
धरती की चुप्पी टूटी तो रूस से जापान तक अफरातफरी मच गई। बुधवार सुबह जब लोग रोजमर्रा की ज़िंदगी में व्यस्त थे—कोई मेट्रो में झपकी ले रहा था, कोई ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था, तो कोई नाश्ते की प्लेट में मग्न था—अचानक ज़मीन ने जैसे गुस्से में आकर सब कुछ झकझोर दिया। रूस के कामचाटका प्रायद्वीप के पास आए 8.8 तीव्रता के भीषण भूकंप ने जापान समेत पूरे प्रशांत महासागर क्षेत्र को चेतावनी के मोड में डाल दिया।
धरती की गूंज से थर्राया पूर्वी एशिया
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, यह भूकंप बुधवार सुबह रूस के सुदूर पूर्वी इलाके कामचाटका प्रायद्वीप के पास समुद्र में 19 किलोमीटर की गहराई में आया। इस जबरदस्त भूकंप के झटके न केवल रूस बल्कि जापान, अलास्का, फिलीपींस, ताइवान और हवाई तक महसूस किए गए। भूकंप के बाद तीव्र आफ्टरशॉक्स भी दर्ज किए गए, जिनकी तीव्रता 6.9 तक पहुंची।
जापान में मेट्रो ट्रेनें झूलती हुई नजर आईं, यात्रियों को अचानक सीटों को पकड़ते और आपस में एक-दूसरे को थामते देखा गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखा कि टोक्यो और साप्पोरो जैसे बड़े शहरों में ऊंची इमारतें हिलने लगीं, लोगों के चेहरे पर डर साफ़ झलक रहा था।
रूस में हिल गई इमारतें, सायरन से गूंजा शहर
रूस के सुदूर पूर्वी शहरों में तो जैसे सन्नाटा छा गया। व्लादिवोस्तोक, युज्नो-साखालिंस्क और सेवेरो-कुरील्स्क जैसे क्षेत्रों में लोगों को घरों से बाहर भागते देखा गया। स्कूलों में लगे सीसीटीवी में क्लासरूम की बेंचें अपने-आप खिसकती नजर आईं। कई जगहों पर दीवारों से पंखे और घड़ियां गिर गईं, बिजली आपूर्ति ठप हो गई और इंटरनेट सेवाएं बाधित हुईं।
सेवेरो-कुरील्स्क में स्थानीय प्रशासन ने तत्काल इमरजेंसी अलर्ट जारी कर 2,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। रूस के भूकंपीय केंद्र ने इसे “पिछले 50 वर्षों का सबसे तीव्र भूकंप” बताया है।
जापान में भी अलर्ट, फायर अलार्म से गूंजीं इमारतें
जापान की मौसम एजेंसी (JMA) ने देश के उत्तरी तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है। होक्काइडो और होंशु में समुद्र की लहरों की ऊंचाई 1 मीटर तक दर्ज की गई है। तोहोकू और क्योटो क्षेत्रों में भी अलर्ट जारी किया गया है। सरकारी आपातकालीन टीमें तटीय क्षेत्रों में सक्रिय हो गई हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाया जा रहा है।
टोक्यो में कई इमारतों में फायर अलार्म अपने आप बजने लगे, सड़कें कंपन से लहराने लगीं और कार्यस्थलों से कर्मचारी सड़कों पर निकल आए।
तस्वीरों और वीडियो ने मचाया सोशल मीडिया पर कोहराम
सोशल मीडिया पर हैशटैग #EarthquakeRussiaJapan ट्रेंड कर रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में जापान की मेट्रो में यात्रियों को असंतुलित होते हुए, हाथ पकड़ते हुए देखा जा सकता है। वहीं रूस में घरों के अंदर कैमरे में रिकॉर्ड हुआ कंपन लोगों को दहशत में डाल गया।
एक वायरल वीडियो में दिखा कि रूस के एक अपार्टमेंट के लिविंग रूम में रखा पंखा खुद-ब-खुद घूमने लगा, जबकि खिड़कियों के कांच आवाज़ के साथ झनझना उठे। एक अन्य क्लिप में देखा गया कि सड़क किनारे खड़ी गाड़ियां किसी हिंसक झूले की तरह लहराती दिखीं।
“अब ऊपर वाला ही बचाए” – लोगों की प्रतिक्रियाएं
भूकंप के झटकों और सुनामी की चेतावनियों के बाद इंटरनेट पर यूजर्स ने डर और चिंता जताई। एक यूजर ने लिखा, “अब ऊपर वाला ही बचा सकता है, जब जमीन भी भरोसे के काबिल नहीं रही।”
एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, “भगवान भी कभी हार न मानने वालों की परीक्षा लेता है… लेकिन ये तो बहुत हो गया।”
कुछ ने इसे “2025 का सबसे भयावह प्राकृतिक क्षण” करार दिया।
सुनामी की आशंका से प्रशांत क्षेत्र में हाई अलर्ट
प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने अमेरिका के हवाई, अलास्का, गुआम, फिलीपींस और न्यूजीलैंड तक सुनामी वॉच और एडवाइजरी जारी कर दी है। बताया गया कि इस तीव्रता के भूकंप के कारण समुद्र में 1 से 3 मीटर ऊंची लहरें उत्पन्न हो सकती हैं, जो कई देशों के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर सकती हैं। हवाई प्रशासन ने समुद्र तटों पर सायरन बजाकर लोगों को हटाया, जबकि अलास्का के कुछ हिस्सों में स्कूलों और दुकानों को बंद कर दिया गया।
अब तक कोई जान-माल का बड़ा नुकसान नहीं
अभी तक किसी देश से जान-माल की बड़ी क्षति की कोई पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में बिजली और संचार व्यवस्था प्रभावित हुई है। जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से कोई रेडिएशन रिसाव नहीं हुआ है, लेकिन एहतियात के तौर पर सिस्टम को सेफ मोड में डाल दिया गया है।
विशेषज्ञों की चेतावनी: आफ्टरशॉक्स से रहें सावधान
भूकंपीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस तीव्रता के भूकंप के बाद आने वाले 24 से 72 घंटे तक शक्तिशाली आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं, जो अतिरिक्त खतरे पैदा कर सकते हैं। उन्होंने तटीय क्षेत्रों के निवासियों को खुले और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। भारतीय मौसम विभाग ने भी अंडमान-निकोबार और पूर्वोत्तर भारत में हल्के झटकों की संभावना से इनकार नहीं किया है।
क्यों आए ऐसे भूकंप?
यह क्षेत्र ‘Ring of Fire’ का हिस्सा है—एक ऐसा इलाका जो दुनिया में सबसे अधिक ज्वालामुखीय और भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यह भूकंप Pacific Plate और Eurasian Plate के टकराव का परिणाम माना जा रहा है। इसी क्षेत्र में 2011 में जापान में आया 9.0 तीव्रता का भूकंप भी आया था, जिसने फुकुशिमा परमाणु त्रासदी को जन्म दिया था।