- LIC के चेयरमैन मोहंती ने निर्मला सीतारमण को सौंपा डिविडेंड का चेक
- 1 सितंबर 1956 को गठित की गई थी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)
- एलआईसी में सरकारी हिस्सेदारी करीब ₹1.2 लाख करोड़ रुपये है
- पिछले साल भी एलआईसी ने सरकार को 1831 करोड़ रुपये डिविडेंड के तौर पर दिए थे
- जब संपनी की शुरुआत हुई थी, तब इसकी कुल पूंजी केवल 5 करोड़ रुपये थी
- 31 मार्च 2023 तक कंपनी का असेट बेस 45.50 लाख करोड़ का हो चुका है
राज्य की बात: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीवन बीमा कंपनी लाइफ भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को 2,441 करोड़ रुपये का लाभांश चेक दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऑफिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में यह जानकारी दी है। पोस्ट में बताया गया है कि शुक्रवार को जीवन बीमा निगम के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 2,441.44 करोड़ रुपये का डिविडेंड का चेक सौंपा है। वित्त मंत्री सीतारमण को यह चेक दिए जाने के मौके पर फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी भी मौजूद रहे।
एलआईसी का मालिकाना हक सरकार के पास है। इसमें सरकार की हिस्सेदारी 96.5 फीसदी है। पहले सरकार का कंपनी पर 100 फीसदी स्वामित्व था, लेकिन इसने आईपीओ के जरिए 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी है। उल्लेखनीय है कि एलआईसी ने पिछले साल सरकार को 1,831.09 करोड़ रुपये का डिविडेंड का चेक सौंपा था। एलआईसी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रति शेयर डेढ़ रुपये का डिविडेंड दिया है। एलआईसी ने डिवीडेंड का ऐलान 31 मई 2022 को किया था। हालांकि, एलआईसी सरकार को हर साल डिविडेंड नहीं देती है।
एलआईसी ने 2021 में केंद्र सरकार को डिविडेंड नहीं दिया था। दरअसल, उस समय एलआईसी ने डिविडेंड देने की बजाय फ्री रिजर्व का इस्तेमाल अपना पेड-अप कैपिटल बढ़ाने में किया था। उल्लेखनीय है कि एलआईसी का गठन 1 सितंबर 1956 को किया गया था। यह जीवन बीमा कंपनी करीब दशकों से मार्केट लीडर के रूप में बाजार में मौजूद है। बता दें कि 1956 में जब इस संपनी की शुरुआत की गई थी, तब इसकी कुल पूंजी केवल 5 करोड़ रुपये थी। 31 मार्च 2023 तक कंपनी का असेट बेस 45.50 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है। पिछले कुछ समय में भारतीय बीमा क्षेत्र में कई निजी कंपनियों ने प्रवेश किया है। लेकिन एलआईसी का दर्जा प्रभावित नहीं हुआ है।