पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अग्नि सुरक्षा उपायों को प्रभावी बनाने के लिए स्टेट फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल 2024 को मंजूरी दी है। इस बिल के लागू होने से न केवल प्रदेश में अग्नि सुरक्षा उपायों को मजबूती मिलेगी, बल्कि कारोबारियों को व्यापार करने में भी सहूलियत प्राप्त होगी।
अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्रों की अवधि बढ़ाई गई
इस नए कानून के तहत, पंजाब में अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्रों की वैधता अब एक वर्ष की बजाए तीन वर्ष तक होगी। इसका मतलब है कि इमारतों के मालिकों और कब्जाधारियों को बार-बार प्रमाणपत्र के नवीनीकरण की चिंता नहीं रहेगी। इसके साथ ही, तीसरे पक्षों को मान्यता देने, उनकी गतिविधियों का निरीक्षण करने और सुरक्षा उपायों में लापरवाही बरतने वालों को सजा देने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।
अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र की आवश्यकता
पंजाब में अब सभी इमारतों के मालिकों और कब्जाधारियों को अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। उन्हें आग लगने से रोकने के उपायों का लगातार अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर रिटर्न भी जमा करना होगा। यह कदम प्रदेश में अग्नि सुरक्षा की स्थिति को मजबूत करेगा और नागरिकों को सुरक्षा का एहसास कराएगा।
राजस्व के नए स्रोत
पंजाब सरकार ने फायर प्रशासन को सभी इमारतों पर अग्नि टैक्स लगाने की क्षमता प्रदान की है। इसके साथ ही, फायर टैक्स पर सेस लगाने की भी व्यवस्था की गई है। फायर प्रशासन अब आग की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित अग्रिम सेवाओं के लिए उपयोगकर्ता शुल्क भी एकत्र कर सकेगा। यह न केवल सरकारी राजस्व में वृद्धि करेगा, बल्कि अग्नि सुरक्षा उपायों को लागू करने में भी मदद करेगा।
नया अग्नि और आपातकालीन सेवा विभाग
पंजाब सरकार ने राज्य स्तरीय अग्नि और आपातकालीन सेवा विभाग की स्थापना की है, जिसका नेतृत्व स्थानीय निकाय विभाग के डायरेक्टर करेंगे। यह विभाग अग्नि सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन में सहायक होगा और तकनीकी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में मदद करेगा।
अधिकारियों के लिए नई कार्यप्रणाली
पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल 2024 के अंतर्गत अधिकारियों के लिए एक व्यवस्थित निरीक्षण करने की रूपरेखा तैयार की गई है। फायर अधिकारी अब आसानी से निरीक्षण कर सकेंगे और किसी इमारत में संभावित आग के खतरों को प्रभावी ढंग से बेअसर करने के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी कर सकेंगे।
आग बुझाने के कार्यों का संचालन
बिल के तहत फायर फाइटर्स को आग बुझाने के कार्यों को प्रभावी रूप से संचालित करने और उनसे जुड़े जोखिमों और जटिलताओं का प्रबंधन करने के लिए भी अधिकृत किया गया है। यह कदम अग्नि सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
जोखिम वर्गीकरण और दंड
पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल में इमारतों की श्रेणियों को सरकार द्वारा आग लगने के कम, मध्यम या उच्च जोखिम के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। इस वर्गीकरण के आधार पर, दंड की गंभीरता भी भिन्न होगी। यह बिल यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी संसाधनों का बड़ा हिस्सा आग लगने के उच्च जोखिम वाली इमारतों की श्रेणियों पर लक्षित किया जाए।
लगातार गैर-अनुपालन के लिए सख्त दंड
बिल में यह भी प्रावधान है कि लगातार गैर-अनुपालन के लिए सख्त दंड निर्धारित किए गए हैं। प्रत्येक अपराध के लिए बिल में एक पड़ाववार मॉडल की परिकल्पना की गई है, जिससे दंड का निर्धारण अधिक प्रभावी हो सके।
प्रमुख प्रावधान
पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं:
- फायर प्रिवेंशन एंड लाइफ सेफ्टी फंड का गठन।
- एक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना।
- बीमा योजना का प्रावधान।
- सार्वजनिक और निजी संपत्तियों पर फायर हाइड्रेंट और अन्य उपकरणों की स्थापना का प्रावधान।
- उल्लंघन करने पर जुर्माना।
- समय-समय पर विभिन्न प्रावधानों को नोटिफाई करना।