हरियाणा विधानसभा के नए भवन के निर्माण के लिए चंडीगढ़ में भूमि आवंटन को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। यह विवाद अब राजनीतिक बयानबाजी के साथ एक नया मोड़ ले चुका है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक है, और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपनी राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब के लोगों के हित में काम करना चाहिए।
सैनी ने आरोप लगाया कि भगवंत मान बेवजह के मुद्दों पर लोगों का ध्यान भटका रहे हैं और एसवाईएल (सतलुज यमुनावाली लिंक) के विवाद को लेकर भी पंजाब के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उनका कहना था कि पंजाब के किसानों की फसल की खरीद एमएसपी पर नहीं हो पाई है, और इस समस्या को सुलझाने के बजाय मान चंडीगढ़ जैसे गैर-जरूरी मुद्दों पर बहस कर रहे हैं।
पंजाब के नेताओं का विरोध, हरियाणा के भाजपा नेताओं का समर्थन
इस विवाद में केवल हरियाणा के मुख्यमंत्री का ही बयान नहीं आया है, बल्कि पंजाब के नेता भी सक्रिय हो गए हैं। पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि चंडीगढ़ में हरियाणा के लिए भूमि आवंटन रोक दिया जाए। जाखड़ के अनुसार, यह मामला पंजाब की राजनीति में हस्तक्षेप करेगा और दोनों राज्यों के बीच विवाद को और बढ़ाएगा।
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस और अकाली दल ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया है। इन दलों का कहना है कि चंडीगढ़ एक अंतर-राज्यीय क्षेत्र है और इसका उपयोग केवल प्रशासनिक कार्यों के लिए होना चाहिए, न कि राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए। इन दलों ने हरियाणा के नेताओं की मांग को गलत ठहराया और कहा कि चंडीगढ़ को केवल पंजाब का हिस्सा मानते हुए उसका नियंत्रण पंजाब के पास होना चाहिए।
अनिल विज ने किया कड़ा बयान
इस विवाद में हरियाणा के भाजपा नेताओं ने खुलकर अपनी आवाज उठाई है। राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को यह याद रखना चाहिए कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि चंडीगढ़ तब तक पंजाब का है, जब तक पंजाब राज्य हरियाणा को एसवाईएल का पानी और विभाजन के समय उसे सौंपे गए क्षेत्र को वापस नहीं करता। विज ने यह भी कहा कि जिस समय पंजाब और हरियाणा अलग हुए थे, उस समय हरियाणा को चंडीगढ़ में विधानसभा भवन के लिए स्थान दिया गया था, और अब यह हरियाणा का अधिकार है कि यहां अपना अलग विधानसभा भवन बने।
विज ने यह भी कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच जो समझौता हुआ था, उसे पंजाब की सरकार लागू नहीं कर रही है और इसलिए हरियाणा को चंडीगढ़ में अपना विधानसभा भवन बनाने का अधिकार मिलना चाहिए। उनके अनुसार, जब तक पंजाब के नेता अपने वादों को पूरा नहीं करते, तब तक चंडीगढ़ पर हरियाणा का अधिकार बना रहेगा।