- दिल्ली की केदारनाथ धाम ट्रस्ट बनाएगी केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति,भाजपा सरकार नहीं
- दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण पर तीर्थ पुरोहितों में उबाल, अंदरूनी ‘राजनीति’ हुई तेज
- प्रतीकात्मक मन्दिर बनने से किसी भी ज्योतिर्लिंगों का महत्व कम नही होता- भाजपा
देहरादून: भाजपा के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र काल में देवस्थानम बोर्ड के गठन के समय आंदोलित चारधाम के तीर्थ पुरोहित एक बार फिर मुखर हैं। वजह यह कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का निर्माण नहीं होना चाहिए।
इस बीच, महापंचायत के मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि धामों के नाम पर स्थापित किए जा रहे मंदिरों को तत्काल रोक लगाई जाए।
गौरतलब है कि दिल्ली में केदारनाथ धाम की प्रतिकृति के तौर पर एक मंदिर का निर्माण किया जाएगा। बीते दिनों दिल्ली में शिलान्यास कार्यक्रम किया गया। इस मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी, महामंडलेश्वर कैलाशानन्द गिरी समेत कई संत मौजूद थे।
इस मंदिर को श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट बनाने जा रहा है। तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बाद जब वस्तुस्थिति पता करने पर भाजपा प्रवक्ता मनवीर चौहान ने बताया कि इस मंदिर से धामी सरकार का कोई लेना देना नहीं है। सरकार इस मंदिर को नहीं बना रही है बल्कि एक ट्रस्ट बना रही है।
इस पूरे मामले में तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने अपनी बैठक में दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने का सख्त विरोध किया है।
केदारनाथ धाम ट्रस्ट कर रही मंदिर निर्माण
इस विरोध के बाद दिल्ली की केदारनाथ धाम ट्रस्ट ने प्रेस नोट जारी कर साफ किया कि हमारा ट्रस्ट श्री केदारनाथ धाम दिल्ली के द्वारा केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है । इस मन्दिर का केदारनाथ धाम जो कि उत्तराखंड में स्थित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है उस से कोई संबंध नहीं है । जैसा कि आपको ज्ञात ही होगा दिल्ली में खाडू श्याम, माता वैष्णो देवी और बद्रीनाथ जैसे कई मंदिर बनाये गए है उसी तरह हमारी ट्रस्ट द्वारा भी श्री केदारनाथ मंदिर दिल्ली का निर्माण किया जा रहा है।
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति को लेकर राजनीतिक बयानवाजी भी तेज हो गयी है। इस पूरे मामले को हवा देने की खबरें भी राजनीतिक गलियारों में तेजी से घूम रही है। कांग्रेस के अलावा भाजपा का एक गुट पूरे मसले पर नजरें गड़ाए हुए है।
केदारनाथ मंदिर मसले पर कांग्रेस कूदी
बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार के फैसले का तीखा विरोध किया है। उन्होंने विरोध में राहु मंदिर पैठाणी(पौड़ी) में एक घंटे का मौन व्रत रखा।
कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी व प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने कहा कि केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का शिलान्यास करना सनातन और वैदिक परंपरा का अपमान है।
प्रतीकात्मक मन्दिर बनने से नही बदलता पौराणिक स्वरूप- भाजपा
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि दिल्ली मे भगवान केदारनाथ के प्रतीकात्मक मन्दिर का निर्माण एक ट्रस्ट करवा रही न कि प्रदेश सरकार।
चौहान ने कहा कि दिल्ली अथवा कहीं भी प्रतीकात्मक मन्दिर बनने से किसी भी ज्योतिर्लिंगों का महत्व कम नही होता। पुराणों में 12 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख है और किसी प्रतीकात्मक मन्दिर के बनने से कुछ भी बदलाव असंभव है। उन्होंने कहा कि देश मे कई प्रतीकात्मक मंन्दिर हैं और आस्थावान लोग वहां सदियों से पूजा अर्चना करते आये हैं। इससे सनातन धर्मालंबी आहत नही बल्कि राहत महसूस करेंगे।