उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने राज्य का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट का कुल आकार 17,865 करोड़ रुपये है, जिसमें लगभग 790 करोड़ रुपये के नए प्रस्ताव भी शामिल हैं। यह बजट योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा अनुपूरक बजट है, जो राज्य में विकास की गति को तेज करने और विभिन्न विभागों के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित करने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है।
इस बजट को पेश करते हुए, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार ने हर स्तर पर वित्तीय अनुशासन बनाए रखा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बजट में जितने खर्च की आवश्यकता होगी, वह उसी आधार पर होगा। मंत्री ने प्रदेश के विकास को प्राथमिकता देते हुए कहा कि अनुपूरक बजट के माध्यम से सरकार ने अपने विकास एजेंडे को और मजबूत किया है। उन्होंने महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन को बजट में समाहित करते हुए इसे दुनिया के सबसे बड़े इवेंट्स में से एक बताया और कहा कि इस इवेंट को यूनेस्को ने मानवता की मूर्ति धरोहर के रूप में मान्यता दी है।
अनुपूरक बजट में क्या-क्या है?
इस अनुपूरक बजट में कई नए और महत्वपूर्ण प्रस्तावों को शामिल किया गया है। सरकार ने विभिन्न विभागों के लिए अतिरिक्त धनराशि का आवंटन किया है, ताकि विकास कार्यों में कोई कमी न आए और राज्य की बुनियादी सुविधाओं को और मजबूत किया जा सके। विशेष रूप से महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के लिए बजट में समुचित प्रावधान किए गए हैं, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने में सहायक साबित होंगे।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अनुपूरक बजट का उद्देश्य प्रदेश के विकास को गति देना है, और इसके माध्यम से राज्य की बुनियादी संरचना, जैसे सड़कें, पुल, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। इसके साथ ही, इस बजट में विशेष रूप से कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न योजनाओं का प्रावधान किया गया है।
नेताओं के बयान: सरकार के विकास एजेंडे पर जोर
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
अनुपूरक बजट पेश होने से पहले, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि उनका काम सिर्फ विरोध करना है, जबकि सरकार का लक्ष्य प्रदेश में विकास करना है। उन्होंने कहा, “विकास की गति कभी भी विरोध के कारण नहीं रुकेगी। आज अनुपूरक बजट पेश होने के बाद विकास की गति और तेज होगी।” उन्होंने भरोसा जताया कि इस बजट से प्रदेश में हर क्षेत्र में बदलाव आएगा और समाज के सभी वर्गों को इसका फायदा होगा।
मंत्री ओम प्रकाश राजभर
वहीं, मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी इस बजट की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास के लिए धन की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इस अनुपूरक बजट के माध्यम से विभिन्न विभागों को आवश्यक धन आवंटित किया जाएगा ताकि उनकी योजनाओं को सही समय पर पूरा किया जा सके। राजभर ने कहा कि इस बजट के माध्यम से सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए काम करेगी और प्रदेश के विकास को सुनिश्चित करेगी।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी अनुपूरक बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट राज्य की बुनियादी संरचना को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, “इस बजट से राज्य के सभी क्षेत्रों में विकास होगा और खासकर महाकुंभ के आयोजन को और बेहतर तरीके से आयोजित करने में मदद मिलेगी। कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा, जिससे प्रदेश में सुरक्षा का माहौल कायम रहेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इस बजट के माध्यम से वह अपना विकास एजेंडा पूरी तरह से पूरा करेगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ था और यह शुक्रवार तक चलेगा। इस सत्र में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा योजनाओं और बजट पर चर्चा की जाएगी, साथ ही विपक्षी दलों द्वारा इन योजनाओं पर सवाल भी उठाए जा सकते हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट पेश करते हुए इसे राज्य के विकास और सरकार की योजनाओं के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस बजट में महाकुंभ जैसे ऐतिहासिक आयोजन के अलावा, प्रदेश की कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, सड़क निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक धनराशि का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, कृषि और किसान कल्याण के लिए भी बजट में कई प्रावधान किए गए हैं, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
महाकुंभ और अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए बजट का विशेष प्रावधान
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इस बजट में महाकुंभ को लेकर विशेष प्रावधान की बात की। महाकुंभ 2025 में होने वाला है और यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्य के पर्यटन उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा। योगी सरकार ने महाकुंभ के आयोजन के लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी है, और इस आयोजन को यूनेस्को द्वारा मानवता की मूर्तिधरोहर के रूप में मान्यता मिलने के बाद, सरकार इसे और भी भव्य रूप से आयोजित करने की योजना बना रही है।