
अहमदाबाद में एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान हादसे में 241 लोगों की दर्दनाक मौत के एक दिन बाद विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े की विशेष सुरक्षा जांच के आदेश जारी किए हैं। यह कदम सुरक्षा मानकों की समीक्षा और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने की दिशा में उठाया गया है।
DGCA ने टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन को निर्देशित किया है कि सभी 787-8 और 787-9 मॉडल विमानों की तकनीकी जांच की जाए, जिनमें जेनएक्स इंजन लगे हैं। साथ ही, इन विमानों की स्थिति की विशेष निगरानी और अतिरिक्त मेंटनेंस कार्य DGCA के क्षेत्रीय कार्यालयों के समन्वय से अनिवार्य रूप से किए जाएंगे।
अहमदाबाद विमान हादसा: एक राष्ट्रीय त्रासदी
गुरुवार दोपहर एअर इंडिया का एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुआ था, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में कुल 242 यात्री और चालक दल सदस्य सवार थे। दुखद रूप से, केवल एक यात्री जीवित बच पाया, जबकि 241 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर दिया और विमानन क्षेत्र में एक बार फिर सुरक्षा मानकों की गंभीर समीक्षा की आवश्यकता को सामने ला दिया।
DGCA का त्वरित और सख्त निर्णय
हादसे के अगले ही दिन DGCA द्वारा लिया गया यह निर्णय एक एहतियाती कदम माना जा रहा है। DGCA ने स्पष्ट कहा है कि, “सभी जेनएक्स इंजन से लैस बोइंग 787 विमानों पर तत्काल प्रभाव से विस्तृत निरीक्षण और तकनीकी मेंटनेंस किया जाए। यह प्रक्रिया तभी पूरी मानी जाएगी जब DGCA के क्षेत्रीय अधिकारी विमानों को दोबारा सेवा में आने की अनुमति दें।”
DGCA की इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल संभावित तकनीकी त्रुटियों की पहचान करना है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराना भी है।
एअर इंडिया के बेड़े में 33 ड्रीमलाइनर विमान
टाटा समूह की एअर इंडिया के पास वर्तमान में 33 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हैं, जिनमें 26 बोइंग 787-8 और 7 बोइंग 787-9 शामिल हैं। ये विमान भारत की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की रीढ़ हैं और लंबी दूरी की उड़ानों के लिए विशेष रूप से उपयोग किए जाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, जेनएक्स इंजन वाली विमानों की मेन्टेनेंस आवश्यकताओं और तकनीकी जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय बहुत आवश्यक था।
जेनएक्स इंजन को लेकर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
बोइंग 787 विमानों में उपयोग हो रहे General Electric (GE) के GEnx इंजन को लेकर पहले भी कई बार चिंताएं उठ चुकी हैं। विशेष रूप से, इंजन में होने वाले प्रसारण संबंधी कंपन, ओवरहीटिंग, और प्रेसर लॉस जैसी समस्याएं सामने आ चुकी हैं। वर्ष 2023 में भी DGCA ने एक रिपोर्ट में इन इंजनों के लिए विशेष मॉनिटरिंग की सिफारिश की थी। अहमदाबाद हादसे ने एक बार फिर इन इंजनों की विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित
केंद्र सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जिसमें विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों, DGCA प्रतिनिधियों, एयरक्राफ्ट इंजीनियरों और एअर इंडिया के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह समिति हादसे के कारणों, तकनीकी गड़बड़ियों, संभावित मानवीय भूल, और विमान के मेंटनेंस रिकॉर्ड की गहन समीक्षा करेगी।
सिविल एविएशन मंत्रालय ने भी साफ कहा है कि, “किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित एजेंसियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि: एअर इंडिया का बयान
एअर इंडिया ने एक आधिकारिक बयान में हादसे को “गंभीर और अत्यंत दुखद” बताया। कंपनी ने कहा, “हम जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और DGCA के निर्देशों का पूर्ण अनुपालन किया जाएगा।”
एअर इंडिया ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इसके साथ ही एयरलाइन ने अपने बाकी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों को पुनर्निर्धारित कर दिया है जब तक कि सभी सुरक्षा निरीक्षण पूरे नहीं हो जाते।
क्या उड़ानों पर पड़ेगा असर?
इस निर्णय से तत्काल प्रभाव में एअर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर पड़ सकता है। चूंकि ड्रीमलाइनर विमान मुख्यतः यूरोप, अमेरिका, खाड़ी और ऑस्ट्रेलिया जैसे लंबी दूरी वाले रूटों पर सेवा में रहते हैं, इसलिए कई उड़ानों के शेड्यूल में बदलाव की संभावना है। यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे यात्रा से पहले अपनी उड़ानों की स्थिति जांच लें।