
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को शासकीय आवास स्थित सभागार में राज्य के सभी जिलाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक का प्रमुख उद्देश्य आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों, तीर्थ-पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था, अवैध गतिविधियों पर निगरानी और संवेदनशील क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा करना था।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की प्रतिष्ठा, सुरक्षा और पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था से जुड़ा विषय है। उन्होंने साफ शब्दों में निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चारधाम यात्रा मार्गों की समीक्षा
चारधाम यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम तक हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्गों की मरम्मत, सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था और आपातकालीन सेवाओं की तैयारियों की गहन समीक्षा की।
धामी ने संबंधित जिलों के डीएम से यात्रा मार्गों पर सड़क गड्ढों की मरम्मत, गिरने वाले बोल्डरों की रोकथाम, चिह्नित भूस्खलन क्षेत्रों की निगरानी और स्वच्छता व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही उन्होंने यात्री विश्राम स्थलों, शौचालयों, मेडिकल चेकअप कैंपों और मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता के बारे में भी विस्तृत जानकारी मांगी।
तीर्थ स्थलों की सुरक्षा और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर
सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को तीर्थस्थलों और यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए। उन्होंने खासतौर पर संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी, सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने, ड्रोन पेट्रोलिंग और स्थानीय पुलिस व इंटेलिजेंस यूनिट के तालमेल को मजबूत करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। किसी भी रूप में असामाजिक तत्वों को प्रदेश की शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। संदिग्ध गतिविधियों की समय पर पहचान और त्वरित कार्रवाई अनिवार्य है।”
अवैध दस्तावेजों के खिलाफ अभियान तेज
बैठक में मुख्यमंत्री ने एक और अहम मुद्दा उठाया — अवैध आधार कार्ड, वोटर आईडी और मोबाइल कनेक्शन जैसे दस्तावेजों का दुरुपयोग। उन्होंने कहा कि कई स्थानों से यह शिकायतें मिली हैं कि बाहरी तत्व फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से राज्य में गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि:
- इन मामलों की जिला स्तर पर विशेष जांच टीमें गठित की जाएं।
- दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
- मोबाइल कंपनियों से संपर्क कर वेरिफिकेशन सिस्टम की समीक्षा की जाए।
कैंची धाम वार्षिकोत्सव की तैयारियों पर चर्चा
अल्मोड़ा जनपद के लोकप्रिय धार्मिक स्थल कैंची धाम के आगामी वार्षिकोत्सव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने वहां की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि:
- पार्किंग की समुचित व्यवस्था की जाए ताकि ट्रैफिक जाम की स्थिति न बने।
- स्वच्छता, पेयजल, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं समय पर तैयार हों।
- भीड़ नियंत्रण के लिए अलग से सुरक्षा योजना बनाई जाए।
सीएम ने कहा कि कैंची धाम में हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं और राज्य की छवि इससे जुड़ी हुई है, इसलिए हर विभाग को समन्वय बनाकर काम करना चाहिए।
वनाग्नि संभावित क्षेत्रों में गश्त और कार्रवाई
गर्मियों के मौसम में उत्तराखंड के वनों में आग लगने की घटनाएं आम हैं, जिनसे न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों और स्थानीय जनता की जान भी खतरे में पड़ती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि:
- वनाग्नि संभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए।
- आगजनी करने वालों की पहचान कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
- वन विभाग, पुलिस और स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वित टीम बनाकर सतत निगरानी की जाए।
उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर जंगलों को जलने नहीं दिया जा सकता। यह राज्य की पारिस्थितिकी और पर्यटन दोनों के लिए खतरा है।
पेयजल और फॉगिंग की व्यवस्था पर निर्देश
मुख्यमंत्री ने संवेदनशील क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने और ग्राम्य क्षेत्रों में मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित फॉगिंग कराने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गर्मी में जल संकट और मच्छरों की बढ़ती संख्या से ग्रामीण जीवन प्रभावित होता है, इसलिए:
- जल संस्थानों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए।
- टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित करने को कहा गया।
- स्वास्थ्य विभाग को मलेरिया व डेंगू की रोकथाम के लिए पहले से तैयारी करने के आदेश दिए।
जिलाधिकारियों को मिली जवाबदेही
मुख्यमंत्री ने बैठक के अंत में सभी जिलाधिकारियों को चेताया कि उनके कार्यों की सीधी निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जाएगी। जो अधिकारी लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। वहीं, बेहतर कार्य करने वाले जिलों और अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा: “हर जिला प्रशासन को चाहिए कि वह अपने क्षेत्र की जरूरतों को समझे, त्वरित निर्णय ले और समयबद्ध कार्यों को धरातल पर उतारे। हम सबकी संयुक्त जवाबदेही है कि चारधाम यात्रा न केवल सुरक्षित हो, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक यादगार अनुभव बने।”