
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति लगातार बनी हुई है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी और हमलों में कई निर्दोष नागरिक घायल हुए हैं। इन घायलों में से कुछ को पंजाब के अमृतसर स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पंजाब सरकार की ओर से उनका नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि घायल नागरिकों के इलाज में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
इस संबंध में पंजाब के NRI मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने शुक्रवार को जानकारी साझा करते हुए कहा कि घायलों को अमृतसर के सरकारी अस्पताल में हरसंभव चिकित्सा सहायता दी जा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से अपने आधिकारिक अकाउंट से यह जानकारी साझा करते हुए लिखा, “पाकिस्तानी हमले में घायल हुए हर इंसान का पूरा इलाज मुफ्त किया जाएगा।” उन्होंने बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि पीड़ितों को समय पर और समुचित इलाज मिले।
धालीवाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं कि घायल नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। राज्य सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि इलाज के लिए सभी आवश्यक संसाधन और दवाएं मुहैया कराई जाएंगी। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और किसी भी आकस्मिक जरूरत को पूरा करने के लिए तैयार है।
सरकारी अस्पताल में जारी है इलाज, हर सुविधा उपलब्ध
अमृतसर के सरकारी अस्पताल में भर्ती घायलों को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा दी गई और अब उनका समुचित इलाज चल रहा है। डॉक्टरों की विशेष टीम इन मरीजों की देखरेख में तैनात की गई है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, घायल नागरिकों में से कुछ की स्थिति गंभीर थी, लेकिन समय पर इलाज मिलने के कारण अब उनकी हालत स्थिर है।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि घायलों की देखभाल के लिए विशेष वार्ड तैयार किया गया है और चौबीसों घंटे चिकित्सकीय निगरानी की जा रही है। मरीजों के परिजनों को भी अस्पताल परिसर में आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं।
स्थानीय लोगों से संयम और सहयोग की अपील
कुलदीप सिंह धालीवाल ने सीमा क्षेत्र का दौरा करते हुए वहां की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार लोगों की सुरक्षा और ज़रूरी व्यवस्थाओं को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने पूंछ में हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार घायलों के साथ खड़ी है और उनकी हर जरूरत का ध्यान रखा जा रहा है।
धालीवाल ने लोगों से अपील की कि वे इस संवेदनशील समय में संयम बनाए रखें और प्रशासनिक निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। उन्होंने कहा, “सरकार चौकस है और हर नागरिक की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। ऐसी परिस्थिति में अफवाहों पर ध्यान न दें और अपने घरों में सुरक्षित रहें।”
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ, और कठुआ जैसे सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तान की ओर से बार-बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया है। हालिया हमलों में कई नागरिक घायल हुए हैं, जबकि कुछ को जान से हाथ धोना पड़ा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से हो रही इन घटनाओं को भारत ने गंभीरता से लिया है और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति का लगातार मूल्यांकन कर रही हैं। सीमा पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है और निगरानी तंत्र को और अधिक सशक्त किया गया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी भी दी है कि ऐसे हमलों का करारा जवाब दिया जाएगा।
मानवीय संवेदनाएं और प्रशासन की तत्परता
जहां एक ओर ये हमले दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारों का मानवीय रुख सराहनीय है। पंजाब सरकार ने जिस तत्परता से घायल नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया और उनका मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया, वह प्रशासन की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का प्रतीक है।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भी पंजाब सरकार की इस पहल की सराहना की है। अमृतसर के सामाजिक कार्यकर्ता जसबीर सिंह ने कहा, “इस मुश्किल घड़ी में सरकार द्वारा उठाया गया कदम न सिर्फ राहत देने वाला है, बल्कि यह एक सकारात्मक उदाहरण भी है कि जब राज्य और प्रशासन एक साथ खड़े होते हैं, तो किसी भी चुनौती से निपटा जा सकता है।”
सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता और भविष्य की तैयारी
भारत की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF) और सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों को सीमावर्ती इलाकों में तैनात किया गया है। ड्रोन और सैटेलाइट निगरानी को भी बढ़ाया गया है ताकि पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का समय रहते जवाब दिया जा सके।
केंद्र सरकार की ओर से भी राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि सीमावर्ती इलाकों में नागरिकों की सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत किया जाए। साथ ही, बंकर निर्माण और राहत केंद्रों की व्यवस्था को भी युद्ध स्तर पर लागू किया जा रहा है।