
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा की सरकारों ने एहतियातन पूरे शैक्षणिक ढांचे को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। पंजाब सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा के पंचकूला जिले में शुक्रवार से सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और निजी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश फिलहाल तीन दिनों के लिए लागू रहेगा, लेकिन हालात की समीक्षा के बाद इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
यह निर्णय उस समय लिया गया है जब सीमा पर युद्ध जैसे हालात बन गए हैं और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। पंजाब के सीमावर्ती जिलों में पहले ही सेना और पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है, वहीं अब पूरे राज्य में सुरक्षा के लिहाज से शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है।
प्रशासनिक आदेश और सरकार की घोषणा
पंजाब सरकार के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी कि प्रदेश में सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूल-कॉलेज अगले तीन दिन तक बंद रहेंगे। उन्होंने लिखा, “वर्तमान सुरक्षा स्थिति को देखते हुए पंजाब सरकार ने राज्य भर के सभी शिक्षण संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।”
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि पहले यह निर्णय केवल सीमावर्ती जिलों तक सीमित था, लेकिन हालात की गंभीरता को देखते हुए अब यह पूरे पंजाब में लागू कर दिया गया है।
पंजाब यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं स्थगित
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ की ओर से भी एक आधिकारिक संदेश जारी किया गया है, जिसमें 9, 10 और 12 मई को आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नई परीक्षा तिथियों की घोषणा स्थिति सामान्य होने के बाद की जाएगी। छात्रों से कहा गया है कि वे संस्थान की वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से अपडेट लेते रहें।
यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारे लिए छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है। हम किसी भी तरह की जोखिमपूर्ण स्थिति पैदा नहीं करना चाहते। यह फैसला सभी हितधारकों की सहमति से लिया गया है।”
चंडीगढ़ और पंचकूला में भी स्कूल बंद
चंडीगढ़ प्रशासन ने भी सुरक्षा कारणों के मद्देनजर शुक्रवार और शनिवार को सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का फैसला किया है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि शहर में कोई विशेष खतरा नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए सतर्कता जरूरी है। सभी निजी और सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे बच्चों को ऑनलाइन कक्षाएं न चलाएं और सभी गतिविधियों को पूरी तरह स्थगित करें।
हरियाणा के पंचकूला जिले में भी उपायुक्त ने आदेश जारी करते हुए सोमवार तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने की घोषणा की है। आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय एहतियातन तौर पर लिया गया है और स्थिति सामान्य होने तक शिक्षण गतिविधियों को स्थगित रखा जाएगा।
अभिभावकों से अपील: बच्चों को घर पर रखें
चंडीगढ़ प्रशासन और पंजाब सरकार ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को घर पर ही रखें और किसी भी भीड़भाड़ वाले स्थान या सार्वजनिक स्थल पर उन्हें न भेजें। प्रशासन का मानना है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है, लेकिन असामान्य स्थिति से बचाव के लिए नागरिकों की जागरूकता और सहयोग जरूरी है।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, “यह केवल एक एहतियात है। हम नहीं चाहते कि कोई अनहोनी हो। बच्चों की सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं बरती जा सकती।”
सीमावर्ती जिलों में पहले ही था अलर्ट
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से हाल ही में अमृतसर के सीमावर्ती गांवों पर किए गए रॉकेट हमले के बाद पूरे पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) और सेना पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं। हाल के दिनों में एयर डिफेंस सिस्टम की सक्रियता और सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त के दायरे को बढ़ाने के बाद अब आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से शैक्षणिक संस्थानों पर फोकस किया गया है।
राज्य सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हालात की समीक्षा करते रहें और आवश्यकतानुसार आदेशों का पालन सुनिश्चित कराएं।
शिक्षकों और स्टाफ को भी दी गई छुट्टी
राज्य सरकारों ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षण संस्थानों के बंद होने का अर्थ केवल छात्रों की छुट्टी नहीं है, बल्कि शिक्षक और अन्य स्टाफ सदस्य भी इस दौरान संस्थान में न आएं। किसी भी प्रकार की बैठक या प्रशासनिक गतिविधि भी स्थगित की गई है।
पंजाब शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हमारी कोशिश है कि यह संदेश जाए कि हम पूरी तरह सतर्क हैं। संस्थानों को पूरी तरह बंद रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार की अनावश्यक हलचल न हो।”
सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचने की सलाह
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह या असत्यापित जानकारी को आगे न बढ़ाएं। सोशल मीडिया पर चल रहे संदेशों की सत्यता की जांच करें और केवल सरकारी स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। इसके अलावा किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या स्थानीय प्रशासन को देने के निर्देश दिए गए हैं।