HARYANA: CM नायब सिंह सैनी ने पंजाब सरकार को दी सलाह, किसानों की फसलें MSP पर खरीदने की मांग

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा में किसानों की सभी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जा रही हैं और उन्होंने पंजाब सरकार को भी यही कदम उठाने की सलाह दी। सैनी ने यह बयान चंडीगढ़ में आयोजित हस्तशिल्प प्रदर्शनी के दौरान संवाददाताओं से बातचीत करते हुए दिया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान किसानों के हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले दस वर्षों में किए गए ‘ऐतिहासिक’ कार्यों की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है और राज्य के किसानों को MSP पर फसलों की खरीदी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि वह भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए किसानों की फसलें MSP पर खरीदे और इसकी घोषणा सार्वजनिक रूप से करे।
मुख्यमंत्री का पंजाब सरकार को सुझाव
नायब सिंह सैनी ने कहा, “पंजाब की ‘आप’ सरकार और कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को भी किसानों को सशक्त बनाने के लिए निर्णय लेना चाहिए। पंजाब सरकार को किसानों की फसलें MSP पर खरीदने का फैसला लेना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब के किसान इस समय कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं और ऐसे में पंजाब सरकार को यह कदम उठाना चाहिए ताकि किसानों को आर्थिक राहत मिल सके।
सैनी ने विशेष रूप से पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का भी जिक्र किया, जो इस समय आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने किसानों के लिए MSP की कानूनी गारंटी की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने इस पत्र को किसान के जीवन के अधिकार से संबंधित एक गंभीर मुद्दा बताया और पंजाब और अन्य राज्यों से किसानों के हित में ठोस कदम उठाने की अपील की।
कांग्रेस और AAP पर निशाना
मुख्यमंत्री सैनी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) पर भी हमला बोला और इन दोनों पार्टियों को राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल केवल राजनीति कर रहे हैं, जबकि हरियाणा सरकार किसानों की फसलों को MSP पर खरीद रही है और किसानों को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।”
सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही है और राज्य में हर किसान की फसल MSP पर खरीदी जा रही है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार किसानों की मदद के लिए हर संभव कदम उठा रही है, ताकि उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।”
पंजाब के किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ने पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “डल्लेवाल का आमरण अनशन, जो 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर चल रहा है, एक गंभीर मुद्दा है। किसान अपनी फसलों के लिए MSP पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं और यह उनका अधिकार है।”
उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, और उनकी यह लड़ाई पूरे देश के किसानों के हित में है।
किसान नेताओं द्वारा दिल्ली में प्रवेश करने के प्रयास के बारे में मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक लिया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि 14 दिसंबर को किसान एक बार फिर दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास करेंगे, लेकिन राज्य सरकार इस संबंध में किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
कांग्रेस की स्थिति पर मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री सैनी ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है। उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों का हवाला देते हुए कहा, “कांग्रेस झूठ बोलती है और अब लोगों को इसका एहसास हो गया है। महाराष्ट्र में भी जनता ने कांग्रेस को खारिज कर दिया है।”
सैनी ने कहा कि आने वाले चुनावों में भी कांग्रेस को उसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा, “2029 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) केंद्र की सत्ता में आएगी। लोग प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्वास रखते हैं और उनका विश्वास आगामी चुनावों में भी साफ तौर पर दिखाई देगा।”
“एक देश, एक चुनाव” का समर्थन
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने “एक देश, एक चुनाव” के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और समय की बचत होगी। सैनी ने इस कदम को सकारात्मक बताते हुए कहा, “हम एक के बाद एक चुनावों में उलझे रहते हैं, कभी पंचायत चुनाव, कभी नगर निगम चुनाव, कभी विधानसभा या लोकसभा चुनाव। चुनावों में बहुत अधिक धन खर्च होता है और समय की भी बर्बादी होती है। आचार संहिता लागू होने से विकास कार्यों में ब्रेक लग जाता है।”
उन्होंने कहा कि “एक देश, एक चुनाव” का कदम देश के लिए लाभकारी साबित होगा और इससे विकास कार्यों को गति मिलेगी। इस फैसले से चुनावी प्रक्रिया में भी एकरूपता आएगी और इससे प्रशासनिक कामकाजी माहौल भी बेहतर होगा।