
हिसार शहर के सूर्य नगर में बना रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) आखिरकार बनकर तैयार हो गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए शुरू में 59.66 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित की गई थी, लेकिन निर्माण में हुई देरी और डिजाइन में बदलाव के कारण इसकी लागत बढ़कर 79.4 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह प्रोजेक्ट पांच बार डेडलाइन बढ़ाए जाने के बाद अब 68 महीने में पूरा हुआ है। इस आरओबी-आरयूबी के निर्माण से सूर्य नगर, अर्बन एस्टेट, विद्युत नगर, शिव कॉलोनी, सेक्टर 3-5, सेक्टर 1-4, महावीर कॉलोनी, मिल गेट एरिया और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को बड़ा फायदा होगा।
शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पुनिया, जिला अध्यक्ष अशोक सैनी, पूर्व चेयरमैन रणधीर धीरू और अन्य अधिकारियों ने मिलकर इस आरओबी का मुआयना किया। इस मौके पर सुरेंद्र पुनिया ने बताया कि 25 नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे।
प्रोजेक्ट का इतिहास और देरी
सूर्य नगर आरओबी-आरयूबी परियोजना का काम फरवरी 2019 में शुरू हुआ था। इस परियोजना का लक्ष्य नवंबर 2021 तक पूरा होना था, लेकिन कई कारणों से इसमें देरी हुई। मुख्य रूप से लॉकडाउन के कारण काम में रुकावट आई, जबकि बिजली लाइनों की शिफ्टिंग और रेलवे की मंजूरी में भी समय लगा। इसके बाद परियोजना की डेडलाइन को बढ़ाकर अगस्त 2022 कर दिया गया था।
अगस्त 2019 में जब रेलवे के लिए टेंडर जारी किया गया, तो ड्राइंग पास न होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका। हालांकि, सितंबर 2019 में रेलवे के हिस्से की ड्राइंग को मंजूरी मिली और दिसंबर 2019 में काम शुरू हुआ। फिर से, टेंडर की शर्तों के मुताबिक, एजेंसी को डेढ़ साल में अपने हिस्से का काम पूरा करना था, जिससे परियोजना की डेडलाइन मई 2024 तक निर्धारित की गई थी। लेकिन फिर से देरी के चलते यह डेडलाइन भी बढ़ाकर अगस्त 2023 कर दी गई। इसके बावजूद, परियोजना के काम में और देरी हुई और आखिरी डेडलाइन 31 अक्टूबर 2023 निर्धारित की गई, जो अब पूरी हो चुकी है।
लागत में वृद्धि
प्रारंभ में इस परियोजना की अनुमानित लागत 59.66 करोड़ रुपये थी, लेकिन डिजाइन में बदलाव और निर्माण कार्य में देरी के कारण यह बढ़कर 79.4 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। अधिकारियों के मुताबिक, आरओबी की प्रारंभिक ड्राइंग में रेलवे के हिस्से के लिए सिंगल पिलर डिजाइन किया गया था, लेकिन बाद में इसे डबल पिलर में बदल दिया गया। पिलर की संख्या बढ़ने से पाइल की संख्या भी बढ़ी, जिससे परियोजना की लागत में बढ़ोतरी हुई।
ड्राइंग में किए गए इस बदलाव ने केवल लागत ही नहीं बढ़ाई, बल्कि निर्माण की प्रक्रिया में भी देरी हुई। हालांकि, अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इस बदलाव से संरचनात्मक मजबूती में इजाफा हुआ है और आरओबी का डिजाइन ज्यादा सुरक्षित हो गया है।
विवादों में रहा निर्माण कार्य
इस परियोजना के दौरान न केवल देरी और लागत में वृद्धि की समस्याएं रही, बल्कि यह निर्माण कार्य कई विवादों का भी हिस्सा बना। सबसे बड़ा विवाद तब सामने आया जब स्थानीय निवासियों ने आरयूबी के अंडरपास डिजाइन को लेकर चिंता जताई। उनका कहना था कि अंडरपास को सीधा नहीं बनाया गया, जिससे हादसों की संभावना बढ़ सकती है। हालांकि, अधिकारियों ने इन चिंताओं को सिरे से नकारते हुए कहा कि पिलर डिजाइन में बदलाव के कारण अंडरपास की अलाइनमेंट में थोड़ा बदलाव आया था, लेकिन यह सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह से सुरक्षित है।
इसी दौरान एक और घटना सामने आई जब गार्डर रखने के दौरान कई टन वजनी क्रेन अचानक पलट गई। गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई। इस दुर्घटना ने निर्माण कार्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए, लेकिन अधिकारियों ने इसके बाद सुरक्षा उपायों को और कड़ा किया।
शहर का सबसे लंबा आरओबी
सूर्य नगर आरओबी-आरयूबी शहर का सबसे लंबा रेलवे ओवर ब्रिज है, जिसकी कुल लंबाई 1185 मीटर है। इस आरओबी और आरयूबी के बन जाने से न केवल ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि इलाके के लोगों को रोजमर्रा के यातायात में भी काफी राहत मिलेगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद सूर्य नगर, अर्बन एस्टेट, विद्युत नगर, शिव कॉलोनी, सेक्टर 3-5, सेक्टर 1-4, महावीर कॉलोनी और मिल गेट क्षेत्र के निवासियों को अब जाम की समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। यह आरओबी उन लोगों के लिए खासतौर पर उपयोगी होगा जो रेलवे क्रॉसिंग के कारण लंबे समय तक फंसे रहते थे।
मुख्यमंत्री का उद्घाटन
भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पुनिया ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन 25 नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करेंगे। मुख्यमंत्री के आने से पहले अधिकारियों ने आरओबी का मुआयना किया और सभी व्यवस्थाओं को ठीक से जांचा। उद्घाटन के दिन इस प्रोजेक्ट का औपचारिक रूप से जनता के लिए खोल दिया जाएगा, जिसके बाद इसे यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।