
उत्तराखंड की धामी सरकार ने 2027 के विधानसभा चुनाव को लक्ष्य बनाकर अपनी चुनावी तैयारियों का आगाज कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार के सभी दायित्वधारियों को अभी से सक्रिय होने और जनहित व विकास योजनाओं के प्रभावी प्रचार-प्रसार में जुट जाने का निर्देश दिया है। सरकार की मंशा है कि योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचे और साथ ही इसके जरिए जनता के बीच पार्टी की सकारात्मक छवि मजबूत की जा सके।
मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में शनिवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में सरकार के विभिन्न विभागों में दायित्व निभा रहे नेताओं को एक साथ बुलाया गया। बैठक का उद्देश्य स्पष्ट था — 2027 के चुनावी परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए संगठन और सरकार की भूमिका को एकजुट कर चुनावी नींव मजबूत करना।
चुनाव पूर्व रणनीति का खाका तैयार
धामी सरकार में 50 से अधिक वरिष्ठ नेताओं को अलग-अलग विभागों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य पद पर दायित्व दिए गए हैं। यह पहली बार है कि इतने बड़े स्तर पर दायित्वधारियों को एकजुट कर उनसे आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में सीधे भागीदारी की अपेक्षा की जा रही है। मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में स्पष्ट किया कि यह दायित्व केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि पूरी तरह से क्रियाशील और परिणाममूलक होने चाहिए।
धामी ने कहा, “प्रदेश सरकार की सभी योजनाएं जनकल्याण की भावना से प्रेरित हैं। लेकिन इन योजनाओं का असर तभी पड़ेगा, जब उन्हें धरातल पर पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ लागू किया जाएगा। हमारी सरकार का लक्ष्य केवल शासन चलाना नहीं, बल्कि उत्तराखंड को विकास के हर पैमाने पर अग्रणी बनाना है।”
योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जनसंपर्क पर फोकस
मुख्यमंत्री ने दायित्वधारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में विभागीय योजनाओं के बारे में जनता को जागरूक करें। इन योजनाओं में स्वरोजगार, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और डिजिटल सेवाएं शामिल हैं। उन्हें क्षेत्रीय सक्रियता के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्र लोगों तक पहुंचे।
बैठक में यह भी तय किया गया कि दायित्वधारी नियमित फील्ड विजिट करेंगे, विभागीय बैठकों में भाग लेंगे और अपने क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाएंगे। साथ ही उनके कामकाज का एक रिपोर्टिंग सिस्टम भी तैयार किया जाएगा, जिससे समय-समय पर उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा सके।
संगठन की भूमिका भी अहम
बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी हिस्सा लिया और दायित्वधारियों को संबोधित करते हुए कहा, “पार्टी ने जिन कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपा है, उनसे यह अपेक्षा है कि वे संगठन और सरकार के बीच मजबूत सेतु बनें। आपके अनुभव, दृष्टिकोण और क्षेत्रीय पकड़ से राज्य सरकार को लाभ मिलेगा और विकास की योजनाएं गति पकड़ेगी।”
भट्ट ने कहा कि पार्टी चाहती है कि दायित्वधारी केवल औपचारिक भूमिकाओं में न रहें, बल्कि जमीनी स्तर पर सक्रिय होकर लोगों से संवाद करें और पार्टी की विचारधारा व योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं। उन्होंने यह भी कहा कि 2027 की चुनावी तैयारी केवल उम्मीदवारों के चयन या रैलियों से नहीं होगी, बल्कि निरंतर जनसंपर्क और विकास कार्यों की प्रभावी प्रस्तुति से ही पार्टी दोबारा सत्ता में लौटेगी।
मुख्य सेवक सदन में संवाद का उद्देश्य
मुख्यमंत्री धामी द्वारा आयोजित यह बैठक केवल एक संवाद सत्र नहीं थी, बल्कि यह एक राजनीतिक संदेश भी था। इस आयोजन के जरिए यह संकेत देने की कोशिश की गई कि भाजपा सरकार समय से पहले चुनावी मोर्चा संभालने को तैयार है और इसके लिए वह संगठन और सरकार के हर स्तर पर एकजुटता ला रही है। बैठक में लगभग सभी प्रमुख दायित्वधारी शामिल हुए और उन्हें राज्य की प्राथमिकताओं के बारे में अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री ने दायित्वधारियों से कहा, “यह वक्त हाथ पर हाथ धरे बैठने का नहीं है। जनता को यह दिखना चाहिए कि हम उनके लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। आपके कार्य ही आने वाले समय में पार्टी की साख तय करेंगे।”
जनता के बीच पैठ बनाने की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उत्तराखंड की राजनीति में जनसंपर्क और योजनाओं की धरातली पहुंच का विशेष महत्व रहा है। पिछली सरकारों को योजनाओं की सही जानकारी लोगों तक न पहुंचा पाने की वजह से चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा। शायद इसी अनुभव से सीख लेते हुए धामी सरकार ने अभी से दायित्वधारियों को जागरूक करने और सक्रिय भूमिका में लाने की रणनीति बनाई है।
सरकार के अनुसार, यदि दायित्वधारी अपने विभागों की योजनाओं को लेकर ग्रामीण और शहरी इलाकों में गहन जनसंपर्क करेंगे तो जनता के बीच सरकार की सकारात्मक छवि बनेगी। इससे विपक्ष के आरोपों का प्रभाव भी कम होगा और पार्टी को चुनावी लाभ मिल सकता है।
सामाजिक और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग
बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि सभी दायित्वधारी सोशल मीडिया, व्हाट्सएप समूह, फेसबुक पेज आदि के माध्यम से भी योजनाओं का प्रचार करें। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जनता के साथ संवाद बनाना आज के समय की मांग है और इसका प्रभाव खासकर युवा मतदाताओं पर अधिक होता है। सरकार डिजिटल इंडिया के विजन को राज्य में भी साकार करना चाहती है।