
पंजाब की राजनीति में एक बड़ा फेरबदल देखने को मिला जब तरनतारन से तीन बार विधायक रह चुके वरिष्ठ नेता हरमीत सिंह संधू ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया। चंडीगढ़ में आयोजित एक औपचारिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में संधू ने AAP की सदस्यता ली।
संधू के आम आदमी पार्टी में शामिल होने को लेकर राजनीतिक हलकों में पहले से ही चर्चा थी, लेकिन अब उनके शामिल होने के साथ ही यह अटकलें तेज हो गई हैं कि उन्हें आगामी उपचुनाव में पार्टी का प्रत्याशी बनाया जा सकता है।
AAP ने किया पार्टी में शामिल होने का ऐलान
आम आदमी पार्टी पंजाब की ओर से उनके आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर संधू के पार्टी में शामिल होने की सूचना दी गई। पोस्ट में लिखा गया,
“तरनतारन विधानसभा क्षेत्र से पूर्व अकाली विधायक हरमीत सिंह संधू मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व और पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में AAP में शामिल हुए। हम पार्टी परिवार में उनका हार्दिक स्वागत करते हैं।” यह घोषणा राजनीतिक दृष्टिकोण से इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि संधू लंबे समय तक शिरोमणि अकाली दल (SAD) से जुड़े रहे हैं और पार्टी में उनका एक स्थायी और प्रभावशाली स्थान रहा है।
संधू का राजनीतिक सफर: SAD से AAP तक
हरमीत सिंह संधू का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प रहा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में की थी और 2002 में तरनतारन सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद वे 2007 और 2012 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर विधायक बने और राज्य की राजनीति में उन्होंने एक सशक्त पहचान बनाई।
हालांकि, 2024 के अंत में उन्होंने अकाली दल से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनकी विचारधारा में मतभेद उभर आए थे। विशेष रूप से सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ उनके मतभेद सामने आने लगे थे। इन्हीं कारणों से उन्होंने आखिरकार SAD से नाता तोड़ AAP का रुख किया।
AAP की रणनीति और संधू का महत्व
AAP को उम्मीद है कि संधू का क्षेत्र में मजबूत जनाधार और राजनीतिक अनुभव पार्टी के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, संधू के आने से AAP को तरनतारन विधानसभा क्षेत्र में एक विश्वसनीय और अनुभवी चेहरा मिला है।
AAP पहले ही आगामी उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठित रणनीति के तहत तैयारी कर रही है। पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी अब अपने जनाधार को और अधिक मजबूत करना चाहती है। ऐसे में संधू जैसे नेताओं की मौजूदगी से पार्टी को न केवल स्थानीय स्तर पर मजबूती मिलेगी, बल्कि यह विरोधी दलों के लिए एक राजनीतिक चुनौती भी बन सकती है।
सर्वे में मिली संधू को बढ़त
AAP ने तरनतारन सीट के लिए एक निजी एजेंसी से सर्वे करवाया, जिसमें यह बात सामने आई कि हरमीत सिंह संधू को जनता का भारी समर्थन प्राप्त है और वे उपचुनाव में जीत की क्षमता रखते हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि सर्वे के नतीजों के बाद ही संधू को पार्टी में शामिल करने का निर्णय तेजी से लिया गया। हालांकि, इस सीट पर पहले से AAP के कई स्थानीय नेता भी टिकट के दावेदार थे, जिससे आंतरिक प्रतिस्पर्धा की स्थिति बन गई थी। लेकिन अब संधू की एंट्री के साथ ही माना जा रहा है कि पार्टी उनके नाम पर सहमति बना सकती है।
पार्टी का दावा: नया अध्याय शुरू
पार्टी में शामिल होने के बाद हरमीत सिंह संधू ने कहा, “AAP आज पंजाब की जनता की उम्मीदों की पार्टी बन चुकी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में जो काम राज्य में हो रहे हैं, वे वास्तव में लोगों की भलाई के लिए हैं। मैं इस आंदोलन का हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।” मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी इस मौके पर कहा, “हरमीत सिंह संधू जैसे अनुभवी नेता का पार्टी में आना यह दर्शाता है कि आज ईमानदार और पारदर्शी राजनीति की दिशा में सभी सकारात्मक सोच वाले लोग एकजुट हो रहे हैं। पंजाब को अब ऐसे नेताओं की ज़रूरत है, जो धरातल से जुड़े हों और जनता के लिए काम करना जानते हों।”