
दिल्ली में नवरात्रि महोत्सव के दौरान मंदिरों में भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। इस साल नवरात्रि के पर्व के दौरान राजधानी दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालु देवी के दर्शन करने के बाद फूल-माला और नारियल चढ़ाने की परंपरा नहीं निभा सकेंगे। मंदिरों के प्रशासन ने सुरक्षा और संभावित संक्रमण से बचाव के उपायों के तहत यह निर्णय लिया है। यह कदम खासतौर पर पिछले कुछ वर्षों में कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
झंडेवालान मंदिर की नवरात्रि तैयारियां
प्राचीन और ऐतिहासिक झंडेवालान देवी मंदिर में इस साल वासंतिक नवरात्र महोत्सव 30 मार्च से 6 अप्रैल तक धूमधाम से मनाया जाएगा। हर साल इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान लाखों भक्त देवी के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार भी भक्तों की भारी संख्या की उम्मीद की जा रही है। श्रद्धालु हर साल इस समय देवी के दरबार में अपने मनोकामना पूर्ति के लिए फूल-माला, फल और नारियल चढ़ाते हैं, लेकिन इस बार मंदिर प्रशासन ने भक्तों से आग्रह किया है कि वे इन चीजों को साथ लाकर देवी को अर्पित न करें।
मंदिर प्रशासन ने नवरात्रि के दौरान एक विशेष व्यवस्था की है ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के पूजा कर सकें। रानी झांसी मार्ग से मंदिर में प्रवेश करने के लिए विशेष द्वार बनाए गए हैं। भक्त मंदिर में पूजा और ध्यान करने के बाद बाहर निकलेंगे और उन्हें उसी मार्ग पर पैकेट बंद प्रसाद वितरित किया जाएगा। इस निर्णय के पीछे मंदिर प्रशासन का मुख्य उद्देश्य भक्तों की सुरक्षा और संक्रमण से बचाव है।
सुरक्षा और संक्रमण से बचाव के उपाय
मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए यह कदम उठाया है। कोरोना महामारी के दौरान, मंदिरों में फूल और नारियल चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, और यह प्रतिबंध अब भी जारी है। भक्तों को बाहर ही अपने प्रसाद को मंदिर के कर्मचारी को सौंपने की अनुमति दी जाएगी। मंदिर परिसर में इस समय 260 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं ताकि हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नजर रखी जा सके और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, मंदिर प्रशासन ने बताया कि नवरात्रि के दौरान सभी प्रमुख कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण सोशल मीडिया पर किया जाएगा, ताकि जो भक्त किसी कारणवश मंदिर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, वे घर बैठे ही देवी के दर्शन कर सकें।
रवींद्र गोयल, जो मंदिर के प्रबंधक (अतिरिक्त) हैं, ने बताया कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु हर नवरात्रि में झंडेवालान मंदिर से ज्योति लेकर अपने घरों में ज्योति जलाने आते हैं। इस बार भी मंदिर प्रशासन ने भक्तों के ठहरने और भोजन का पूरा प्रबंध किया है। चूंकि नवरात्रि के साथ नव संवत्सर की शुरुआत हो रही है, मंदिर ने 10,000 पताकाओं का निर्माण कराया है। भक्त जो इन पताकाओं को अपने घरों पर फहराना चाहते हैं, वे मंदिर से संपर्क कर इसे प्राप्त कर सकते हैं।
अन्य प्रमुख मंदिरों में भी सुरक्षा व्यवस्था और व्यवस्थाएं
दिल्ली के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी नवरात्रि महोत्सव के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। छतरपुर मंदिर, कालकाजी मंदिर और बिड़ला मंदिर में भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। इन मंदिरों में भी भक्तों को देवी के दर्शन के बाद कोई फूल-माला या नारियल चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, कुछ मंदिरों में विशेष स्थानों पर भक्त देवी के नाम पर इन चीजों को अर्पित कर सकेंगे।
छतरपुर मंदिर में विशेष स्थान पर अर्पित किए जा सकेंगे प्रसाद
छतरपुर मंदिर के प्रशासन ने बताया कि भक्तों को फूल-माला या नारियल देवी के चरणों में अर्पित करने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, मंदिर परिसर में एक विशेष स्थान पर भक्त इन चीजों को अर्पित कर सकते हैं। इस कदम का उद्देश्य मंदिर परिसर में भीड़-भाड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
दिल्ली पुलिस की सक्रिय भूमिका
नवरात्रि महोत्सव के दौरान सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस भी सक्रिय रूप से मंदिरों के साथ मिलकर काम कर रही है। पुलिस प्रशासन ने मंदिरों के आसपास के इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए विशेष उपाय किए हैं। नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने मंदिरों के आसपास और प्रमुख मार्गों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था का निर्देश दिया है।
भक्तों के लिए डिजिटल दर्शन
मंदिर प्रशासन ने डिजिटल माध्यमों के जरिए भी भक्तों को पूजा का लाभ देने की व्यवस्था की है। अब भक्त अपने घरों से ही मोबाइल फोन या अन्य डिजिटल उपकरणों के जरिए देवी के दर्शन कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर मंदिर के कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इस अवसर का लाभ उठा सकें।