
श्रावण मास के आगमन के साथ ही आज से पवित्र कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो गई है। पूरे उत्तर भारत में शिवभक्तों का अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है। श्रावण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर चतुर्दशी तक चलने वाली इस यात्रा में, लाखों कांवड़िए पवित्र गंगा जल लेकर अपने-अपने नगरों, गांवों और कस्बों के शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे।
इस धार्मिक यात्रा का प्रारंभ हरिद्वार के पवित्र हर की पैड़ी से होता है, जहां भक्तजन गंगाजल भरकर पदयात्रा के रूप में अपने गंतव्यों की ओर रवाना होते हैं। हरिद्वार की गलियों में आज सुबह से ही “बोल बम”, “हर हर महादेव” और “बम बम भोले” के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही हहरिद्वार से कांवड़ यात्रा: इतिहास और परंपरा
हरिद्वार, जहां से यह यात्रा शुरू होती है, हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, काल के प्रथम खंड में कनखल के राजा दक्ष को दिए वचन के पालन हेतु भगवान शिव स्वयं कनखल पधारे थे। यही वजह है कि श्रावण मास में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। ऐसा माना जाता है कि इसी काल में भोलेनाथ ने श्रावण में कांवड़ियों द्वारा लाया गया जल स्वीकार किया था।
इस बार शिव चौदस 23 जुलाई, बुधवार को पड़ेगी, क्योंकि एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी की तिथियां एक साथ पड़ रही हैं और त्रयोदशी का क्षय हो रहा है। यह एक विशेष योग है, जिसमें जल चढ़ाना अत्यंत फलदायक माना गया है।
भक्ति, सुरक्षा और सेवा की त्रिवेणी
कांवड़ यात्रा केवल एक आध्यात्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि एक सामाजिक आयोजन भी बन चुकी है। हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, दिल्ली और अन्य मार्गों पर सेवा शिविर, भोजन वितरण केंद्र, और प्राथमिक चिकित्सा कैंप लगाए जाते हैं। स्थानीय लोग, धार्मिक संगठन और स्वयंसेवी संस्थाएं कांवड़ियों के स्वागत में दिन-रात जुटे रहते हैं। सुरक्षा के लिहाज से भी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। पुलिस, पीएसी और यातायात विभाग के जवान चौबीसों घंटे सेवा में तैनात हैं। ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
हरिद्वार में उमड़ा जनसैलाब
हरिद्वार में आज सुबह से ही लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और घाटों पर भारी भीड़ देखी गई। शहर की सड़कों को एकतरफा कर दिया गया है ताकि कांवड़ यात्रा सुचारु रूप से चल सके। स्थानीय प्रशासन ने सभी शिविरों में पेयजल, स्वच्छता, मेडिकल सुविधा, और मूलभूत सेवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की है। गंगा घाटों पर लगातार सफाई अभियान चलाया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो।