उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर प्रदेश के दिव्यांग छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों को सिविल सेवा परीक्षा की मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग प्रदान करेगी। इससे दिव्यांग छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में मदद मिलेगी और वे भी प्रमुख सरकारी सेवाओं में भाग ले सकेंगे।
यह पहल दिव्यांगजनों के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी, क्योंकि अब वे अपनी शारीरिक चुनौतियों के बावजूद उच्चतम प्रशासनिक सेवाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे। इस योजना से प्रदेश के दिव्यांग छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए गुणवत्तापूर्ण कोचिंग उपलब्ध होगी, जो उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी और उन्हें सरकारी सेवाओं में आने के अवसर प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा कि दिव्यांगजनों की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उनका मानना है कि इस तरह की पहल से दिव्यांग समुदाय को समावेशी विकास में मदद मिलेगी और उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा।
जिलों में दिव्यांगजनों के लिए विशेष कैंप
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगे कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में दिव्यांगजनों के लिए विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे, जिनमें दिव्यांगजनों को मुफ्त उपकरण प्रदान किए जाएंगे। ये उपकरण दिव्यांगजनों के दैनिक जीवन को सरल बनाने के लिए होंगे और उनकी शारीरिक चुनौतियों को कम करने में मदद करेंगे।
सरकार द्वारा यह कदम दिव्यांगजनों की जीवन गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इन कैंपों के माध्यम से दिव्यांगजनों को सही प्रकार के सहायक उपकरण उपलब्ध होंगे, जिनकी जरूरत उन्हें सामान्य जीवन जीने में महसूस होती है।
मुख्यमंत्री ने इस योजना की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि इस तरह के कदम दिव्यांगजनों के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोलेंगे और वे समाज में अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दे सकेंगे।
अन्य विकास योजनाओं को भी मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों के कल्याण के अलावा प्रदेश में अन्य कई विकास योजनाओं को भी मंजूरी दी। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं इस प्रकार हैं:
1. ग्रामीण क्षेत्र हरिचांद गुरुचांद बंग सामुदायिक भवन निर्माण
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर के ग्रामीण क्षेत्र हरिचांद गुरुचांद बंग में एक विशाल सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 69.19 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी। यह सामुदायिक भवन ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा, जिससे स्थानीय निवासियों को विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन करने में मदद मिलेगी।
2. बलभद्र खलंगा मेले के लिए वित्तीय सहायता
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने देहरादून में बलभद्र खलंगा मेले के आयोजन के लिए 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की। यह मेला राज्य के सांस्कृतिक धरोहर को प्रमोट करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जो न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय कारीगरी और हस्तशिल्प को भी प्रोत्साहित करेगा।
3. पिथौरागढ़ में अस्पताल विस्तार
पिथौरागढ़ जिले के बेस चिकित्सालय के विस्तार के लिए भी एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके अंतर्गत, चण्डाक मोटर मार्ग पर उचित स्थान से एप्रोच रोड का निर्माण किया जाएगा, जिससे अस्पताल तक पहुंच को आसान बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त, पिथौरागढ़ जिला अस्पताल से सटे अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग के सरकारी आवास को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया, जिससे जिला अस्पताल के विस्तार को सुविधा मिल सके।
4. ध्वज जयंती माता मंदिर विकास कार्य
ध्वज जयंती माता मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे मंदिर के पर्यटन और धार्मिक महत्व को भी बढ़ावा मिलेगा।
5. बाराबीसी महोत्सव के लिए अनुदान
मुख्यमंत्री ने तहसील देवलस्थल में आयोजित होने वाले बाराबीसी महोत्सव के आयोजन के लिए 5 लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा की। यह महोत्सव क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं को प्रमोट करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं की मंजूरी
मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ जिले के कई विकास कार्यों को मंजूरी दी, जिनमें सीपू (गलाती नाला) और कालिका नाले के लिए सुरक्षात्मक कार्य, पिथौरागढ़ में राजी जनजाति को प्रशिक्षण देने और धारचूला-टनकपुर मुख्य राजमार्ग से संपर्क मार्ग का कार्य शामिल है। इसके अलावा, तालेश्वर मंदिर के पास स्वागत द्वार का निर्माण और मुख्य राजमार्ग के संपर्क मार्ग का विकास भी प्रस्तावित किया गया है।
6. गैरसैंण में नए विकास कार्य
गैरसैंण को गढ़वाल और कुमाऊं जिलों से जोड़ने के लिए योजना बनाई गई है। इसके अलावा, गैरसैंण में उत्तराखंड परिवहन निगम का डिपो बनाने के लिए विभागीय रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया गया है। इस पहल से गैरसैंण के कनेक्टिविटी को मजबूत किया जाएगा और इस क्षेत्र में परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
7. सारकोट को आदर्श ग्राम सभा बनाना
मुख्यमंत्री ने ग्राम सारकोट को आदर्श ग्राम सभा बनाने का प्रस्ताव भी मंजूरी दी। साथ ही, सारकोट से भराड़ीसैण मोटर मार्ग का डामरीकरण कर उसका नाम शहीद स्व. श्री वासुदेव के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया।