
उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं को इस महीने एक बड़ी राहत मिली है। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (FPPCA) के तहत बिजली की दरों में औसतन 89 पैसे प्रति यूनिट की कमी की घोषणा की है। इस फैसले से राज्य भर के लाखों उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिलेगी और यह राहत मई माह के बिजली बिलों में दिखाई देगी।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह छूट इसलिए संभव हो पाई है क्योंकि मार्च माह में निगम ने निर्धारित दरों से कम दरों पर बिजली बाजार से बिजली खरीदी। जिससे यूपीसीएल की खरीद लागत में कमी आई और इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को एफपीपीसीए के तहत दिया जा रहा है। कुल मिलाकर यह छूट 101 करोड़ रुपये की है, जो उपभोक्ताओं को वापस दी जा रही है।
क्या है एफपीपीसीए (FPPCA)?
एफपीपीसीए यानी फ्यूल एंड पावर पर्चेज कॉस्ट एडजस्टमेंट एक ऐसा तंत्र है जिसके माध्यम से बिजली वितरण कंपनियां अपनी बिजली खरीद लागत में हुए बदलाव के आधार पर उपभोक्ताओं के बिलों में समायोजन करती हैं। यदि किसी माह में कंपनी की बिजली खरीद दर नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित औसत दर से कम होती है, तो उपभोक्ताओं को उस अंतर का लाभ छूट के रूप में दिया जाता है। इसके ठीक उलट, यदि बिजली महंगी खरीदी जाती है, तो अतिरिक्त लागत उपभोक्ताओं से वसूली भी की जा सकती है।
उपभोक्ताओं को कितना मिलेगा लाभ?
89 पैसे प्रति यूनिट की औसत छूट का सीधा असर उपभोक्ताओं के मासिक बिजली बिलों पर पड़ेगा। घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक और कृषि सहित सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को इस छूट का फायदा होगा। अनुमान है कि:
- घरेलू उपभोक्ताओं को औसतन 26 से 70 पैसे प्रति यूनिट की राहत मिलेगी।
- कमर्शियल श्रेणी को 101 पैसे प्रति यूनिट,
- सरकारी उपभोक्ताओं को 95 पैसे,
- ट्यूबवेल उपयोगकर्ताओं को 31 पैसे,
- कृषि उपभोक्ताओं को 43 पैसे,
- एलटी और एचटी इंडस्ट्री को 94 पैसे,
- मिक्स लोड श्रेणी को 88 पैसे,
- रेलवे ट्रैक्शन को 88 पैसे,
- और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों को 84 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी जाएगी।