
पंजाब के चर्चित पादरी बजिंदर सिंह एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। पहले यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे इस धर्मगुरु का एक नया सीसीटीवी वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें वह एक महिला और अन्य लोगों पर हमला करते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो फरवरी 2025 का बताया जा रहा है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में आक्रोश फैला रहा है। पादरी बजिंदर सिंह के इस नए कृत्य ने एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ला दिया है और उनकी छवि को लेकर नई चर्चा शुरू कर दी है।
वायरल वीडियो में क्या दिखा?
वायरल वीडियो में पादरी बजिंदर सिंह अपने कार्यालय में एक महिला और उसके बच्चे सहित कई लोगों पर हमला करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि वह पहले एक कर्मचारी पर मोबाइल फोन फेंकते हैं और फिर उसे थप्पड़ मारते हैं। इसके बाद, वह एक महिला पर हमला करते हैं, जो अपने बच्चे के साथ कार्यालय में आई थी। उन्होंने पहले महिला पर कागजों का ढेर फेंका और फिर गुस्से में उसे धक्का दे दिया। वीडियो में यह स्पष्ट दिख रहा है कि पादरी बजिंदर सिंह का व्यवहार हिंसक था और वहां मौजूद लोग बीच-बचाव करने की कोशिश करते हैं।
घटना के बाद वहां मौजूद अन्य लोग पादरी बजिंदर सिंह को अलग करने में सफल होते हैं, लेकिन यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल गया है और लोगों में भारी आक्रोश फैल रहा है। यह वीडियो उन आरोपों को और बल दे रहा है, जो पहले से ही पादरी बजिंदर सिंह पर यौन उत्पीड़न के संबंध में लगे हुए हैं।
यौन उत्पीड़न के मामले में भी चल रही है जांच
पादरी बजिंदर सिंह पर पहले भी गंभीर आरोप लगे थे, जिनमें यौन उत्पीड़न का मामला प्रमुख है। 2022 में, 22 वर्षीय एक महिला ने पादरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला के अनुसार, पादरी ने उसका मोबाइल नंबर लिया और फिर अश्लील संदेश भेजने शुरू कर दिए। इसके बाद, पादरी ने कथित तौर पर महिला को चर्च केबिन में अकेले बुलाया और गलत तरीके से छुआ। महिला ने विरोध किया तो पादरी ने उसे धमकियां दीं और उसके परिवार को खत्म करने की धमकी भी दी।
यह मामला तब सामने आया था जब महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और बाद में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस पर कार्रवाई शुरू की थी। पादरी बजिंदर सिंह ने इन आरोपों को “निराधार” बताया और इसे एक साजिश करार दिया।
पुलिस और राष्ट्रीय महिला आयोग की कार्रवाई
28 फरवरी 2025 को पंजाब पुलिस ने पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया। उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक रूपिंदर कौर की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, जो इस मामले की गहन जांच कर रहा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, पादरी बजिंदर सिंह ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है और इसे एक साजिश के रूप में पेश किया है।
क्या बोले पादरी बजिंदर सिंह?
पादरी बजिंदर सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “आजकल फर्जी चैट्स आसानी से बनाई जा सकती हैं। अगर आरोप सही हैं, तो उन्हें सबूत पेश करने चाहिए। चर्च में हर कोई जानता है कि वह लड़की मानसिक रूप से अस्थिर थी और प्रार्थना के लिए आई थी। हम केवल सेवा करते हैं।”
बजिंदर सिंह ने 2022 के यौन उत्पीड़न के मामले को भी झूठा करार दिया। उन्होंने दावा किया कि उस मामले में उनकी छवि को धूमिल करने के लिए साजिश की गई थी। इसके अलावा, 2018 में भी उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था, जो बाद में झूठा साबित हुआ था।
पहले भी विवादों में रह चुके हैं बजिंदर सिंह
पादरी बजिंदर सिंह पहले भी कई विवादों में फंसे रहे हैं। 2018 में जीरकपुर की एक महिला ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। अब मोहाली की अदालत ने इस मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी किया है।
इसके अलावा, 2022 में एक दिल्ली परिवार ने पादरी बजिंदर सिंह पर अपनी बेटी के इलाज के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगाया था। इलाज के दौरान बेटी की मौत हो गई, जिसके बाद परिवार ने बजिंदर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई।
2023 में आयकर विभाग ने उनके विभिन्न परिसरों पर छापे मारे थे, जिनमें यह आरोप लगे थे कि वह धार्मिक गतिविधियों की आड़ में आर्थिक अनियमितताएं कर रहे थे।