हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम दिन, पूर्व सांसद अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी में अपनी वापसी की घोषणा की। यह कदम न केवल तंवर के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मोड़ है, बल्कि इसे बीजेपी के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। तंवर की वापसी राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई, जिसने कांग्रेस को एक नई ताकत दी है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया: तंवर का दलबदल
इस घटनाक्रम पर बीजेपी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व गृहमंत्री और अंबाला कैंट से बीजेपी के उम्मीदवार अनिल विज ने कहा, “ये प्रवासी पक्षी हैं, जो एक डाल से दूसरी डाल पर फुदकते रहते हैं। इनका कोई अपना घर नहीं होता।” उन्होंने यह भी कहा कि तंवर जैसे नेताओं का पार्टी में शामिल होना बीजेपी के लिए न तो लाभकारी है और न ही हानिकारक। विज ने यह साफ किया कि जनता इन दलबदलुओं को जानती है और ऐसे नेताओं को राजनीतिक परिदृश्य से बाहर कर देती है।
तंवर का राजनीतिक सफर
अशोक तंवर का राजनीतिक सफर हमेशा से उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। वह पहले हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और अक्टूबर 2019 में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने एक नई पार्टी बनाई, लेकिन यह ज्यादा सफल नहीं हो सकी। नवंबर 2021 में तंवर टीएमसी में शामिल हुए और फिर अप्रैल 2022 में आम आदमी पार्टी का हिस्सा बने। जनवरी 2024 में उन्होंने बीजेपी में कदम रखा, लेकिन अब एक बार फिर कांग्रेस में वापसी की है।
तंवर की राजनीतिक यात्रा हरियाणा के दलित नेताओं में उनकी पहचान को और मजबूती देती है। कांग्रेस में उनकी वापसी को लेकर पार्टी ने उत्साह प्रकट किया है और कहा है कि इससे संगठन को मजबूती मिलेगी।
कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया
कांग्रेस की ओर से तंवर की वापसी पर पहली प्रतिक्रिया आई, जिसमें कहा गया कि तंवर के नेतृत्व से पार्टी को नया दिशा-निर्देश मिलेगा। पार्टी ने यह भी कहा कि तंवर बीजेपी की कैंपेन कमेटी के सदस्यों के बीच में से एक थे, और उनकी वापसी ने बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
चुनावी मैदान में नया मोड़
तंवर की वापसी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि तंवर के जुड़ने से पार्टी को मजबूत समर्थन मिलेगा, खासकर दलित मतदाताओं के बीच। वहीं, बीजेपी अब इस दलबदल को अपने लिए एक चुनौती मान रही है और उसे उम्मीद है कि जनता ऐसे नेताओं के खिलाफ खड़ी होगी जो बार-बार पार्टी बदलते हैं।
बीजेपी की चुनावी रणनीति
बीजेपी ने अब तक हरियाणा में अपनी मजबूत स्थिति को बनाए रखा है, लेकिन तंवर के वापसी से पार्टी की रणनीति में बदलाव आ सकता है। बीजेपी को उम्मीद है कि उनके पुराने कार्यकर्ताओं और समर्थकों का समर्थन उन्हें मजबूती देगा। वहीं, बीजेपी ने यह भी कहा है कि वे इस चुनाव में जनता के बीच अपनी सच्चाई पेश करेंगे और उन्हें बताएंगे कि तंवर जैसे नेताओं का वास्तव में कोई आधार नहीं है।