उत्पन्न होने पर त्वरित समाधान किया जा सके। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सभी अधिकारियों को समय से पहले संबंधित कार्यों का सत्यापन और निगरानी सुनिश्चित करनी होगी।
अभिसूचना विभाग द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से लगातार जानकारी संकलन की प्रक्रिया जारी रहेगी। इसके अतिरिक्त, एन्टी-सबोटाज और बीडीएस (बम निरोधक दल) की टीमें 24×7 तैनात रहेंगी, ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटा जा सके।
गोष्ठी में यह भी निर्देश दिया गया कि बिजली, पेयजल, सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD), फायर विभाग, एसडीआरएफ और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए ताकि आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की विघ्न बाधा से बचा जा सके। सभी अधिकारियों को आपातकालीन योजनाओं और निकासी योजनाओं का अभ्यास करने और सभी संबंधितों को इन योजनाओं से ब्रीफ करने के निर्देश दिए गए हैं।
गोष्ठी में अपर पुलिस महानिदेशक वी0 मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक ए पी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक विम्मी सचदेवा, कृष्ण कुमार वी के और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।